Bondi Beach Attack: 14 दिसंबर को सिडनी के बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान गोलबारी हुई जिसमें करीब 16 लोगों की मौत हुई और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. यह हमला ऑस्ट्रेलिया के अब तक का सबसे भीषण गोलीबारी घटना है जहां दो बंदूकधारियों ने भीड़ पर गोलियां बरसाई. इस हमले में एक बच्चे की भी मौत हुई है. दोनों हमलावर पाकिस्तान मूल के बाप-बेटे थे. इस घटना के बाद प्रधाममंत्री एंथनी अल्बानीड ने इसे यहूदी विरोधी आतंकवाद बताया है. पुलिस की गोलीबारी में 50 वर्षीय बंदूकधारी मारा गया और उसके 24 साल के घायल बेटे का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है. ऐसे में चलिए विस्तार से जानते हैं हनुक्का के पर्व के बारे में जिसके पहले दिन के जश्र्न में ही इतनी गोलियां बरसाई गईं.
क्या है हनुक्का ? (Hanukkah Festival)
हनुक्का त्योहार यहूदियों का बहुत ही खास पर्व है जिसे आठ दिनों तक मनाया जाता है. हुनक्का को प्रकाश और रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है. यह पर्व लगभग 2200 साल पुराना है और यहूदियों के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. हनुक्का शब्द का मतलब समर्थन है और ये यहूदी इतिहास में सबसे खास त्योहारों में से एक है. इस त्योहार में मोमबत्ती जलाई जाती है. हनुक्का हर साल नवंबर से दिसंबर महीने के बीच में ही मनाया जाता है.
क्यों कहते हैं इसे यहूदियों की दिवाली? ( Why its called Jewish Diwali)
हनुक्का और दिवाली को लोग कई बार एक ही बोलते हैं क्योंकि इन दोनों को ही रोशनी और उजाले का त्योहार कहा जाता है. जिस तरह हिंदू धर्म के कार्तिक महीने में अमावस्या के दिन दिवाली मनाई जाती है ठिक उसी प्रकार से सर्दियों की लंबी रातों में अंधेरे को दूर करने के लिए यहूदी लोग हनुक्का मनाते हैं. इस त्योहार में आशा और दृढ़ता के प्रतीक के रूप में मेनोराह (एक विशेष प्रकार का कैंडल स्टैंड) जलाया जाता है.
दिवाली और हनुक्का दोनों ही बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. दीपावली का त्योहार भगवान राम की रावण पर विजय और अयोध्या वापसी का प्रतीक है. जबकि हनुक्का मक्काबी वंश की एक शक्तिशाली साम्राज्य पर विजय और धार्मिक स्वतंत्रता व सांस्कृतिक पहचान की रक्षा का प्रतीक है.
तेल का है खास महत्व (Hanukkah At Bondi Beach)
दिवाली के त्योहार पर तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है तो वहीं हनुक्का आठ दिनों तक तेल के चमत्कार से जुड़ा है. यही वजह है कि हनुक्का के दौरान पूरे समय मोमबत्तियां औ तेल के दीपक जलाएं जाते हैं.
कोई भी त्योहार बिना स्वादिष्ट भोजन के अधूरा होता है, जिस तरह दिवाली में मिठाइयां, नमकीन और स्नैक्स खाया जाता है वैसे ही हनुक्का के खाने में भी तले हुए पकवान खासतौर पर पैनकेक और डोनट्स जैसी चीजों को खूब खाया जाता है. इसके साथ परिवार का एक साथ इकट्ठा होना, साथ प्रार्थना करना और सात मिलकर दीया और मोमबत्ती जलाना दिवाली की ही तरह होता है. इतनी सारी समानताएं होने की वजह से हनुक्का को यहूदियों की दिवाली भी कहा जाता है.
क्यों मनाया जाता है हनुक्का? (Sydney Bondi Beach Attack)
आज से करीब 2200 सालों पहले यानी की ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में यूनानी शासकों ने यरूशलेम पर कब्जा कर लिया और यहूदियों के धार्मिक प्रथाओं पर रोक लगा दिया. इसके बाद मैकाबी नाम के एक छोटे समूह ने अपने धर्म और मंदिर को बचाने के लिए विद्रोह किया. तमाम मुश्किलों और कम संख्या होने के बावजूद वे जीत गए. मंदिर वापिस मिलने कि खुशी में पवित्र दीपक (मेनोराह) को जलाने की कोशिश की. हालांकि मेनोराह में सिर्फ एक दिन का तेल था फिर भी माना जाता है कि यह आठ दिनों तक लगातार जलता रहा. इस घटना के बाद से ही इसी चमत्कार को हर साल हनुक्का के रूप में मनाया जाने लगा.
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