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पूर्व ISI चीफ को गद्दारी में 14 साल की जेल, पाकिस्तान के ‘जनरल गैंग’ की काली करतूतें फिर बेनकाब; कई अफसरों को पहले भी मिल चुकी है सजा

Pakistan Ex ISI Chief Lt Gen Faiz Hameed Sentenced: पाकिस्तानी सेना के अंदर भ्रष्टाचार, सत्ता संघर्ष और राजनीतिक साजिशों का खुलासा हुआ है. पूर्व ISI प्रमुख फैज हमीद सहित कई रिटायर्ड जनरलों को कोर्ट-मार्शल और गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. उन हाई-प्रोफाइल पाकिस्तानी सेना अधिकारियों के इतिहास और सूची के बारे में जानें जिन्हें कोर्ट-मार्शल का सामना करना पड़ा है.

Pakistan Ex ISI Chief Lt Gen Faiz Hameed Sentenced: पाकिस्तान में सेना और राजनीति का रिश्ता हमेशा से चर्चित रहा है. अब इस बार खबर है कि पाकिस्तान के पूर्व आईएसआई चीफ, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में 14 साल की सजा के लिए आरोपित किया गया है. यह पहली बार है जब कोई पूर्व स्पाईमास्टर सेना एक्ट के उल्लंघन के लिए कोर्ट मार्शल का सामना कर रहा है. पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने कहा कि हामिद पर आरोप है कि राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्तता, सरकारी गुप्त एक्ट का उल्लंघन, अधिकार और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग, और किसी व्यक्ति को गलत नुकसान पहुंचाना.

साथ ही यह भी जांच चल रही है कि हामिद ने 9 मई 2023 की घटनाओं में अस्थिरता फैलाने के लिए राजनीतिक हितों के साथ मिलकर काम किया या नहीं. यहां कुछ ऐसे हाई-प्रोफाइल मिलिट्री अधिकारियों की लिस्ट है, जिन्हें कोर्ट-मार्शल की कार्यवाही का सामना करना पड़ा है और जिनके मामलों ने लोगों का ध्यान खींचा है. (Pakistan Ex ISI Chief Lt Gen Faiz Hameed Sentenced to 14 Years In Prison)

गलत इस्तेमाल और व्यक्तिगत फायदे उठाए फैज हामिद ने

फैज हामिद के खिलाफ मामला टॉप सिटी हाउसिंग सोसाइटी के सीईओ कंवर मुईज खान की याचिका पर आधारित है. याचिका में कहा गया कि आईएसआई और पाकिस्तान रेंजर्स ने उनके कार्यालय और घर में छापा मारा और सोने-हीरे के गहने, नकदी और अन्य कीमती सामान जब्त किए. रावलपींड़ी एंटी टेररिज्म कोर्ट ने उन्हें बरी किया, लेकिन हामिद ने अपने कजिन के माध्यम से उनसे मुलाकात की और कथित तौर पर 400 तोला सोना और नकदी छोड़कर बाकी सामान लौटाने का आश्वासन दिया.

याचिकाकर्ता का आरोप था कि रिटायर्ड ब्रिगेडियर्स नसीम फखर और ग़फ़्फ़ार ने उनसे 4 करोड़ रुपये नकद और कुछ महीनों के लिए प्राइवेट टीवी नेटवर्क को स्पॉन्सर करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि याचिकाकर्ता को संबंधित मंचों से संपर्क करने को कहा, लेकिन लिखित आदेश में यह भी कहा कि ऐसे गंभीर आरोप अनदेखा नहीं किए जा सकते. (Pakistan Ex ISI Chief Lt Gen Faiz Hameed Sentenced to 14 Years In Prison in Hindi)

एनएलसी घोटाला- Lt Gen (रिटायर्ड) खालिद मुनीर खान और अफजल मुफजर

2009 में नेशनल लॉजिस्टिक्स सेल (NLC) ने 2004-2008 के दौरान 1.8 बिलियन रुपये का नुकसान होने की रिपोर्ट दी. इसमें पेंशनर्स के पैसे का गलत निवेश, उच्च ब्याज दरों पर कर्ज देना और कंपनियों से कमीशन लेना शामिल था. जांच में Lt Gen (रिटायर्ड) खालिद मुनीर खान, M अफजल मुफजर और अन्य अधिकारियों की लापरवाही सामने आई. तब के आर्मी चीफ जनरल अशफाक परवेज कयानी ने सेना एक्ट के तहत कार्रवाई का आदेश दिया. खालिद जहीर बर्खास्त हुए और अफजल मुफजर को गंभीर नाखुशी का दंड मिला.

जासूसी का मामला- Lt Gen (रिटायर्ड) जावेद इकबाल

Lt Gen (रिटायर्ड) जावेद इकबाल को 30 मई 2019 को विदेशी एजेंसियों को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में दोषी ठहराया गया. उनकी 14 साल की सजा को बाद में 7 साल कर दिया गया और फिर Gen कामर जावेद बाजवा ने इसे और 2.5 साल कम कर दिया. नई सेना कमान के तहत शेष सजा समाप्त कर उनकी जल्दी रिहाई की गई.

असफल तख्तापलट- Maj Gen जाहिरुल इस्लाम अब्बासी और अन्य

26 सितंबर 1995 को Maj Gen जाहिरुल इस्लाम अब्बासी, Brig मस्तानसिर बिल्ला, Col मोहम्मद आजाद मिन्हास, Col इनायत उल्लाह खान और 38 अन्य अधिकारियों को तख्तापलट की साजिश में गिरफ्तार किया गया. योजना में प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और आर्मी चीफ जनरल वहीद काकर की हत्या और इस्लामिक खलीफा की स्थापना शामिल थी. FGCM ने अब्बासी को 7 साल, Brig मस्तानसिर बिल्ला को 14 साल और अन्य को 4 साल की सजा सुनाई. 2011 में Brig अली खान को हिज़्ब-उत-तहरीर से संबंध रखने और सरकार को उखाड़ने की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया. FGCM ने उन्हें पांच साल की कठोर सजा दी. उनके साथ अन्य अधिकारियों को 1.5 से 3 साल की सजा मिली.

कुछ मामलों में अधिकारियों को कोर्ट मार्शल के बजाय प्रशासनिक प्रक्रिया से हटाया गया. Gen (रिटायर्ड) जियाउद्दीन बट को 1999 में सत्ता में आने के बाद दो साल हिरासत में रखा गया. 2016 में जनरल राहील शरीफ के कार्यकाल में छह अधिकारियों को भ्रष्टाचार के कारण सस्पेंड किया गया. 1996 में असगर खान ने SC में याचिका दायर की थी, जिसमें ISI पर 14 करोड़ रुपये का राजनीतिक हस्तांतरण करने का आरोप था. SC ने 2012 में कार्रवाई का आदेश दिया, लेकिन 2019 तक कोई ठोस कदम नहीं लिया गया.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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