Pakistan US AIM-120 Missile Deal: पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में एक बार फिर गर्माहट लौट आई है. कभी “टेरर के खिलाफ जंग” में साथ चलने वाले ये दोनों देश पिछले कुछ सालों से दूरी पर थे. लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि दोनों के बीच रिश्ते फिर पटरी पर लौट रहे हैं और इसका सबसे बड़ा सबूत है अमेरिका का नया हथियार सौदा. अमेरिकी युद्ध विभाग (Department of War – DoW) ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM यानी Advanced Medium Range Air-to-Air Missile मिलने वाली है. यह वही मिसाइल है जब भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक किया था और इसमें F-16 के द्वारा इस्तेमाल करने का दावा किया गया था. साथ ही 2019 के ही भारत-पाकिस्तान टकराव के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के मिग-21 को गिराने में इस्तेमाल किए जाने का दावा किया गया था.
Pakistan US AIM-120 Missile Deal: क्या है यह सौदा?
अमेरिकी युद्ध विभाग (DoW, जिसे पहले Department of Defense कहा जाता था) ने रेथियॉन कंपनी के साथ हुए एक संशोधित हथियार अनुबंध में पाकिस्तान का नाम भी जोड़ा है. टक्सन, एरिजोना स्थित Raytheon को AMRAAM मिसाइलों के C8 और D3 वेरिएंट के उत्पादन के लिए पहले से चल रहे अनुबंध (FA8675-23-C-0037) पर 41.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त भुगतान मिला है. इससे अनुबंध का कुल मूल्य 2.51 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है. हालांकि, DoW ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि पाकिस्तान को कितनी मिसाइलें मिलेंगी.
यह सौदा केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं है. इस लिस्ट में यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, पोलैंड, फिनलैंड, कतर, ओमान, कोरिया, ग्रीस, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, नीदरलैंड, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया, डेनमार्क, कनाडा, बेल्जियम, बहरीन, सऊदी अरब, इटली, नॉर्वे, स्पेन, कुवैत, स्वीडन, ताइवान, लिथुआनिया, इजराइल, बुल्गारिया, हंगरी और तुर्की जैसे देश भी शामिल हैं. अनुबंध के तहत काम मई 2030 तक पूरा होना है.
Pakistan US AIM-120 Missile Deal in Hindi: पाकिस्तान के F-16 के लिए नया अपग्रेड प्लान
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तान को AMRAAM कार्यक्रम में शामिल किया जाना उसके F-16 बेड़े के अपग्रेड का संकेत है. ये मिसाइलें सिर्फ F-16 विमानों के साथ संगत होती हैं. यानी आने वाले समय में पाकिस्तानी वायुसेना अपने F-16 को नए वर्जन या अपग्रेड से लैस करने की दिशा में बढ़ सकती है. 2010 में पाकिस्तान ने ब्लॉक 52 F-16 विमानों के साथ AIM-120C5 वर्जन की लगभग 500 मिसाइलें खरीदी थीं. अब जो नया ऑर्डर मिला है, वह AIM-120C8 वर्जन का है और यह AIM-120D का निर्यात संस्करण है और इसे अमेरिका की सेवा में सबसे उन्नत AMRAAM माना जाता है. (Pakistan US AIM 120 Missile Deal F-16 Upgrade in Hindi)
AMRAAM की खासियत क्या है?
Raytheon की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, AIM-120C-8 और AIM-120D-3 दोनों ही AMRAAM के इंटरनेशनल वर्जन हैं. इनका इस्तेमाल एयर-टू-एयर और सर्फेस-टू-एयर दोनों ऑपरेशन में किया जा सकता है. इन मिसाइलों में 15 एडवांस सर्किट कार्ड्स लगे होते हैं जो बेहतर ट्रैकिंग और गाइडेंस सिस्टम प्रदान करते हैं. इनका सॉफ्टवेयर लगातार अपग्रेड किया जा सकता है, यानी ये मिसाइलें भविष्य की टेक्नोलॉजी से भी संगत रहेंगी.
निर्माता कंपनी के अनुसार, AMRAAM को F-15 ईगल, F-16 फाइटिंग फाल्कन, F/A-18 सुपर हॉर्नेट, F-22 रैप्टर, यूरोफाइटर टाइफून, JAS-39 ग्रिपेन, टॉरनेडो, हैरियर और F-35 ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर जैसे कई लड़ाकू विमानों में फिट किया जा सकता है. ये मिसाइलें बेहद तेज गति से लक्ष्य का पीछा कर सकती हैं और NASAMS जैसे जमीनी एयर डिफेंस सिस्टम में भी इस्तेमाल होती हैं.
अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों में आई नई गर्माहट
यह डील सिर्फ तकनीकी मामला नहीं है, बल्कि कूटनीतिक संकेत भी है. पिछले कुछ महीनों में अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में नई नजदीकियां देखने को मिली हैं. पिछले महीने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर से मुलाकात की थी. इससे पहले, जून में मुनीर की ओवल ऑफिस में ट्रंप से सीधी बातचीत हुई थी. जुलाई में पाकिस्तानी एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर ने भी अमेरिकी विदेश विभाग का दौरा किया था.
इन मुलाकातों के बीच मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए छोटे संघर्ष ने भी डिप्लोमैटिक टेंशन को हवा दी थी. पाकिस्तान ने कहा कि ट्रंप ने युद्धविराम कराने में अहम भूमिका निभाई और उनके नाम को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी प्रस्तावित किया गया. भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि दोनों देशों के DGMO के बीच सीधी बातचीत से यह युद्धविराम हुआ था.
आगे क्या?
अमेरिका के अनुसार, यह सौदा मल्टी-नेशन डिफेंस प्रोग्राम का हिस्सा है. लेकिन रणनीतिक नजरिए से देखा जाए तो पाकिस्तान के लिए यह बड़ी कूटनीतिक सफलता है. इससे उसे न केवल नई मिसाइलें मिलेंगी बल्कि वॉशिंगटन के साथ रिश्ते भी फिर से ‘रीसेट’ मोड में जाते दिख रहे हैं. भारत के लिए यह खबर सतर्क रहने वाली है, क्योंकि पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक कैपेबिलिटी अब और बढ़ने वाली है.
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