Bangladesh Polls Muhammad Yunus Sheikh Hasina: बांग्लादेश में चुनावों के ऐलान के बाद से सियासी पारा पूरी तरह से चढ़ने लगा है. जहां सभी पार्टियां अपनी कमर कसके चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयारी कर रही हैं, वहीं देश की सबसे लोकप्रिय पार्टी (पिछले चुनावों में जीत हासिल करने के लिहाज से) अवामी लीग को पूरी तरह चुनावी प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि वह किसी भी तरह से चुनावों का हिस्सा नहीं बन सकेगी. बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनावों की घोषणा 12 फरवरी को नियत की है. देश की दूसरी पार्टी बीएनपी की नेता, खालिदा जिया गंभीर रूप से अस्वस्थ हैं, तो शेख हसीना देश से बाहर, वहीं देश की कमान अंतरिम सलाहकार मोहम्मद यूनुस के हाथ में है. खालिदा जिया के बेटे चुनावों के सिलसिले में जल्द ही देश में लौटने वाले हैं, तो शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने चुनाव की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसे धांधली भरा करार दिया है. साथ ही मोहम्मद यूनुस पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि वह जल्द ही देश छोड़कर फ्रांस भागने वाले हैं.
न्यूज18 से विशेष बातचीत में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने कहा कि यह चुनाव लोकतंत्र का मजाक है, क्योंकि देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी अवामी लीग के साथ-साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी को भी चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है. उन्होंने बताया कि जतीय समाजतांत्रिक दल और वर्कर्स पार्टी जैसी पार्टियों को भी प्रतिबंधित किया गया है, जिससे साफ है कि चुनाव पहले से तय परिणामों के साथ कराए जा रहे हैं. अवामी लीग की आगे की रणनीति पर उन्होंने कहा कि पार्टी समर्थकों ने छोटे स्तर पर विरोध मार्च शुरू कर दिए हैं और आने वाले दिनों में बड़े प्रदर्शन किए जाएंगे. उनका कहना था कि अवामी लीग इस फैसले के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी.
फ्रांस भागना चाहते हैं यूनुस
बांग्लादेश के राष्ट्रपति के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सजीब वाजेद ने कहा कि अगर चुनाव होते हैं तो राष्ट्रपति का पद छोड़ना स्वाभाविक प्रक्रिया है. उन्होंने संकेत दिया कि मौजूदा हालात में संवैधानिक पदों पर बने रहना संभव नहीं होगा. मुहम्मद यूनुस को लेकर सजीब वाजेद ने गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यूनुस राष्ट्रपति बनने की कोशिश नहीं कर रहे, बल्कि वह बांग्लादेश में अपने कारोबार बेचकर पैसा बाहर भेजने की तैयारी में हैं. उनका दावा है कि यूनुस अजरबैजान के जरिए फंड ट्रांसफर कर रहे हैं और देश छोड़कर फ्रांस में बसने की योजना बना रहे हैं, जहां उनका घर है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अजरबैजान के राष्ट्रपति की बेटी हाल ही में निजी यात्रा पर ढाका आई थीं और यूनुस से मुलाकात की थी.
पाकिस्तान कर सकता है धांधली
विदेशी ताकतों की भूमिका पर सजीब वाजेद ने साफ कहा कि पाकिस्तान की इसमें निश्चित रूप से संलिप्तता है. उन्होंने अजरबैजान से जुड़े पहलू को भी बेहद गंभीर बताया और आरोप लगाया कि यूनुस मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं. चुनाव आगे बढ़ने की स्थिति में बांग्लादेश के भविष्य को लेकर सजीब वाजेद ने चेतावनी दी कि अगर इस तरह का कथित धांधली भरा चुनाव होने दिया गया, तो देश जमात-ए-इस्लामी के प्रभाव में आकर एक इस्लामिक राज्य की ओर बढ़ सकता है. अवामी लीग के सबसे बड़े दुश्मन को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए सबसे बड़ा खतरा जमात-ए-इस्लामी है, न कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP).
जमात असली खतरा
उनके मुताबिक, BNP एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है, जबकि जमात बांग्लादेश की स्वतंत्रता के मूल विचार का विरोध करती है और देश को एक आतंकवादी राज्य में बदलना चाहती है. वहीं बीएनपी ने शुक्रवार को घोषणा की कि गंभीर रूप से बीमार पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 25 दिसंबर को बांग्लादेश लौटेंगे. वह पिछले 17 वर्षों से लंदन में स्वनिर्वासन में रह रहे हैं. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब इसकी 80 वर्षीय अध्यक्ष जिया की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ गई और बृहस्पतिवार को उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया.
तारिक 25 दिसंबर को लौटेंगे बांग्लादेश
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने पार्टी की नीति-निर्माण स्थायी समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमारे कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान 25 दिसंबर को ढाका लौटेंगे.’’ आलमगीर ने कहा, “पार्टी उनका स्वागत करती है.” स्वनिर्वासित 60 वर्षीय रहमान 2008 से लंदन में रह रहे हैं.
कब और कैसे होगा चुनाव
बांग्लादेश में 12 फरवरी को होने वाले चुनाव के तहत मतदान सुबह 7:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक कराया जाएगा और उसी दिन मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय सहमति आयोग के सुझाए गए सुधार प्रस्तावों पर जनमत संग्रह भी होगा. मतदाताओं को दो अलग-अलग बैलेट डालने होंगे, एक चुनाव के लिए और दूसरा जनमत संग्रह के लिए, इसी वजह से मतदान का समय एक घंटे बढ़ाया गया है. यह जनमत संग्रह देश की भविष्य की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर जनता की राय जानने के उद्देश्य से कराया जा रहा है.
चुनावी माहौल में डूबा बांग्लादेश
चुनाव की तारीखों की घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मुलाकात के एक दिन बाद की गई, जिसमें राष्ट्रपति ने सरकार की ओर से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाया. निर्वाचन कार्यक्रम के मुताबिक नामांकन की अंतिम तिथि 29 दिसंबर है, 30 दिसंबर से 4 जनवरी तक नामांकन पत्रों की जांच होगी, 20 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे और 21 जनवरी को उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की जाएगी, जबकि चुनाव प्रचार 22 जनवरी से शुरू होकर 10 फरवरी की सुबह 7:30 बजे तक चलेगा. इसके साथ ही देश में आचार संहिता लागू हो गई है और सभी राजनीतिक दलों को 48 घंटे के भीतर अपने पोस्टर और बैनर हटाने के निर्देश दिए गए हैं.
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