Australia social media ban legal challenge: वैश्विक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया की नई डिजिटल सुरक्षा नीति के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की है. इस कानून के तहत 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रमुख सोशल मीडिया मंच पर अकाउंट बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह नियम दुनिया में अपनी तरह का पहला कानून है, जिसे ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के उद्देश्य से लागू किया है.
कैलिफोर्निया स्थित Reddit Inc. ने एक हाई कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में इस कानून को चुनौती देते हुए कहा है कि यह प्रावधान न केवल तकनीकी रूप से अव्यावहारिक है, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के संविधान द्वारा संरक्षित राजनीतिक संचार की निहित स्वतंत्रता का भी उल्लंघन करता है. इसी कानून को लेकर पिछले महीने सिडनी के नागरिक अधिकार संगठन डिजिटल फ्रीडम प्रोजेक्ट ने भी कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसने यह तर्क दिया था कि यह नियम उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है.
रेडिट का बयान
रेडिट ने एक बयान में स्पष्ट किया, “हम 16 वर्ष से कम उम्र के उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा की आवश्यकता को पूरी तरह स्वीकारते हैं, लेकिन यह कानून वयस्कों और किशोरों, दोनों पर अत्यधिक कठोर पहचान सत्यापन लागू करता है. इससे युवा उपयोगकर्ता आयु-उपयुक्त ऑनलाइन समुदायों, सपोर्ट ग्रुप्स और राजनीतिक संवाद से दूर हो जाएंगे, जो उनकी सामाजिक भागीदारी और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं.”
क्या है ऑस्ट्रेलिया का सोशल मीडिया बैन कानून
कानून के तहत रेडिट, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, एक्स, यूट्यूब, स्नैपचैट, थ्रेड्स, किक और ट्विच जैसे सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि 16 वर्ष से कम उम्र वाले किसी भी खाते का उपयोग न हो. ऐसा न करने पर इन कंपनियों पर 3.29 करोड़ डॉलर तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया की ई-सुरक्षा कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने गुरुवार को इन 10 प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर यह पूछा कि नए कानून के लागू होने के बाद उन्होंने अब तक कितने नाबालिगों के खाते हटाए हैं और वे इसकी निगरानी किस तरह कर रहे हैं. कानूनी विवाद के बावजूद, रेडिट ने यह कहा है कि मामले के निपटारे तक वह कानून का पालन करेगा. इस याचिका पर फरवरी में ऑस्ट्रेलिया का उच्च न्यायालय सुनवाई करेगा. इसका निर्णय वैश्विक डिजिटल नीतियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है.
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