Israel raids UNRWA Jerusalem headquarters: इजरायली बलों ने पूर्वी यरूशलम के कब्जे वाले क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए (UNRWA) के मुख्यालय पर छापा मारा. यहां उन्होंने कई सामान जब्त किए और संयुक्त राष्ट्र के झंडे की जगह इजरायल का झंडा लगा दिया. एजेंसी के आयुक्त-जनरल फिलिप लाजारिनी ने एक्स (ट्विटर) पर एक बयान में कहा कि इजरायली पुलिस, नगरपालिका अधिकारियों के साथ मिलकर, सोमवार सुबह शीख जर्राह स्थित परिसर में जबरन घुस गई. उन्होंने आरोप लगाया कि इजरायल संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश के रूप में अपनी उस जिम्मेदारी की खुली अनदेखी कर रहा है, जिसमें उसे संयुक्त राष्ट्र परिसरों की अवैधता से रक्षा करनी होती है. कौन सी है यह संस्था और क्या काम करती है, जिस पर इजरायल ने अपनी नजर टेढ़ी की है. आइए जानते हैं.
एजेंसी के आयुक्त-जनरल लाजारिनी ने आगे कहा, “पुलिस मोटरसाइकिलों के साथ ट्रक और फोर्कलिफ्ट भी लाए गए और सभी संचार काट दिए गए. फर्नीचर, आईटी उपकरण और अन्य संपत्ति जब्त कर ली गई. संयुक्त राष्ट्र का झंडा उतारकर उसकी जगह इजरायल का झंडा लगा दिया गया.” यूएनआरडब्ल्यूए इस साल की शुरुआत से इस भवन का उपयोग नहीं कर रहा था, क्योंकि इजरायली अधिकारियों ने एजेंसी को सभी परिसरों को खाली करने और इजरायल के अंदर संस्था को अपने संचालन को रोकने का आदेश दिया था.
इजरायली संसद ने पास किया UNRWA पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून
अक्टूबर 2024 के अंत में इजरायली संसद (नेसट) ने दो कानून पारित किए, जिनमें यूएनआरडब्ल्यूए को इजरायली क्षेत्र में संचालन करने से प्रतिबंधित किया गया. अब इसी के तहत छापा मारा गया है. हालांकि प्रतिबंध के बावजूद, एजेंसी के स्कूल, स्वास्थ्य सेवाएँ और सामाजिक कार्य पूर्वी यरूशलम में किसी तरह जारी हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने इस छापे की कड़ी निंदा की. वहीं लाजारिनी ने कहा कि यह कार्रवाई महीनों की उत्पीड़न के बाद हुई है, जिसमें 2024 में आगजनी, नफरत भरे प्रदर्शन, धमकियां, बड़े पैमाने पर भ्रामक सूचना अभियान और इजरायली संसद द्वारा पारित एंटी-यूएनआरडब्ल्यूए कानून शामिल था, जो इजरायल की अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों का उल्लंघन है.
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार इजरायली पुलिस ने बताया कि जब्ती की कार्रवाई यरूशलम नगरपालिका द्वारा बकाया वसूली प्रक्रिया के तहत की गई. यरूशलम पुलिस के प्रवक्ता डीन एल्सडन ने कहा कि यह वसूली अरनोना नामक नगरपालिका कर से जुड़ी है. नगरपालिका ने दावा किया कि बार-बार चेतावनी के बावजूद यूएनआरडब्ल्यूए ने 1.1 करोड़ शेकेल (3.4 मिलियन डॉलर) का संपत्ति कर नहीं चुकाया, इसलिए परिसर में प्रवेश किया गया. नगरपालिका ने बताया कि यह एक बड़ा बकाया था जिसकी वसूली जरूरी थी.
UNRWA बोला- कोई बकाया नहीं, हम टैक्स से मुक्त
यूएनआरडब्ल्यूए के प्रवक्ता जोनाथन फाउलर ने कहा कि पूर्वी यरूशलम का परिसर अभी भी संयुक्त राष्ट्र की संपत्ति है और एजेंसी पर किसी तरह का बकाया नहीं है. वेस्ट बैंक और पूर्वी यरूशलम के लिए यूएनआरडब्ल्यूए निदेशक रोलैंड फ्रेडरिक ने कहा कि एजेंसी किसी भी प्रकार के ऐसे कर से मुक्त है. उन्होंने कहा, “कोई बकाया हो ही नहीं सकता, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र और यूएनआरडब्ल्यूए संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा है, इसलिए वह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ऐसे करों का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं है. इजरायल ने भी इसे अपने कानून में शामिल किया है. 1946 के यूएन विशेषाधिकार और उन्मुक्तियों के सम्मेलन पर इजरायल ने भी हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत संयुक्त राष्ट्र और उसकी संपत्ति पर मेजबान देश कोई कर नहीं लगा सकते.
UNRWA पर इजरायल के आरोप
इजरायल ने यह दावा किया था कि यूएनआरडब्ल्यूए के कुछ कर्मचारियों ने 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजरायल में हुए हमास-नेतृत्व वाले हमले में भाग लिया था. इजरायल ने यह भी आरोप लगाया कि गाजा में यूएनआरडब्ल्यूए के 10% से अधिक कर्मचारी आतंकी संगठनों से जुड़े हैं और एजेंसी के स्कूलों में इजरायल के खिलाफ नफरत फैलाई जाती है. फरवरी 2024 में, आईडीएफ ने खुलासा किया कि गाजा में यूएनआरडब्ल्यूए मुख्यालय के नीचे हमास का एक भूमिगत डेटा सेंटर मौजूद था. सेना ने कई बार यूएनआरडब्ल्यूए स्कूलों में छिपे हमास ठिकानों पर हमले किए हैं. कुछ रिहा बंधकों ने भी कहा कि उन्हें यूएनआरडब्ल्यूए स्कूलों और भवनों में कैद करके रखा गया था.
