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पाकिस्तान, तुर्की समेत 8 देशों ने इस संस्था को बताया ‘मसीहा’, कहा- गाजा में इसको रिप्लेस करना असंभव

Pakistan Muslim Nation UNRWA Gaza: शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा साझा किए गए एक संयुक्त बयान में पाकिस्तान, तुर्की समेत 7 देशों ने संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी की अनिवार्य भूमिका की दोबारा पुष्टि की. कोई अन्य संस्था ऐसी बुनियादी संरचना, विशेषज्ञता और जमीनी मौजूदगी नहीं रखती जो फिलिस्तीनी शरणार्थियों की जरूरतों को इस पैमाने पर पूरा कर सके. बयान में चेतावनी दी गई कि यदि यूएनआरडब्ल्यूए की क्षमता को कमजोर किया गया तो इसके गंभीर मानवीय, सामाजिक और राजनीतिक परिणाम पूरे क्षेत्र में देखने को मिलेंगे.

Pakistan Muslim Nation UNRWA Gaza: पाकिस्तान सहित आठ प्रमुख मुस्लिम देशों ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की राहत एजेंसी के समर्थन में मजबूती से आवाज उठाई है. इन देशों ने कहा है कि गाजा में अभूतपूर्व मानवीय संकट के बीच इस एजेंसी की भूमिका अपूरणीय है. शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा साझा किए गए एक संयुक्त बयान में पाकिस्तान, मिस्र, इंडोनेशिया, जॉर्डन, कतर, सऊदी अरब, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रियों ने फिलिस्तीन शरणार्थियों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा में संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA) की अनिवार्य भूमिका की दोबारा पुष्टि की.

बयान में कहा गया कि दशकों से यूएनआरडब्ल्यूए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा सौंपे गए अपने विशिष्ट दायित्व का निर्वहन कर रही है. संस्था अपने कार्यक्षेत्र में रहने वाले लाखों फिलिस्तीनी शरणार्थियों को संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, सामाजिक सहायता और आपातकालीन मदद प्रदान कर रही है. विदेश मंत्रियों ने कहा, “गाजा पट्टी में अभूतपूर्व मानवीय संकट को देखते हुए, मंत्री इस बात पर जोर देते हैं कि यूएनआरडब्ल्यूए अपने वितरण केंद्रों के नेटवर्क के माध्यम से मानवीय सहायता पहुंचाने में एक अहम भूमिका निभा रही है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि भोजन, राहत सामग्री और बुनियादी जरूरतें जरूरतमंदों तक निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से पहुंचें.”

बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा यूएनआरडब्ल्यूए के जनादेश को अतिरिक्त तीन वर्षों के लिए बढ़ाने का निर्णय अंतरराष्ट्रीय समुदाय के इस एजेंसी पर भरोसे और इसके कार्यों की निरंतरता का प्रमाण है. मंत्रियों ने कहा कि गाजा में शरणार्थी समुदायों के लिए यूएनआरडब्ल्यूए के स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र जीवनरेखा बने हुए हैं और इस एजेंसी की भूमिका अपूरणीय है. बयान में कहा गया, “कोई अन्य संस्था ऐसी बुनियादी संरचना, विशेषज्ञता और जमीनी मौजूदगी नहीं रखती जो फिलिस्तीनी शरणार्थियों की जरूरतों को इस पैमाने पर पूरा कर सके या सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित कर सके.”

बयान में चेतावनी दी गई कि यदि यूएनआरडब्ल्यूए की क्षमता को कमजोर किया गया तो इसके गंभीर मानवीय, सामाजिक और राजनीतिक परिणाम पूरे क्षेत्र में देखने को मिलेंगे. इसके अलावा, मंत्रियों ने पूर्वी यरुशलम के शेख जर्राह इलाके में यूएनआरडब्ल्यूए के मुख्यालय में इजरायली बलों द्वारा की गई घुसपैठ की कड़ी निंदा की. उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र परिसरों की अभेद्यता का खुला उल्लंघन बताया.

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इजरायल ने छापा मारकर ऑफिस पर किया कब्जा

हाल ही में इजरायली बलों ने कब्जे वाले पूर्वी यरूशलम के शेख जर्राह इलाके में संयुक्त राष्ट्र की फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए (UNRWA) के मुख्यालय पर छापा मारकर फर्नीचर, आईटी उपकरण और अन्य सामान जब्त कर लिया तथा संयुक्त राष्ट्र का झंडा उतारकर उसकी जगह इजरायल का झंडा लगा दिया. यूएनआरडब्ल्यूए के आयुक्त-जनरल फिलिप लाजारिनी ने बताया कि इजरायली पुलिस नगरपालिका अधिकारियों के साथ सोमवार सुबह परिसर में जबरन दाखिल हुई, संचार काट दिया गया और ट्रक व फोर्कलिफ्ट के जरिए संपत्ति हटाई गई, जो संयुक्त राष्ट्र परिसरों की अवैधता की रक्षा करने की इजरायल की जिम्मेदारी का खुला उल्लंघन है. 

इजरायली संसद द्वारा अक्टूबर 2024 में यूएनआरडब्ल्यूए के संचालन पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पारित किए जाने के बाद यह कार्रवाई हुई, हालांकि एजेंसी का कहना है कि वह टैक्स से मुक्त है और उस पर किसी तरह का बकाया नहीं बनता. दूसरी ओर, यरूशलम नगरपालिका ने अरनोना कर के 1.1 करोड़ शेकेल बकाया का दावा किया है. इजरायल ने यूएनआरडब्ल्यूए पर हमास से जुड़े होने और उसके परिसरों के दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं, जिन्हें एजेंसी ने खारिज किया है और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भी इन्हें सिद्ध नहीं माना. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने छापे की निंदा की है, जबकि यूएनआरडब्ल्यूए का कहना है कि यह कार्रवाई महीनों से चल रहे उत्पीड़न और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन की कड़ी का हिस्सा है.

गाजा में विध्वंस हमास की कार्रवाई की दुष्परिणाम

हमास द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर आतंकी हमला किया गया, जिसमें 1200 लोग मारे गए और 250 से ज्यादा लोगों को बंदी बना लिया गया था. इसके बाद इजरायल ने कड़ी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया. दो साल तक चली इस कार्रवाई में लगभग 65,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. चारों ओर से दबाव पड़ने के बाद हमास ने डोनाल्ड ट्रंप के पीस प्लान पर सहमति जताई, जिसके तहत 12 अक्टूबर को बंदी बनाए गए लोगों में से जीवित बचे 20 लोगों को रिहा किया, वहीं इजरायल ने भी फिलिस्तीनी कैदियों को आजाद किया. ट्रंप के पीस प्लान के तहत 20 बिदु हैं, इनमें से आगे की प्रक्रिया के लिए फिलहाल हमास और इजरायल में तनातनी चल रही है. 

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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