Nepal Former PM Sher Bahadur Deuba Wife Attacked Army Saved Life: नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया. राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में गुस्साए युवाओं ने नेताओं के आवास, पार्टी कार्यालयों और सरकारी इमारतों को निशाना बनाया. इस दौरान देश के पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस (NC) के वरिष्ठ नेता शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी आरजू राना देउबा पर भी भीड़ ने जानलेवा हमला कर दिया.
भीड़ के बीच फंसे पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी
सूत्रों के अनुसार, काठमांडू के बुदानिलकांठा स्थित आवास पर हमला करते हुए प्रदर्शनकारियों ने भारी तोड़फोड़ की. अंदर मौजूद शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी आरजू राना देउबा पर भी भीड़ टूट पड़ी. चश्मदीदों ने बताया कि दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने देउबा को घेरकर बेरहमी से पीटा. उनका चेहरा खून से लथपथ हो गया था. उनकी पत्नी आरजू भी लोगों के बीच घिरी हुई थीं और किसी तरह बचाव की कोशिश कर रही थीं. यदि सेना समय पर नहीं पहुंचती, तो दोनों की जान पर बन आती. सेना ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला. वीडियो फुटेज में हमले के बाद देउबा के चेहरे से खून बहता नजर आया.
प्रिय नेता से दुश्मन बना गुस्साई भीड़ का रवैया
यह घटना नेपाल की राजनीति की नाटकीयता और जनता के गुस्से की चरम स्थिति को दिखाती है. कभी प्रिय नेता रहे देउबा और उनकी पत्नी को लोगों ने आंखों का तारा बनाया था, लेकिन मंगलवार को वही जनता उन्हें अपराधी की तरह पीट रही थी. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जनता का यह “इंसाफ” नेताओं को चेतावनी है कि भावनाओं और विश्वास से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
वित्त मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल भी भीड़ के निशाने पर
इस हिंसा की चपेट में सिर्फ देउबा ही नहीं आए. वित्त मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल का भी काठमांडू की सड़कों पर अपमानजनक हाल किया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. एक वीडियो में देखा गया कि पौडेल भीड़ से बचने के लिए भाग रहे थे, तभी एक प्रदर्शनकारी ने जोरदार लात मारी और वे जमीन पर गिर पड़े. दीवार से टकराने के बाद वित्त मंत्री किसी चोर-उचक्के की तरह सड़क पर पड़े दिखाई दिए.
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नेताओं, सरकारी दफ्तरों और थानों को आग के हवाले
गुस्साए युवाओं ने सिर्फ नेताओं को ही नहीं, बल्कि सरकारी ढांचों को भी निशाना बनाया. कई पार्टी कार्यालयों और पुलिस थानों में आग लगा दी गई. सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ हुई और मंत्रियों के घरों को नुकसान पहुंचाया गया. राजनीतिक अस्थिरता के इस दौर में नेपाल में हालात बेहद गंभीर होते जा रहे हैं.
बड़ा सबक: जनता के भरोसे से खिलवाड़ न करें
नेपाल में भड़की यह हिंसा लोकतंत्र की असल तस्वीर पेश करती है. एक समय जिस जनता ने नेताओं को सत्ता तक पहुंचाया, वही अब सड़कों पर उन्हें घसीट रही है. शेर बहादुर देउबा और विष्णु पौडेल पर हुए हमले साफ संकेत देते हैं कि जनता का धैर्य टूट चुका है. यह घटनाक्रम नेताओं के लिए बड़ा सबक है कि जनता के विश्वास और भावनाओं से खेलना किसी भी सूरत में खतरनाक साबित हो सकता है.