पुष्ट नहीं हुए आरोप
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक यूएनआरडब्ल्यूए ने इन आरोपों को खारिज किया. वहीं अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने भी पाया कि इजरायल के आरोप सिद्ध नहीं किए जा सके हैं. इसके बावजूद, इजरायल के दावों के चलते संयुक्त राज्य अमेरिका, जो ऐतिहासिक रूप से UNRWA का सबसे बड़ा दाता रहा है, उसने अपनी फंडिंग रोक दी. अक्टूबर में, आईसीजे ने एक परामर्शात्मक राय जारी की, जिसमें इजरायल की कानूनी जिम्मेदारी को दोहराया गया कि वह गाजा में राहत कार्यों, खासकर यूएनआरडब्ल्यूए के कार्यों का समर्थन करे और कब्जे वाले क्षेत्रों में काम कर रही संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ सहयोग करे.
छापे पर इजरायल से कोई प्रतिक्रिया नहीं
UNRWA के आयुक्त-जनरल लाजारिनी ने कहा- ‘घरेलू स्तर पर चाहे जो कदम उठाए जाएँ, यह परिसर संयुक्त राष्ट्र की संपत्ति है और किसी भी हस्तक्षेप से सुरक्षित है.’ उन्हें इजरायल ने पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर रखा है. यूएनआरडब्ल्यूए का यह परिसर जनवरी से खाली है, जब एजेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून लागू हुआ था. इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय ने छापे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
क्या है UNRWA?
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए (UNRWA) पश्चिम एशिया में फिलिस्तीनी शरणार्थियों को मानवीय सहायता प्रदान करने वाली संस्था है. UNRWA का पूरा नाम नियर ईस्ट में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए यूनाइटेड नेशंस रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी (United Nations Relief and Works Agency for Palestine Refugees in the Near East) है. 1949 में स्थापित यह एजेंसी जॉर्डन, लेबनान, सीरिया, वेस्ट बैंक और गाजा में पंजीकृत लाखों फिलिस्तीनी शरणार्थियों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, राहत, सामाजिक सहयोग और आपातकालीन सहायता उपलब्ध कराती है. इसका कार्य तब तक जारी रहता है जब तक उनके विस्थापन का कोई स्थायी और न्यायसंगत राजनीतिक समाधान नहीं मिल जाता.
यूएनआरडब्ल्यूए का मुख्य उद्देश्य 1948 के अरब-इजरायल युद्ध के दौरान अपने घर और आजीविका खो चुके फिलिस्तीनियों को सहायता और सुरक्षा प्रदान करना है. एजेंसी प्राथमिक और व्यावसायिक शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं, सामाजिक राहत, माइक्रोफाइनेंस, और शिविरों के बुनियादी ढांचे में सुधार जैसे सीधे सेवाएं मुहैया कराती है. संकट की स्थिति में यह आपातकालीन राहत भी देती है, जिससे प्रभावित समुदायों को तत्काल सहायता मिल सके.
इस एजेंसी की वित्तीय जरूरतें मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के स्वैच्छिक योगदान से पूरी होती हैं. यह संयुक्त राष्ट्र की उन विरली संस्थाओं में से एक है जो जमीन पर उतरकर सीधे सेवाएं प्रदान करती हैं, सिर्फ समन्वय नहीं करती. इसके संचालन कार्यालय अमान (जॉर्डन) और गाजा में स्थित हैं, जहां से यह पूरे क्षेत्र में अपनी मानवीय गतिविधियों का प्रबंधन करती है. यूएनआरडब्ल्यूए फिलिस्तीनी शरणार्थियों और उनके वंशजों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और राहत प्रदान करती है. इजरायल लंबे समय से इस एजेंसी को बंद कराने की कोशिश करता रहा है, यह कहते हुए कि यह 1947-49 के युद्ध में विस्थापित अरबों के वंशजों को शरणार्थी दर्जा देकर संघर्ष को बनाए रखती है.
एजेंसी की भूमिका को लेकर चिंता भी
UNRWA पर आरोपों के बावजूद टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार कई विशेषज्ञ मानते हैं कि गाजा और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों को भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराने में यूएनआरडब्ल्यूए अहम भूमिका निभाती है. उसके बिना मानवीय संकट और बढ़ सकता है, जो हिंसा और चरमपंथ को और भड़का सकता है. कोई भी दूसरा संगठन इस स्तर की जिम्मेदारी संभालने की क्षमता नहीं रखता. यूएनआरडब्ल्यूए को गाजा और कब्जे वाले वेस्ट बैंक से अपने अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों को वापस बुलाना पड़ा, जिससे सहायता वितरण गंभीर रूप से प्रभावित हुआ. लाजारिनी ने यूएनआरडब्ल्यूए पर हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन है और यह दर्शाता है कि इजरायल संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश के रूप में अपनी जिम्मेदारियों की खुली अवहेलना कर रहा है.
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