Donald Trump announced Israel Hamas signed Gaza Peace Plan: इजरायल और हमास के बीच दो साल से जारी युद्ध अब रुकने के आसार नजर आ रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की कि उनके द्वारा प्रस्तावित गाजा शांति समझौते के पहले चरण के लिए इजरायल और हमास दोनों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं. इसके तहत अब बहुत जल्द सभी बंधकों की रिहाई हो जाएगी. हमास के कब्जे में इजरायल के 48 बंधक हैं, जिन्हें उसने 7 अक्टूबर 2023 को किए गए हमले में पकड़ लिया था. ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि इजरायल और हमास दोनों ने हमारे शांति समझौते के पहले चरण पर सहमति जता दी है.”
अपने संदेश में ट्रंप ने उन दो प्रमुख मुद्दों का उल्लेख किया, जिन पर मिस्र में वार्ताकार काम कर रहे थे पहली बंधकों की रिहाई और दूसरी गाजा के कुछ हिस्सों से इजरायली सेना की वापसी. व्हाइट हाउस की ओर से सोशल मीडिया पर लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि इजरायल और हमास दोनों ने हमारे शांति समझौते के पहले चरण पर सहमति जता दी है… धन्य हैं वे जो शांति स्थापित करते हैं!”- राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप”
ट्रंप का बयान
वहीं अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे लिखा, “इसका मतलब है कि सभी बंधकों को बहुत जल्द रिहा कर दिया जाएगा, और इजरायल अपनी सेना को एक तय की गई रेखा तक पीछे हटाएगा, जो एक मजबूत, स्थायी और सदैव रहने वाली शांति की दिशा में पहला कदम होगा.”
इजरायल और हमास के बीच हुए समझौते की घोषणा करते हुए अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में ट्रंप ने आगे लिखा, “यह अरब और मुस्लिम दुनिया, इजरायल, सभी पड़ोसी देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक महान दिन है. हम कतर, मिस्र और तुर्की के मध्यस्थों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने हमारे साथ मिलकर इस ऐतिहासिक और अभूतपूर्व घटना को संभव बनाया.”
हमास ने भी जारी किया बयान
फिलिस्तीनी संगठन हमास ने बाद में एक बयान जारी करते हुए कहा, “हम राष्ट्रपति ट्रंप, समझौते के गारंटी देशों और सभी अरब, इस्लामी और अंतरराष्ट्रीय पक्षों से आह्वान करते हैं कि वे कब्जे वाली सरकार (इजरायल) को समझौते के तहत अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभाने के लिए बाध्य करें और उसे समझौते के क्रियान्वयन से बचने या देरी करने से रोकें.” मिस्र के शर्म अल-शेख में गाजा युद्ध को समाप्त करने के लिए चल रही वार्ताओं के दौरान, हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संगठन और इजरायल के वार्ताकारों ने उन बंधकों और कैदियों की सूचियों का आदान-प्रदान किया है जिन्हें संघर्षविराम समझौते के लागू होने पर रिहा किया जाएगा.
नेतन्याहू ने बंधकों की रिहाई का जताया भरोसा
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कहा कि इजरायल बहुत जल्द गाजा से सभी बंधकों को घर ले आएगा. उन्होंने कहा, “ईश्वर की मदद से हम उन्हें सबको घर वापस लाएंगे.” उन्होंने यह भी कहा कि वह गुरुवार को अपनी सरकार की बैठक बुलाएंगे ताकि हमास के साथ हुए इस समझौते को औपचारिक रूप से मंजूरी दी जा सके और बंधकों की वापसी सुनिश्चित की जा सके.
हमास आगे की रणनीति पर कर रहा काम
वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के गाजा प्रमुख खलील अल-हय्या मिस्र की खुफिया एजेंसी के प्रमुख से मुलाकात कर रहे हैं, ताकि ऐतिहासिक गाजा समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि यह समझौता गुरुवार को घोषित किया जा सकता है.
फिलिस्तीन ने यूएन में इजरायल पर निकाला गुस्सा
फिलिस्तीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को भेजे एक पत्र में इजरायल पर गाजा में नरसंहार युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि विनाश अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच चुका है. फिलिस्तीन के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर प्रकाशित इस पत्र में कहा गया है, “जबकि पूरी दुनिया रक्तपात को रोकने के लिए प्रयास कर रही है, इजरायल जो कब्जा करने वाली शक्ति है फिलिस्तीनी जनता के खिलाफ अपने नरसंहार युद्ध को जारी रखे हुए है.”
‘इस नरसंहार को अब रोका जाना ही चाहिए’- फिलिस्तीन
पत्र में कहा गया कि इजरायल ने सामूहिक सजा के आपराधिक रास्ते पर चलते हुए फिलिस्तीनी समाज को नष्ट करने और कब्जे वाले इलाकों के औपनिवेशीकरण और विलय को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, “अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में फिलिस्तीनियों की मृत्यु संख्या कम से कम 2,37,000 तक पहुंच चुकी है.” अधिकांश घरों व नागरिक ढांचे पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं. पत्र में यह भी चेतावनी दी गई कि वेस्ट बैंक में भी इजरायल का फिलिस्तीनी अस्तित्व पर सर्वांगीण हमला दोहराया जा सकता है, क्योंकि वहां भी बसने वालों की हिंसा और जबरन विस्थापन बढ़ रहा है. पत्र के अंत में कहा गया, “इजरायल द्वारा जीवन और अंतरराष्ट्रीय कानून का हनन रोका जाना चाहिए. इस दुखद दूसरी वर्षगांठ पर हम दोहराते हैं कि इस नरसंहार को अब रोका जाना ही चाहिए.”
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