Doha Strike Trump Angry: दुनिया की राजनीति में कभी-कभी दोस्ती भी फजीहत बन जाती है. कुछ ऐसा ही हुआ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच. गाजा युद्ध की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि इजरायल ने अचानक कतर की राजधानी दोहा में बैठकों के बीच हमास नेताओं पर हमला कर दिया. ये वही क़तर है, जो अमेरिका का अहम सहयोगी है और गाजा में सीजफायर कराने में मेडियेटर की भूमिका निभा रहा है. अब सोचिए, ट्रंप को इस पूरे ऑपरेशन की भनक तक नहीं लगी. खबर उन्हें अमेरिकी सेना से तब मिली, जब बम पहले ही दोहा में गिर चुके थे. इसके बाद जो हुआ, उसने वॉशिंगटन और तेल अवीव के रिश्ते में नई खटास भर दी है.
पहली कॉल- गुस्से से भरा ट्रंप
जैसे ही हमला हुआ, ट्रंप ने नेतन्याहू को फोन मिलाया. उनका गुस्सा साफ था. उन्होंने दो टूक कहा में कहा कि ये हमला समझदारी वाला नहीं था. असल में ट्रंप नाराज थे कि उन्हें अंधेरे में रखकर इतनी बड़ी कार्रवाई की गई. जवाब में नेतन्याहू ने सफाई दी कि मेरे पास छोटा सा मौका था, इसलिए तुरंत ऐक्शन लेना पड़ा.
Doha Strike Trump Angry: दूसरी कॉल- सवाल लेकिन जवाब अधूरा
गुस्से के बाद दोनों नेताओं की एक और कॉल हुई. इस बार माहौल थोड़ा हल्का था. ट्रंप ने सीधा पूछा कि हमला सफल रहा? नेतन्याहू ने कहा कि अभी नहीं पता. हमास की तरफ से दावा किया गया कि उसके टॉप लीडर बच निकले, लेकिन छह निचले दर्जे के कमांडर मारे गए. नतीजा ये हुआ कि हमास ने तुरंत सीजफायर वार्ता से हाथ खींच लिया.
कतर क्यों हुआ नाराज?
कतर की नाराजगी समझनी आसान है. इज़रायल ने उसके घर में घुसकर वार्ता टेबल पर बैठे लोगों को मारने की कोशिश की. और ये वही कतर है जिसने हाल ही में अमेरिका को 400 मिलियन डॉलर का लग्ज़री जेट गिफ्ट किया है और ट्रंप के नाम से गोल्फ़ रिज़ॉर्ट बनाने का ऐलान किया है. ऐसे में दोहा पर हमला सीधा अमेरिका और क़तर के रिश्तों पर चोट माना जा रहा है.
ट्रंप की झुंझलाहट और नेतन्याहू की जिद
ट्रंप हमेशा से इजरायल के बड़े पैरोकार रहे हैं, लेकिन नेतन्याहू का आक्रामक रवैया उन्हें बार-बार असहज कर रहा है. व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “नेतन्याहू बार-बार ट्रंप को ऐसी मुश्किलों में डालते हैं, जहां उन्हें खुद की पॉलिसी से समझौता करना पड़ता है.” ट्रंप चाहते हैं कि गाजा पर बमबारी कम हो, ताकि इजरायल की ग्लोबल इमेज धूमिल न हो. लेकिन नेतन्याहू का कहना है कि जब तक आतंकियों को खत्म नहीं किया जाता, हमले रुकने वाले नहीं हैं.
हमले के बाद नेतन्याहू ने वीडियो बयान जारी कर दुनिया को अल्टीमेटम दे दिया कि कतर समेत कोई भी देश अगर आतंकियों को पनाह देगा, तो या तो उन्हें निकालो या हमें सौंप दो. वरना हम खुद आकर निपटेंगे. इधर, ट्रंप ने भी बयान दिया कि ये हमला “शांति का नया अवसर” बन सकता है. लेकिन हकीकत ये है कि बमबारी जारी है, तस्वीरें दुनिया भर में आलोचना बटोर रही हैं और अमेरिका-इजरायल के रिश्तों में तल्खी बढ़ रही है.
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