US AIM-120 AMRAAM Missiles Pakistan: पाकिस्तान ने बीते दिनों में अमेरिका के सामने खुद को लगभग बेच ही दिया. डोनाल्ड ट्रंप के लिए भारत के साथ सैन्य संघर्ष रोकने के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग कर दी. बलूचिस्तान से निकलने वाले रेयर अर्थ मैटेरियल का पूरा सूटकेस लेकर पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष आसिम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ट्रंप के सामने खड़े दिखे. उसके बाद अमेरिका को पसनी में नया बंदरगाह बनाने का भी ऑफर दे दिया. किसलिए? शायद सुरक्षा के लिए. लेकिन इसी बीच खबर आई अमेरिका पाकिस्तान को उन्नत एयर-टू-एयर (AIM-120 AMRAAMs) मिसाइलें देने वाला है. ये खबर आते ही पाकिस्तान और भी उछलने लगा, लेकिन मुश्किल से एक हफ्ते में ही इस पर अमेरिका की ओर से इस रिपोर्ट का खंडन आ गया. अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने इस मामले पर एक बयान जारी करते हुए सभी मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया है.
भारत में अमेरिकी दूतावास ने शुक्रवार को उस खबर पर स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका पाकिस्तान को उन्नत एयर-टू-एयर मिसाइलें बेच रहा है. दूतावास के बयान में कहा गया, “प्रशासन यह स्पष्ट करना चाहता है कि झूठी मीडिया रिपोर्टों के विपरीत, इस अनुबंध संशोधन में पाकिस्तान को नई एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल्स (AMRAAMs) की आपूर्ति शामिल नहीं है. यह सस्टेनमेंट पाकिस्तान की मौजूदा क्षमताओं में किसी भी अपग्रेड को शामिल नहीं करता.” प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि जिस अनुबंध संशोधन (contract modification) की बात की जा रही है, वह केवल “सस्टेनमेंट और स्पेयर पार्ट्स” के लिए है और इससे पाकिस्तान की मौजूदा क्षमताओं में कोई अपग्रेड नहीं किया जा रहा है. वहीं एक अन्य बयान में दूतावास ने कहा कि पहले की मीडिया रिपोर्टों ने अनुबंध संशोधन के उद्देश्य और दायरे को गलत तरीके से प्रस्तुत किया या बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया.
30 सितंबर, 2025 को अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ वॉर ने मानक अनुबंध घोषणाओं की एक सूची जारी की थी, जिसमें विदेशी सैन्य बिक्री के कुछ मदों के रखरखाव से जुड़े अनुबंध संशोधन शामिल थे. उस समय इस संशोधन में नई एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल्स (AMRAAMs) की आपूर्ति वाले 35 देशों में पाकिस्तान को भी शामिल करने की बात कही गई थी. हालांकि दूतावास ने स्पष्ट किया कि यह अनुबंध पाकिस्तान की मौजूदा हवाई क्षमता में किसी भी प्रकार का उन्नयन नहीं करेगा.
पाकिस्तान की उम्मीद थी कि F-16 फ्लीट होगी मजबूत
पिछले कुछ दिनों में कई मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट किया था कि पाकिस्तान को अमेरिका से AIM-120 AMRAAM मिसाइलें मिलने की संभावना है, जिससे उसकी F-16 फ्लीट मजबूत होगी और क्षेत्रीय हवाई संतुलन प्रभावित हो सकता है. इन रिपोर्टों के बाद यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने संबंध सुधारते हुए उसे नई सैन्य क्षमताएं प्रदान कर रहा है, जबकि भारत के साथ उसके रिश्तों में तनाव बना हुआ है. अमेरिका के इस बयान से स्पष्ट होता है कि संबंधित अनुबंध सस्टेनमेंट प्रकृति का है यानी इसका उद्देश्य केवल मौजूदा प्रणालियों को बनाए रखना है. उन्हें उन्नत करना नहीं और यह प्रक्रिया अमेरिका की रक्षा खरीद प्रणाली में सामान्य रूप से अपनाई जाती है.
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