Donald Trump Signs Executive Orders for Qatar Security: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. इस आदेश में यह कहा गया है कि ऊर्जा संपन्न देश कतर पर अगर कोई देश हमला करता है, तो अमेरिका उसकी रक्षा करेगा. इस आदेश में कतर की रक्षा के लिए अमेरिकी सैन्य कार्रवाई सहित विभिन्न कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई गई है. इजराइल ने हाल ही में हमास के नेताओं को निशाना बनाते हुए दोहा में हमला किया था. येरूशलम से किए गए इस हमले की अमेरिका और कतर दोनों ने निंदा की है.
डोनाल्ड ट्रंप के शासकीय आदेश को ‘व्हाइट हाउस’ की वेबसाइट पर बुधवार को उपलब्ध कराया गया. इस आदेश की विषय-वस्तु से ट्रंप द्वारा कतर के लोगों को आश्वस्त करने का एक और उपाय प्रतीत होता है. आदेश में दोनों देशों के “घनिष्ठ सहयोग” और “साझा हित” का हवाला देते हुए ‘‘बाहरी हमले के विरुद्ध कतर की रक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की गारंटी’’ देने का संकल्प जताया गया है. ट्रंप के इस आदेश में कहा गया है, ‘‘अमेरिका कतर के क्षेत्र, संप्रभुता या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर किसी भी सशस्त्र हमले को अमेरिका की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा मानेगा.’’ इस आदेश में आगे कहा गया, ‘‘ऐसे हमले की स्थिति में अमेरिका अपने और कतर के हितों की रक्षा करने तथा शांति एवं स्थिरता बहाल करने के लिए सभी वैध और उचित कदम उठाएगा- जिसमें राजनयिक, आर्थिक और, यदि आवश्यक हो, तो सैन्य कार्रवाई भी शामिल हैं.’’
नेतन्याहू ने कतर से हमले पर जताया खेद
यह आदेश इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सोमवार को वाशिंगटन यात्रा के दौरान आया. ‘व्हाइट हाउस’ ने बताया कि इस यात्रा के दौरान नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद अब्दुलरहमान बिन जस्सिम अल थाने से उस हमले पर ‘‘गहरा खेद व्यक्त किया’’. इजराइल के इस हमले में कतर के सुरक्षा बलों के एक सदस्य सहित छह लोग मारे गए थे. वहीं ट्रंप के आदेश पर फिलहाल कतर के अधिकारियों की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है. आमतौर पर अमेरिका में ऐसे आदेशों के लिए सीनेट की मंजूरी की जरूरत होती है, लेकिन राष्ट्रपति को अंतर्राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर ऐसा करने की छूट होती है. बराक ओबामा ने इसी तरह के आदेश के साथ ईरान के साथ 2015 में परमाणु समझौता किया था. आपको बता दें कि सैन्य कार्रवाई पर फैसला लेने का अंतिम अधिकार भी अमेरिकी राष्ट्रपति के पास होता है.

अमेरिका के लिए कतर क्यों है जरूरी?
कतर ईरान के नीचे और सऊदी अरब के बिल्कुल ऊपर हथेली के एक अंगूठे की तरह है, जब किसी को मुट्ठी बंद करके बेस्ट ऑफ लक कहते हैं. यह फारस की खाड़ी में खनिज संपदा से संपन्न देश है. इसके पास दुनिया के सबसे बड़े गैस के भंडार हैं. वहीं अमेरिका का पश्चिमी एशिया का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा भी कतर में है. इस अड्डे में तकरीबन 10,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. कतर में अमेरिकी की मौजूदगी रणनीतिक रूप से अहम है, क्योंकि यहां से वह पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण रख पाता है. 2022 में अमेरिका ने उसे गैर नाटो सहयोगी प्रमुख देश का दर्जा दिया था. हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कतर ने एक जहाज गिफ्ट के तौर पर दिया था. ऐसे में अमेरिका अपने अहम देश के की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता दर्शाते हुए इस आदेश को जारी करने पर मजबूर हुआ है.
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