Pakistan may ban social media platform X (Twitter): पाकिस्तान इन दिनों क्रांतिकारी बदलाव कर रहा है. अपने देश में एक तरह से सैन्य शासन को संवैधानिक आवरण पहना दिया. देश की खुफिया एजेंसी के पूर्व चीफ को 14 साल की जेल दे दी. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दुर्दिन तो बहुत पहले शुरू हो गए थे. अब वह एलन मस्क को भी चुनौती और धमकी दे रहा है. पाकिस्तान के कानून एवं न्याय राज्य मंत्री बैरिस्टर अकील मलिक ने कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने कहा है कि यदि सोशल मीडिया मंच सरकारी एजेंसियों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ आवश्यक सहयोग नहीं करते, तो सरकार उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होगी. इसमें प्रतिबंध लगाना भी शामिल हो सकता है. उनके निशाने पर मस्क की कंपनी एक्स (ट्विटर) सबसे ऊपर रही.
‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, मलिक ने यह चेतावनी बृहस्पतिवार को दिए एक बयान में दी, जब उनसे सोशल मीडिया मंचों पर बढ़ती गतिविधियों और कानून-व्यवस्था से जुड़ी चुनौतियों पर सवाल पूछा गया. गौरतलब है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) को फरवरी 2024 में पाकिस्तान में होने वाले आम चुनावों के लगभग 10 दिन बाद ब्लॉक कर दिया गया था. पाकिस्तान में इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के करीब 45 लाख सक्रिय उपयोगकर्ता हैं. इस प्रतिबंध के बाद से लगातार यह मुद्दा चर्चा में है कि आखिरकार क्या वजहें थीं, जिनके चलते सरकार को ऐसा कदम उठाना पड़ा.
एक्स ने किया सबसे कम सहयोग
‘डॉन न्यूज’ के एक कार्यक्रम- दूसरा रुख में, जब मंत्री से जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान के ‘एक्स’ खाते पर संभावित प्रतिबंध को लेकर सवाल किया गया, तो मलिक ने कहा कि यह मामला अभी जांच के अधीन है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने इस संबंध में ‘एक्स’ से आधिकारिक तौर पर संपर्क किया है, लेकिन उनकी ओर से सबसे कम सहयोग देखने को मिला है, जबकि अन्य अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया कंपनियां अपेक्षाकृत अधिक संवाद और समन्वय दिखाती हैं.
मनमाना काम कर रहा एक्स
मलिक ने ‘एक्स’ पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि फलस्तीन से जुड़े कई पोस्ट इस मंच द्वारा 24 घंटे के भीतर हटा दिए जाते हैं और कई अकाउंट्स ब्लॉक किए जाते हैं, लेकिन पाकिस्तान में आतंकवाद या कानून-व्यवस्था से जुड़े गंभीर मामलों में अपेक्षित कार्रवाई नहीं होती. उनके अनुसार, यह प्लेटफॉर्म की नीतियों में असंतुलन को दर्शाता है. बैरिस्टर मलिक ने कहा कि सरकार ने आज फिर से सोशल मीडिया कंपनियों को याद दिलाया है कि उन्हें पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है कि इन प्लेटफॉर्मों का उपयोग आतंकवाद, गलत सूचना और दुष्प्रचार के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा- हमने उनसे पाकिस्तान में कार्यालय खोलने का अनुरोध किया है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. कुछ सोशल मीडिया मंच बेहतर सहयोग कर रहे हैं, लेकिन एक्स सबसे कम सहयोग कर रहा है.
इमरान खान के खाते के पीछे पड़ा है पाकिस्तान
इससे पहले, 4 अक्टूबर को भी मंत्री ने कहा था कि इमरान खान के एक्स खाते से जुड़ी जांच जारी है और प्लेटफॉर्म से संपर्क किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि खाते को ब्लॉक करने जैसी किसी भी कार्रवाई के बारे में तभी बताया जाएगा, जब संबंधित साक्ष्य सामने आएंगे. अक्टूबर में एक्स पर अपने आधिकारिक खाते से साझा की गई एक पोस्ट के अनुसार, इमरान खान से जेल में एफआईए अधिकारियों ने उनके देश-विरोधी ट्वीट, विदेश नीति पर टिप्पणियों और अन्य मुद्दों को लेकर पूछताछ की थी.
कौन चला रहा इमरान का अकाउंट
इससे एक माह पहले, सितंबर में, इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि इमरान खान जेल में रहते हुए एक्स खाते से की कथित भड़काऊ पोस्ट कर रहे हैं. याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया था कि वह राष्ट्रीय साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनसीसीआईए) और पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (पीटीए) को यह जांच करने का निर्देश दे कि इमरान के जेल में होने के बावजूद उनका खाता कौन संचालित कर रहा है. इमरान खान, अगस्त 2023 से कैद में हैं और 190 मिलियन पाउंड के भ्रष्टाचार मामले में सजा काट रहे हैं. वह 9 मई 2023 के विरोध प्रदर्शन से जुड़े आतंकवाद-निरोधक अधिनियम के तहत अन्य मुकदमों का भी सामना कर रहे हैं.
ब्राजील केस की दिलाई याद
मंत्री मलिक ने यह भी बताया कि सरकार ने ‘एक्स’ को दोबारा नोटिस भेजा है और स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि सहयोग नहीं मिला, तो ब्राजील की तरह पाकिस्तान भी ऐसे मंचों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकता है. ब्राजील में एक्स के 2.2 करोड़ उपयोगकर्ता थे, इससे पहले कि 30 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के जज अलेक्ज़ांद्रे डी मोराएस ने इसे भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग न करने पर ब्लॉक करने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा- ब्राजील की अदालतों ने आदेश दिए थे, जिन्हें मान लिया गया और 5.2 मिलियन डॉलर का जुर्माना भी भरा गया. सभी भ्रामक और संदर्भ से बाहर की गई सामग्री को हटाया गया.
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