Pakistan Discovery Sher Shah Suri Rest Stop: पुरातत्व की दुनिया में एक बड़ी खोज हुई है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हरप्पा के खंडहरों के पास खुदाई के दौरान 16वीं सदी की एक सराय (रेस्ट पॉइंट) मिली है. यह सराय उस समय डाक काफिलों के ठहरने के लिए बनाई गई थी. इस जगह पर वेरांडा, छोटे कमरे और पानी का तालाब मिला है, जो बताता है कि यह उस दौर का पूरा रेस्ट पॉइंट था. यह स्थान लाहौर से लगभग 220 किलोमीटर दूर है. यह सराय मुख्य शेर शाह सूरी रोड के दक्षिणी हिस्से में मिली है.
Pakistan Discovery Sher Shah Suri Rest Stop: हुमायूं को हराकर की थी साम्राज्य की स्थापना
शेर शाह सूरी एक अफगान शासक थे, जिन्होंने 1540 में मुगल सम्राट हुमायूं को हराकर सूर साम्राज्य की स्थापना की थी. उनका शासन 1540 से 1545 तक रहा. हालांकि उनका साम्राज्य लंबा नहीं चला और उनकी मृत्यु के बाद मुगल फिर सत्ता में लौट आए, लेकिन सड़क, डाक व्यवस्था और प्रशासनिक सुधारों की वजह से उनका नाम इतिहास में दर्ज है. इस सराय का निर्माण भी इन्हीं डाक मार्गों के लिए किया गया था.
ईंटें हरप्पा काल की और डिजाइन शेर शाह सूरी काल की
इस खोज की खासियत यह है कि यहां ईंटें हरप्पा काल की मिली हैं, लेकिन ढांचा शेर शाह सूरी के समय का है. पंजाब टूरिज्म सेक्रेटरी डॉ. एहसान भुट्टा के अनुसार, सराय में वेरांडा, कमरे और पानी का तालाब जैसी संरचनाएं मिली हैं. उनका कहना है कि आगे खुदाई में और चीजें मिल सकती हैं, और हो सकता है हरप्पा सभ्यता से जुड़ी और जानकारी सामने आए. डॉ. भुट्टा ने कहा कि खुदाई आगे बढ़ेगी तो यहां रहने वाले लोगों की जीवनशैली के बारे में और पता चलेगा. उम्मीद है और भी हरप्पा से जुड़ी विशेषताएं मिलेंगी.
Secretary Tourism, Archaeology & Museums Dr. Ehsan Bhutta Visits Harappa Excavation Site
— Tourism, Archaeology and Museums Department (@DepttTourism) November 9, 2025
After 27 years, Punjab Archaeology has resumed excavation work at Harappa — marking a historic milestone in uncovering the region’s ancient heritage. Secretary Tourism, Archaeology & Museums… pic.twitter.com/wp8PBsYQ2V
Pakistan Discovery Sher Shah Suri Rest Stop: खुदाई में क्या मिला?
पुरातत्व विभाग ने अब तक जिस हिस्से को खोला है, उसमें उत्तरी दिशा में मुख्य प्रवेश द्वार (gateway) मिला है, गेटवे के दोनों ओर तीन-तीन कमरे, एक बड़ा त्रिकोणीय क्षेत्र (45×30 मीटर), जिसमें कई छोटे कमरे और एक प्रवेश मार्ग.
इसके अलावा खुदाई में कई पुरावशेष मिले हैं, जैसे कि टेराकोटा की मूर्तियां, गेमिंग ऑब्जेक्ट्स, चूड़ियों के टुकड़े, पहिए और खिलौना गाड़ी और एक महत्वपूर्ण फायंस की सील या टैबलेट. इन वस्तुओं से यह अंदाजा लगता है कि यह स्थान केवल रुकने की जगह नहीं था, बल्कि यहां गतिविधियां होती थीं. लोग रहते, खेलते और सामान का आदान-प्रदान करते थे.
सरकार ने खुदाई के लिए बड़ा बजट जारी किया
डॉ. भुट्टा ने बताया कि पाकिस्तान सरकार ने चार ऐतिहासिक स्थलों हड़प्पा, तक्षशिला, रोहतास किला, टीला जोगियां और चोलिस्तान के रेगिस्तानी किलों की खुदाई के लिए 80 करोड़ पाकिस्तानी रुपये जारी किए हैं. उनके अनुसार रोहतास और हरप्पा की खुदाई शुरू हो चुकी है. बाकी साइट्स पर भी जल्द काम शुरू होगा. सभी अवशेषों को नंबर दिया जाएगा, लैब में जांच होगी और फिर म्यूजियम में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि रिसर्च और शिक्षा में उनका उपयोग हो सके.
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