Nepal Gen-Z Protest: जेन जी के नाम से एक बयान जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि अंतरिम सरकार के अध्यक्ष के रूप में सुशीला कार्की को नहीं, बल्कि कुलमन घीसिंग को भेजने का फैसला किया गया है. घीसिंग के नाम का प्रस्ताव देने वाले समूह ने नेपाली संविधान का हवाला दिया. उनका तर्क है कि संविधान के अनुसार, पूर्व मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश इस पद पर नियुक्ति के पात्र नहीं हैं, और चूंकि उनकी आयु 70 वर्ष से अधिक हो चुकी है, इसलिए वे जेन जी का प्रतिनिधित्व भी नहीं कर सकते, इसलिए उनका नाम अस्वीकार कर दिया गया है.

बालेंद्र शाह बालेन नहीं दिखाई रुची
जेन जेड समूह की ओर से जारी बयान में बताया गया, उन्होंने कुलमन घीसिंग को आगे रखा है क्योंकि बालेंद्र शाह ने रुचि नहीं दिखाई है और हार्क संपांग सभी का नेतृत्व नहीं कर सकते. और सुशीला कार्की अयोग्य हैं और 70 वर्ष से अधिक आयु की हैं, इसलिए अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए इंजीनियर कुलमन घीसिंग, एक देशभक्त व्यक्ति, जिन्हें सभी प्यार करते हैं, को भेजने का निर्णय लिया गया है.
दूसरे गुट ने सुशीला कार्की के नाम का किया प्रस्ताव
जेन जेड के एक अन्य समूह का कहना है कि अंतरिम सरकार के अध्यक्ष के लिए सुशीला कार्की पर सहमति बन गई है. जेनरेशन-जेड के प्रतिनिधि पुरुषोत्तम यादव ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा, “…हम चाहते थे कि यह एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हो, लेकिन हमें लगता है कि सरकार ने इसे क्रांति में बदल दिया है. सरकार को पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था. हर जगह युवाओं को भ्रष्टाचार के खिलाफ उठ खड़ा होना चाहिए. नेपाल में केवल 3-4% लोगों के पास ही सारी संपत्ति है. सभी राजनेता भ्रष्ट हैं… हम हर भ्रष्ट नेता, व्यापारी और भ्रष्टाचार में शामिल हर व्यक्ति की जांच करेंगे.” अंतरिम सरकार के बारे में, उन्होंने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश सुशीला कार्की का पूरा समर्थन करते हैं.”
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जेन-जी नेता ओजस्वी ने भी कार्की के नाम का समर्थन किया
जेन-जी नेता ओजस्वी ने कहा, “…अभी हमें एक अंतरिम सरकार चाहिए, जिसके लिए हमने सुशीला कार्की का नाम प्रस्तावित किया है… हम उन्हें इसलिए चुनना चाहते हैं क्योंकि वह इस राष्ट्र के निर्माण में हमारी मदद करेंगी… दूसरा, मौजूदा संसद को भंग करना. तीसरा, देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखना.” उन्होंने कहा- “जेन-जी में हमारे पास कोई नेता नहीं है, यह रातोंरात शुरू हुआ… हमारे पास कोई नेता नहीं है, हम सब जेन-जी हैं, हम सब नेता हैं…अभी हम संसद भंग करने की कोशिश कर रहे हैं… हम अपने संविधान को भंग करने या किसी भी तरह से उसे रद्द करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. हो सकता है कि अभी संविधान में कुछ बदलाव करने की जरूरत हो. लेकिन इसके अलावा, संविधान बरकरार रहेगा क्योंकि संविधान का होना जरूरी है… आगे बढ़ते हुए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम कोई भी गैरकानूनी या अवैध कदम न उठाएँ…अभी हमें एक अंतरिम सरकार चाहिए, जिसके लिए हमने सुशीला कार्की का नाम प्रस्तावित किया है…दूसरा, मौजूदा संसद को भंग करना. तीसरा, देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखना देश…सुशीला कार्की इस मामले में बहुत सकारात्मक हैं. हमारे देश को पहली महिला प्रधानमंत्री मिल रही है, जो एक बहुत अच्छी बात है…हम उन्हें इसलिए चुनना चाहते हैं क्योंकि वह इस राष्ट्र के निर्माण में हमारी मदद करेंगी.”
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