24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

फेसबुक के दस्तावेजों से खुलासा- भारत में भ्रामक सूचना, नफरत वाले भाषण से निपटने के लिए कर रहा संघर्ष

फेसबुक के आंतरिक दस्तावेज बताते हैं कि कंपनी अपने सबसे बड़े बाजार भारत में भ्रामक सूचना, नफरत वाले भाषण और हिंसा पर जश्न से जुड़ी सामग्री की समस्या से संघर्ष कर रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

न्यूयॉर्क: भारत में फेसबुक (Facebook) पर भड़काऊ, भ्रामक और मुस्लिम विरोधी सामग्रियों की भरमार है. फेसबुक के दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि सोशल मीडिया साइट भ्रामक सूचना और नफरत फैलाने वाले भाषण से निपटने के लिए अब भी संघर्ष कर रहा है.

अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स में आयी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक के आंतरिक दस्तावेज बताते हैं कि कंपनी अपने सबसे बड़े बाजार भारत में भ्रामक सूचना (Misinformation), नफरत वाले भाषण (Hate Speech) और हिंसा पर जश्न से जुड़ी सामग्री की समस्या से संघर्ष कर रही है.

सोशल मीडिया के शोधकर्ताओं ने कहा है कि ऐसे समूह और पेज हैं, जो ‘भ्रामक, भड़काऊ और मुस्लिम विरोधी सामग्री से भरे हुए हैं.’ न्यूयॉर्क टाइम्स में शनिवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक, फेसबुक के शोधकर्ताओं ने फरवरी 2019 में नये यूजर्स अकाउंट बनाये, ताकि देखा जा सके कि केरल के निवासी के लिए सोशल मीडिया वेबसाइट कैसा दिखता है.

Also Read: फेसबुक अकाउंट डिलीट कर देंगे, तो आपकी ‘लाइफ स्टोरीज’ का क्या होगा

अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले तीन सप्ताह तक अकाउंट को सामान्य नियम के तहत चलाया गया. समूहों से जुड़ने, वीडियो और साइट के नये पेज को देखने के लिए फेसबुक की कलन विधि (अल्गोरिद्म) द्वारा की गयी सभी अनुशंसाओं का अनुपालन किया गया.

इसका नतीजा यह हुआ कि यूजर्स के सामने नफरत वाले भाषण, भ्रामक सूचना और हिंसा पर जश्न मनाने की बाढ़ आ गयी. फेसबुक ने अपनी आंतरिक रिपोर्ट में इसका डॉक्युमेंटेशन किया है और उस महीने के अंत में संबंधित रिपोर्ट प्रकाशित की गयी.’

न्यूयॉर्क टाइम्स और एसोसिएटेड प्रेस सहित समाचार संगठनों के समूह को प्राप्त हुई रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आंतरिक दस्तावेज दिखाते हैं कि कंपनी अपने सबसे बड़े बाजार में भ्रामक सूचना, नफरत फैलने वाले भाषण और हिंसा का जश्न मनाने वाली सामग्री से संघर्ष कर रही है.’

Also Read: छह घंटे थमी रही मैसेजिंग की दुनिया, WhatsApp, इंस्टाग्राम और फेसबुक सब बंद, दुनिया भर के यूजर परेशान

फेसबुक की रिपोर्ट के हवाले से न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि भारत में मान्यताप्राप्त 22 भाषाओं में से केवल पांच भाषाओं में ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता के आधार पर सामग्री का विश्लेषण करने की सुविधा है, लेकिन इनमें हिंदी और बांग्ला भाषा अब तक शामिल नहीं है.

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel