India slams Pakistan at UNHRC: भारत ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में जमकर लताड़ा है. पाकिस्तान के मानवाधिकारों के पाखंड की पोल खोलते हुए परिषद के 60वें सत्र में भारत ने कड़ी फटकार लगाई है. भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए राजनयिक मोहम्मद हुसैन ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे उत्पीड़न को उजागर करते हुए कहा कि वह दूसरों देश पर ऐसा आरोप लगाने का साहस भी कैसे कर सकता है. पाकिस्तान अपनी धरती पर सुरक्षा विफलताओं को नजरअंदाज करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास करता रहता है.
मोहम्मद हुसैन ने कहा कि यह गहरी विडंबना है कि जिस देश का मानवाधिकार रिकॉर्ड सबसे खराब है, वही दूसरों को भाषण देने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, “वे भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर इस मंच का दुरुपयोग करते हैं, जो केवल उनके पाखंड को उजागर करता है.” हुसैन ने आगे कहा कि पाकिस्तान को प्रचार का सहारा लेने के बजाय अपने ही धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ राज्य प्रायोजित उत्पीड़न और व्यवस्थित भेदभाव का सामना करना चाहिए.
पाकिस्तान का खुद का रिकॉर्ड है खराब
पाकिस्तान भारत के खिलाफ जम्मू कश्मीर का राग अलाप रहा है. लेकिन उसका खुद का रिकॉर्ड पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में खराब है. वर्तमान में 29 सितंबर 2025 से पीओके में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन चल रहा है, जिसमें 12 लोगों की मौत पाकिस्तानी सेना की फायरिंग में हो गई. यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी (UKPNP) के प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने UNHRC को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के इस क्षेत्र में बढ़ते दमन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की.
खान ने कहा, “PoJK में 30 लाख से अधिक कश्मीरी घेराबंदी में हैं, जबकि विदेशों में रह रहे 20 लाख लोग अपने परिवारों से कट चुके हैं.” उन्होंने इस स्थिति को शांतिपूर्ण प्रतिरोध को दबाने का जानबूझकर किया गया प्रयास बताया. PoJK की राजधानी मुजफ्फराबाद में कई दिनों से प्रदर्शन जारी हैं, जहां लोग बिजली दरों में कमी, सब्सिडी वाला गेहूं और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान में बसे शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 विधायी सीटों को हटाने की भी मांग की है, उनका कहना है कि इससे प्रतिनिधित्व विकृत होता है.
बलोच-पश्तून संगठनों ने दी है हत्या और गुमशुदगी की रिपोर्ट
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक बलोच और पश्तून के विरोध प्रदर्शन भी आए दिन होते रहते हैं. बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार संगठन Paank ने 2025 के पहले छह महीने में 785 लोगों के गायब होने और 121 हत्याओं की रिपोर्ट प्रकाशित की थी. वहीं पश्तून संगठनों का दावा है कि पिछले एक साल में उन्होंने अपने 4,000 लोग खो दिए हैं. वे लापता हो गए या कहां गए हमें नहीं पता.
यूएससीआरएफ रिपोर्ट ने ईश निंदा कानून पर खोली पोल
पाकिस्तान में आश्चर्यजनक रूप से लोग गायब हो जाते हैं और उनके मानवाधिकार के बारे में पाकिस्तान चुप रहता है. वहीं अमेरिका की यूएससीआरएफ ने 2025 की अपनी धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान में लगभग 700 लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं, यह पिछले साल के मुकाबले 300 फीसदी की वृद्धि है.
यूएन ने कठोर कदम उठाने के लिए लिखा है पत्र
पाकिस्तान में अहमदिया जैसी अल्पसंख्यक समुदाय को भी निशाना बनाया जाता है. यूएन के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने जुलाई में पाकिस्तान सरकार को अहमदिया समुदाय समेत सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों पर लगाम लगाने की मांग की थी. विशेषज्ञों ने पत्र लिखकर कहा कि सरकार से गैर न्यायिक हत्या, मनमानी गिरफ्तारी और धार्मिक स्थलों पर हमलों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे. भारत ने पाकिस्तान के इसी पाखंड को उजागर करते हुए यूएनएचआरसी में भरपूर लताड़ लगाई है. जिनेवा में चल रहे इसी सत्र के दौरान आयोजित एक सेमिनार में भी पाकिस्तान और बांग्लादेश में बिगड़ती मानवाधिकार स्थिति पर प्रकाश डाला गया.
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