Pak Leader Admission Red Fort To Kashmir Attacks: पाकिस्तान सालों से यह दावा करता रहा कि भारत में होने वाले हमलों से उसका कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन इस बार पाकिस्तान के ही एक बड़े नेता ने ऐसा बयान दे दिया जिसने उसके सारे दावे हवा में उड़ा दिए. यह बयान न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि भारत में हाल ही में हुए दो बड़े हमलों दिल्ली के लाल किले के पास धमाका और कश्मीर के पहलगाम में हमला को भी सीधे-सीधे जोड़ देता है. और यही बयान अब पाकिस्तान की असली तस्वीर दुनिया के सामने लाकर खड़ा कर रहा है.
पाक नेता का वीडियो- ‘लाल किले से कश्मीर के जंगल तक हमने हमला किया‘
पाकिस्तान-शासित कश्मीर के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस वीडियो में वे साफ कहते दिख रहे हैं कि उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर बलूचिस्तान में खून-खराबा जारी रहा, तो वे भारत को “लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक” मारेंगे. हक ने कहा कि अल्लाह के फजल से हमने कर दिया है और अभी भी वो लाशें गिन नहीं पाए हैं.
POJK PM praised Delhi blast ⚠️
— War & Gore (@Goreunit) November 19, 2025
Yesterday POJK's recently resigned PM Anwarul Haq said that “I earlier said that if you keep bleeding Balochistan, we'll hit India from Red Fort to the forests of Kashmir and we've done it, they're still unable to count bodies." pic.twitter.com/vK6fDVr4cb
उनके बयान का “लाल किला” वाला हिस्सा दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट की तरफ इशारा करता है, जिसमें 14 लोगों की मौत हुई थी. इस ब्लास्ट का मास्टरमाइंड डॉ उमर उन नबी है, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े ‘व्हाइट कॉलर मॉड्यूल’ का हिस्सा है. उनका “कश्मीर के जंगल” वाला जिक्र पहलगेम के बेसरन वैली में अप्रैल में हुए हमले से है, जहां 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी. हक ने आगे कहा कि कुछ दिन बाद हथियारबंद लोग दिल्ली में घुसे और हमला किया. शायद उन्होंने अभी तक लाशें नहीं गिनी होंगी.
Pak Leader Admission Red Fort To Kashmir Attacks: पाकिस्तान की पुरानी चाल
पाकिस्तान अक्सर बलूचिस्तान की अस्थिरता के लिए भारत को दोष देता है. यह उसकी पुरानी रणनीति है. घर की समस्याएं छुपाओ और भारत पर आरोप लगाओ. लेकिन भारत इन आरोपों को बार-बार खारिज करता आया है और कहता है कि अस्थिरता की जिम्मेदारी पाकिस्तान की अपनी नीतियों पर है. हक का यह कबूलनामा इस बात को और मजबूत करता है कि पाकिस्तान खुद सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है.
पहलगाम हमले के बाद भारत का कड़ा रुख
जब कश्मीर के पहलगाम में हमला हुआ, तो भारत ने तुरंत पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कदम उठाए. भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया और साफ कहा कि संधि तभी बहाल होगी जब पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करेगा. यह कदम बताता है कि भारत इस मामले को सिर्फ सुरक्षा नहीं, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी गंभीरता से ले रहा है.
पाकिस्तान के अंदर से ही खुल रही पोल
हक का बयान कोई अलग घटना नहीं है. हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सुहैल अफरीदी ने भी पाकिस्तान के आतंकवाद खेल पर खुलकर बात की. अफरीदी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार “फर्जी आतंकी हमले” करवाती है और इन्हें राजनीतिक फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल करती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने खैबर में शांति बहाल करने के प्रयासों को भी रोक दिया और अपने एजेंडे के लिए “मैन्युफैक्चर्ड टेररिज्म” चलाया. यह बयान अफगानिस्तान की मीडिया संस्था टोलो न्यूज में भी रिपोर्ट किया गया.
फरीदाबाद का ‘टेरर मॉड्यूल’
दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच ने एक और बड़ी साजिश का खुलासा किया है. जांच एजेंसियों ने फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ में पता लगाया कि यह मॉड्यूल 6 दिसंबर को एक बड़ा आत्मघाती धमाका करने की तैयारी कर रहा था. 6 दिसंबर यानी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी. इस प्लान को ग्रुप के अंदर “Operation D-6” नाम दिया गया था.
इस मॉड्यूल की खासियत यह थी कि इसमें 9-10 सदस्य थे, जिनमें 5-6 डॉक्टर भी शामिल थे, और ये सभी अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फ़रीदाबाद से जुड़े थे. ये अपनी मेडिकल डिग्रियों का इस्तेमाल विस्फोटक बनाने के लिए रसायन खरीदने में करते थे. हमले के लिए एक कार में रखा IED तैयार किया जा रहा था. कई हफ्तों से इसकी तैयारी चल रही थी.
साजिश के दो बड़े चेहरे
पूछताछ में दो नाम बार-बार सामने आए पहला डॉ उमर लाल किले वाले धमाके को अंजाम देने वाला मुख्य व्यक्ति और दूसरा डॉ शहीन शाहिद उनकी भूमिका इससे भी बड़ी बताई जा रही है कि वे भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग बनाने का काम देख रही थीं. इस विंग का नाम था जमात-उल-मोमिनीन, जो जेईएम का नया महिला नेटवर्क है डॉ शहीन की गिरफ्तारी के बाद डॉ. मुजम्मिल अहमद गणाई को भी पकड़ा गया, जो इसी यूनिवर्सिटी से जुड़ा है. अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी की पूरी जांच की जा रही है.
ये भी पढ़ें:
25 साल बाद अमेरिका से लौटे NRIs भी भारत के जाम से परेशान, सोशल मीडिया पर छिड़ी तेज बहस!

