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जापान की संसद में टॉयलेट विवाद! PM साने ताकाइची समेत 60 महिला सांसदों ने उठाया मुद्दा, जानें पूरा मामला

Japan Women Parliament Toilet Issue: जापानी संसद में महिलाओं के रेस्ट रूम के बाहर लंबी कतारों की समस्या सामने आई है, जिसमें प्रधानमंत्री साने ताकाइची और 60 अन्य सांसदों ने संसदीय भवन में और ज्यादा टॉयलेट बनाने की मांग की है. यह मुद्दा पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर और लैंगिक असमानता को दिखाता है. महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है, सरकार 30% प्रतिनिधित्व का लक्ष्य लेकर चल रही है और नॉर्डिक देशों जैसी समानता लाने की कोशिश कर रही है.

Japan Women Parliament Toilet Issue: जापान में लगभग 60 महिला सांसद, जिनमें प्रधानमंत्री साने ताकाइची भी शामिल हैं, ने संसद भवन में महिलाओं के लिए अधिक टॉयलेट की मांग की है. यह मामला छोटा लगता है, लेकिन असल में यह जेंडर असमानता की बड़ी तस्वीर को दिखाता है. संसद भवन में लंबे समय से महिलाओं के लिए सुविधाओं की कमी रही है, और अब सांसदों ने इस पर आवाज उठाई है.

लंबी कतारों से रोजमर्रा की परेशानी

नीचे सदन में 73 महिला सांसदों के लिए केवल एक टॉयलेट है, जिसमें सिर्फ दो बाथरूम क्यूबिकल हैं. मुख्य हॉल के पास यह व्यवस्था होने के कारण हर दिन लंबे समय तक कतारें लगती हैं. विपक्ष की यासुको कोमियामा ने गार्डियन को बताया कि बैठक शुरू होने से पहले बहुत सारी महिला सांसद टॉयलेट के बाहर लंबी कतार में खड़ी हो जाती हैं.

Japan Women Parliament Toilet Issue in Hindi: जापान का नेशनल डाइट भवन 1936 में बना था

जापान का नेशनल डाइट भवन 1936 में बना था. उस समय महिलाओं को वोट देने का अधिकार तक नहीं मिला था (1945 में महिलाओं को मताधिकार मिला). इसलिए भवन का डिजाइन उस समय की जरूरतों के हिसाब से था. आज स्थिति यह है कि नीचे सदन में पुरुषों के लिए 12 टॉयलेट में 67 क्यूबिकल हैं, जबकि महिलाओं के लिए केवल 9 टॉयलेट में 22 क्यूबिकल हैं.

जापान में जेंडर गैप अब भी बड़ा है

जापान में जेंडर गैप अब भी बड़ा है. विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार, जापान इस साल 148 देशों में से 118वें स्थान पर है. महिलाओं का प्रतिनिधित्व न केवल राजनीति में बल्कि व्यापार और मीडिया में भी कम है. नीचे सदन में 465 सांसदों में 72 महिलाएं हैं (पिछली संसद में 45 थीं), और ऊपर सदन में 248 में से 74 महिलाएं हैं. सरकार का लक्ष्य है कि कम से कम 30% सीटें महिलाओं के लिए हों, लेकिन आलोचकों का कहना है कि अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है.

प्रधानमंत्री ताकाइची का नजरिया

साने ताकाइची, जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री, ने सार्वजनिक रूप से महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की इच्छा जताई है. उन्होंने इसे नॉर्डिक स्तर की समानता के साथ तुलना की. नॉर्डिक देशों (स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड) में महिलाओं का संसद और कैबिनेट में प्रतिनिधित्व 40-50% तक होता है.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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