China Taiwan Conflict: चीन और ताइवान के बीच चल रहे तनाव में एक और विवाद बढ़ गया है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने आरोप लगाया है कि उसके क्षेत्र के आसपास 12 चीनी पीएलए (पीएलए) विमान, आठ पीएलएएन (पीएलएएन) युद्धपोत और तीन आधिकारिक जहाजों ने घुसपैठ की है. ये सभी गतिविधियां ताइवान के हवाई सुरक्षा क्षेत्र (एडीआईजेड) और ताइवान जलडमरूमध्य के आसपास हुईं. एक्स पर साझा किए गए विवरण में एमएनडी ने बताया कि ये गतिविधियां 30 सितंबर की सुबह 6 बजे (UTC+8) तक दर्ज की गईं. एमएनडी नियमित रूप से ऐसी सैन्य गतिविधियों की निगरानी करता है और उन्हें सार्वजनिक रूप से साझा करता है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जागरूकता सुनिश्चित की जा सके.
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 12 विमानों में से 7 ने ताइवान जलडमरू मध्य रेखा को पार किया और ताइवान के उत्तरी, दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिण-पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में प्रवेश किया. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने स्थिति की निगरानी की है और उसी के अनुसार प्रतिक्रिया दी है.
MND ने कहा, “ताइवान के आसपास 12 PLA विमान, आठ PLAN युद्धपोत और तीन आधिकारिक जहाजों का आज सुबह 6 बजे (UTC+8) तक पता लगाया गया. इनमें से 12 में से 7 उड़ानें मध्य रेखा पार कर ताइवान के उत्तरी, दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिण-पूर्वी ADIZ में प्रवेश कर गईं. हमने स्थिति की निगरानी की है और इस घुसपैठ पर उचित प्रतिक्रिया दी है.”
बार-बार होने वाली ये घुसपैठ और समुद्री गतिविधियां ताइवान और चीन के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती हैं, जिनके रिश्ते लंबे समय से भू-राजनीतिक तनाव से घिरे हुए हैं. चीन लगभग प्रत्येक दिन ताइवान पर इस तरह के उकसावे वाली कार्रवाई करता रहता है. 18 सितंबर को चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन ने अरसे से चली आ रही चीन की घोषणा को फिर से दोहराते हुए कहा था कि उनका देश जल्द ही ताइवान पर कब्जा कर लेगा. चीन ताइवान को वापस लेने के लिए सैन्य बल का उपयोग करने से नहीं हिचक रहा है. उसकी कार्रवाइयां एक बड़े संघर्ष को जन्म दे सकती हैं. वहीं ताइवान की सत्ताधारी पार्टी के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने चीनी बयान को खारिज करते हुए कहा कि उनका देश एक संप्रभु राष्ट्र है और इसका फ्यूचर यहां की जनता ही तय करेगी.
ताइवान को अपना हिस्सा मानता है चीन
ताइवान, जिसे आधिकारिक तौर पर रिपब्लिक ऑफ चाइना (ROC) कहा जाता है, अपनी स्वतंत्र सरकार चलाता है और उसका राजनीतिक और आर्थिक ढांचा चीन से अलग है. ताइवान की आबादी लगभगल 2.3 करोड़ है. हालांकि, चीन लगातार ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और “वन चाइना” सिद्धांत पर अड़ा हुआ है, जिसके अनुसार केवल एक ही चीन है जिसकी राजधानी बीजिंग है. चीन ने लगातार इस नीति को अपनाया है कि वह ताइवान के किसी भी अलगाववादी प्रयास को सफल नहीं होने देगा और वह किसी भी बाहरी सैन्य हस्तक्षेप को विफल करेगा.
1949 से चला आ रहा विवाद
इस विवाद की जड़ें 1949 में चीनी गृहयुद्ध की समाप्ति से जुड़ी हैं, जब माओ त्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ने मुख्यभूमि चीन पर नियंत्रण कर लिया और रिपब्लिक ऑफ चाइना सरकार ताइवान भाग गई. तब से, बीजिंग ने पुनर्एकीकरण के अपने लक्ष्य को बनाए रखा है और ताइवान पर दबाव डालने तथा उसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति को कमजोर करने के लिए सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक साधनों का उपयोग करता रहा है. इसके बावजूद, ताइवान अपने वास्तविक स्वतंत्र अस्तित्व को बनाए हुए है, जिसे जनता का मजबूत समर्थन प्राप्त है और वह बाहरी दबावों के बीच लगातार अपनी संप्रभुता का दावा करता है.
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