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यूरोप के इस देश में अब जिंदा केकड़े को उबलाकर खाना होगा बंद, सरकार ने दिया बड़ा आदेश, जानवरों के खिलाफ क्रूरता होगी खत्म

Live Lobster Boiling Ban: इंग्लैंड में अब जिंदा केकड़े और झींगे (लॉब्स्टर) को उबलते पानी में डालना बैन होगा. सरकार और पशु कल्याण संगठन कहते हैं कि यह क्रूर है. इलेक्ट्रिक झटका या ठंडा करके मारना ज्यादा इंसानियत है. नए नियम शिकार और पालतू जानवरों की सुरक्षा को भी बेहतर बनाएंगे, जिससे जानवरों का दर्द कम होगा.

Live Lobster Boiling Ban: सोचिए, किसी को जिंदा उबलते पानी में डाल दिया जाए. दर्द कितना होगा, अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. अब यही सोच इंग्लैंड की सरकार ने भी अपनाई है. सरकार ने तय किया है कि जिंदा और होश में मौजूद लॉब्स्टर को उबलते पानी में डालकर मारना अब गलत और क्रूर माना जाएगा. इसी को रोकने के लिए इंग्लैंड में नया नियम लाने की तैयारी है, ताकि जानवरों के साथ बेहतर और इंसानी व्यवहार किया जा सके.

Live Lobster Boiling Ban in Hindi: जिंदा उबालना गलत है

इंग्लैंड की सरकार ने साफ कहा है कि लॉब्स्टर जैसे जानवरों को जिंदा उबलते पानी में डालना स्वीकार्य तरीका नहीं है. मंत्रियों के मुताबिक, इस तरह से जानवरों को बेवजह तकलीफ दी जाती है. सरकार ने यह भी बताया कि जल्द ही लॉब्स्टर और दूसरे समुद्री जीवों को मारने के मानवीय तरीकों पर नई गाइडलाइन जारी की जाएगी. इस तरह का प्रतिबंध कोई नई बात नहीं है. स्विट्जरलैंड, नॉर्वे और न्यूजीलैंड जैसे देशों में पहले से ही जिंदा लॉब्स्टर उबालने पर रोक लगी हुई है.

Live Lobster Boiling Ban England Government Announces: 2022 का कानून बना आधार

यह फैसला पुराने कानून पर टिका है. साल 2022 में कंजर्वेटिव सरकार ने एक कानून बनाया था, जिसमें ऑक्टोपस, केकड़े और लॉब्स्टर जैसे जीवों को भी दर्द महसूस करने वाला जीव माना गया था. यानी ये जानवर दर्द समझते हैं और महसूस करते हैं. इसी कानून के आधार पर अब सरकार मान रही है कि जिंदा उबालना, जानवरों को जानबूझकर दर्द देना है. जानवरों के हक में काम करने वाले संगठनों का कहना है कि लॉब्स्टर को मारने के और भी बेहतर और कम दर्द देने वाले तरीके हैं. जैसे पहले बिजली के हल्के झटके से बेहोश करना या ठंडी हवा और बर्फ में रखकर सुन्न करना. इन तरीकों को ज्यादा इंसानी और सही माना जाता है. (Live Lobster Boiling Ban England Government Announces in Hindi)

क्रस्टेशियन कम्पैशन का बयान

क्रस्टेशियन कम्पैशन संस्था के प्रमुख बेन स्टर्जन ने सरकार के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि जब जिंदा और होश में मौजूद जानवरों को उबलते पानी में डाला जाता है, तो वे कई मिनटों तक भयानक दर्द झेलते हैं. यह यातना है और इसे रोका जा सकता है. अच्छी बात यह है कि मानवीय तरीके पहले से मौजूद हैं.

लेबर पार्टी की बड़ी पशु कल्याण नीति का हिस्सा

लॉबस्टर को जिंदा उबालने पर बैन कोई अलग फैसला नहीं है. यह लेबर पार्टी की बड़ी पशु कल्याण योजना का हिस्सा है, जिसकी घोषणा दिसंबर में की गई थी. इस योजना में कई दूसरे जरूरी कदम भी शामिल हैं, जैसे मुर्गियों को छोटे पिंजरों में रखने पर बैन, सूअरों को जेस्टेशन क्रेट्स में रखने की प्रथा को खत्म करना और पिल्लों के अवैध व्यापार पर रोक लगाना. इस योजना में कुत्तों के लिए इलेक्ट्रिक शॉक कॉलर पर बैन लगाने और यह सुनिश्चित करने के लिए नियम लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है कि मछलियों को कम से कम तकलीफ के साथ मारा जाए.

शिकार के लिए सख्त नियम भी प्लान किए गए

सरकार शिकार के मामले में भी सख्त रुख अपना रही है. नए प्रस्तावों में खरगोशों के प्रजनन के मौसम में उन्हें गोली मारने पर बैन और ट्रेल हंटिंग को खत्म करने का फैसला शामिल है. ट्रेल हंटिंग में, कुत्तों को इंसानों द्वारा बिछाई गई गंध की पगडंडी का पीछा करने के लिए ट्रेन किया जाता है. पशु कल्याण संगठनों का तर्क है कि यह लोमड़ी के शिकार पर बैन से बचने का एक तरीका है. लेबर पार्टी ने चुनाव से पहले वादा किया था कि वह 2005 के लोमड़ी शिकार अधिनियम को मजबूत करेगी.

नाइजल फराज का विरोध

इन फैसलों पर रिफॉर्म यूके के नेता नाइजल फराज भड़क गए. उन्होंने इसे जरूरत से ज्यादा सरकारी दखल बताया. फराज ने कहा कि अगर यही सोच है, तो फिर गांवों में कुत्ते घुमाने पर भी रोक लगा देनी चाहिए, क्योंकि कुत्ते भी जानवरों का पीछा करते हैं. हालांकि यूगॉव के सर्वे में जनता की राय कुछ और नजर आती है. सर्वे के मुताबिक केवल 29% रिफॉर्म पार्टी के समर्थक ही शिकार को सही मानते हैं. जबकि 65% लोग इसके खिलाफ हैं. वहीं 21% लोगों का मानना है कि कुत्तों के साथ शिकार की इजाजत होनी चाहिए.

लेबर का जवाब

लेबर पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि नाइजल फराज अब आम लोगों की सोच से कट चुके हैं. वह ऐसे मुद्दों का बचाव कर रहे हैं, जो सिर्फ पुराने नेताओं को खुश करते हैं. लेबर का कहना है कि वह पुराने कानूनों को बदलकर जानवरों के साथ हो रही क्रूरता खत्म कर रही है, साथ ही महंगाई कम करने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर भी काम कर रही है. ग्रीन पार्टी ने सरकार की योजना का स्वागत किया है, लेकिन उनका कहना है कि सरकार को ग्रेहाउंड रेसिंग भी बंद करनी चाहिए. ध्यान देने वाली बात यह है कि वेल्स में ग्रेहाउंड रेसिंग पर रोक लगाने की तैयारी पहले से चल रही है.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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