Nepal Gen Z Protest: नेपाल इन दिनों आग में जल रहा है. सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ Gen Z की अगुवाई में हुआ आंदोलन हिंसक हो गया. सैकड़ों लोग घायल हुए, कर्फ्यू लगा, सेना उतारी गई और हालात इतने बिगड़े कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत कई बड़े नेताओं को इस्तीफा देना पड़ा. गुस्सा इतना भड़का कि नेताओं के घरों पर भी हमला हुआ. इस पूरे सियासी घमासान के बीच एक और बड़ा संकट खड़ा हो गया कि भारत-नेपाल की सीमा बंद. बॉर्डर सील होते ही लंबी कतारों में ट्रक और तेल के टैंकर खड़े हो गए. और यही है नेपाल की असली नब्ज, क्योंकि उसका पेट्रोल-डीजल और बिजली तक सब कुछ भारत पर ही निर्भर है.
Petrol Diesel Dependence On India: नेपाल को तेल कौन देता है?
नेपाल का 100% तेल भारत से आता है. यह काम इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) करता है. रोजाना सैकड़ों टैंकर नेपाल में घुसते हैं और तेल सप्लाई करते हैं. इतना ही नहीं, भारत ने नेपाल के लिए 69 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन (मोतीहारी-अमलेखगंज) बनाई है, ताकि सप्लाई आसान हो सके. नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन (1970 में बना) पूरी तरह भारत पर निर्भर है. वहां किसी प्राइवेट कंपनी को तेल आयात की इजाजत ही नहीं है.
नेपाल में पेट्रोल सस्ता, भारत में महंगा- वजह क्या?
भारत में पेट्रोल महंगा है, जबकि नेपाल में यही पेट्रोल 20-27 रुपये सस्ता मिलता है. इसकी दो बड़ी वजह यह हैं कि नेपाल में टैक्स बहुत कम है, जबकि भारत में पेट्रोल की कीमत का 40-50% हिस्सा टैक्स में चला जाता है. भारत से सीधा और सस्ता सप्लाई होने से खर्च कम पड़ता है. इसी कारण भारत-नेपाल बॉर्डर पर रहने वाले लोग अक्सर नेपाल जाकर अपनी गाड़ियां फुल टैंक करा लेते हैं. तेल ही नहीं, नेपाल की बिजली की सप्लाई भी भारत पर टिकी है. भारत नेपाल को 3.5 से 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बेचता है. मजे की बात यह है कि नेपाल की अपनी हाइड्रो पावर बिजली भी इससे महंगी पड़ती है.
नेपाल-भारत का कारोबार कितना बड़ा है?
नेपाल का 65% व्यापार भारत से होता है. 2021-22 में नेपाल ने भारत से 1.20 ट्रिलियन रुपये का सामान खरीदा. 2023 में इसे घटाकर 1.02 ट्रिलियन रुपये किया गया, ताकि चीन जैसे विकल्प भी तलाशे जा सकें. लेकिन हकीकत यही है कि नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साथी भारत ही है.
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Nepal Gen Z Protest Political Crisis: भारत क्या भेजता है, नेपाल क्या लौटाता है?
भारत नेपाल को गाड़ियां, स्टील, दवाइयां, मशीनरी और इलेक्ट्रिकल सामान भेजता है. नेपाल भारत को जूट प्रोडक्ट्स, जिंक स्टील, कपड़े, धागा, जूस, इलायची और टूथपेस्ट जैसी चीजें सप्लाई करता है. सिर्फ व्यापार नहीं, रोजगार में भी भारत का अच्छा- खासा हाथ है. नेपाल से हजारों लोग भारत में नौकरी करते हैं. 1952 की संधि के तहत नेपाली नागरिक भारत में काम कर सकते हैं, जमीन खरीद सकते हैं और बस सकते हैं. भारत हर साल नेपालियों को पेंशन भी देता है.
भारतीय कंपनियों ने पिछले दो दशकों में नेपाल में हज़ारों नौकरियां पैदा की हैं. नेपाल की सियासत भले ही रोज करवट बदल ले, लेकिन सच यही है कि उसकी आर्थिक सांसें भारत की नाल से जुड़ी हैं. तेल, बिजली, रोजगार, कारोबार, सब कुछ भारत से. यही वजह है कि बॉर्डर बंद होने का असर सीधे नेपाल के आम आदमी पर पड़ रहा है. अगर भारत ने हाथ खींच लिया, तो नेपाल की मुश्किलें कई गुना बढ़ जाएंगी.

