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अमेरिका में शटडाउन का संकट, सीनेट में 60 की दरकार 55 ही जुटा पाई ट्रंप सरकार, बंद हो सकते हैं ये सरकारी काम

Shutdown in USA: संयुक्त राज्य अमेरिका में शटडाउन का संकट गहरा गया है. रिपबल्किन पार्टी की ओर से पेश किए गए अस्थायी व्यव विधेयकर सीनेट में पास नहीं हो सकता है. ऐसी स्थिति में कई सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा जा सकता है.

Shutdown in USA: अमेरिका में 6 सालों में पहली बार और 1981 के बाद 15वीं बार शटडाउन की ओर बढ़ रहा है. अमेरिकी कांग्रेस में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक सदस्यों के बीच गतिरोध पर आम सहमति नहीं बन पा रही है. रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पेश किए गए एक अल्पकालिक विधेयक को पारित करने के अंतिम प्रयास विफल हो गए हैं. यह विधेयक 21 नवंबर तक सरकार के खर्च को जारी रखने के लिए लाया गया था. ऐसे में अस्थाई व्यय विधेयक पर सीनेट में होने वाला मतदान एक बार फिर से विफल होना संभावित लग रहा है. अगर ऐसा होता है तो सरकारी कामकाज ठप होने का भी खतरा बढ़ जाएगा. 

मंगलवार शाम को सीनेट में मतदान हुआ, तो 100 सदस्यों वाले इस हाउस में यह 55 बनाम 45 रहा. वहीं रिपब्लिकन पार्टी को विधेयक पारित कराने के लिए कम से कम 60 वोटों की आवश्यकता है. यह प्रस्ताव गिरने से यह तय हो गया है कि सरकार के पास जरूरी फंडिंग का विस्तार नहीं कर सकती और संघीय कामकाज पर रुक जाएगा. अमेरिकी कानून के अनुसान जब तक बजट या अस्थायी व्यय विधेयक पास नहीं होता, तब तक गैर जरूरी सरकारी विभागों और सर्विसेज को बंद करना पड़ता है. इसी स्थिति को शटडाउन कहा जाता है.  

डेमोक्रेट्स के पास वर्तमान में इतने वोट हैं कि वे रिपब्लिकन के इस स्टॉपगैप फंडिंग पैकेज को रोक सकते हैं, क्योंकि इसमें उनकी मांगों को शामिल नहीं किया गया है. मंगलवार को हुए मतदान ने यह भी संकेत दिया कि दोनों पार्टियां झुकने के मूड में नहीं हैं, जबकि संघीय फंडिंग की समयसीमा नजदीक है. अगर सीनेट सात सप्ताह तक के लिए फेडरल फंडिंग बढ़ाने का यह प्रस्ताव पारित नहीं करती, तो 12:01 बजे से सरकारी खर्च समाप्त हो जाएगा. इससे अमेरिका में लगभग सात साल बाद पहली बार शटडाउन लागू होगा.

स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च को लेकर रिपब्लिकन बनाम डेमोक्रेट्स

रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स इस समय स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च को लेकर टकराव में हैं, जिसके चलते शटडाउन हो सकता है और इससे राष्ट्रीय सेवाएं बाधित होंगी. शटडाउन होने से संघीय कर्मचारियों को जबरन छुट्टी (फरलो) पर भेजा जा सकता है. सीनेट डेमोक्रेट्स ने कहा है कि वे इस पैकेज के पक्ष में तब तक वोट नहीं देंगे, जब तक इसमें खत्म हो रहे स्वास्थ्य लाभों के विस्तार समेत उनकी अन्य मांगें शामिल नहीं की जातीं. डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप अपने मेगा बिल से मेडिकल कटौती को वापस लें और अफोर्डेबल केयर एक्ट के जरूरी टैक्स क्रेडिट को बढ़ाएं. 

आधी रात को सरकारी फंडिंग समाप्त होने के बाद व्हाइट हाउस बजट कार्यालय एक ज्ञापन जारी करेगा, जो औपचारिक शटडाउन को लागू करेगा. इसके तहत आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी, जिनमें सैन्यकर्मी भी शामिल हैं, बिना वेतन के काम करेंगे और गैर-जरूरी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाएगा. कांग्रेसनल बजट ऑफिस के अनुसार, इस कदम से लगभग 7.5 लाख संघीय कर्मचारी अस्थायी रूप से प्रभावित हो सकते हैं, भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप स्थायी छंटनी का फैसला न करें.

क्यों होगा शटडाउन

अमेरकी सरकार को चलाने के लिए फंड की जरूरत होती है. इसके लिए कांग्रेस से बजट या फिर फंडिंग बिल पारित करवाना पड़ता है. लेकिन इस गतिरोध की वजह से तय समय में बिल पारित नहीं हो पाएगा. ऐसे में राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर शटडाउन होता है, तो उनकी प्रशासन काफी सारे संघीय कर्मचारियों को हटा देगा. ट्रंप के पिछले कार्यकाल में 2018 में शटडाउन 34 तक चला था और इस दौरान 3,40,000 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा गया था जबकि बाकी बचे सरकारी स्टाफ ने बिना वेतन के काम किया था. इस बार भी ट्रंप गतिरोध की आड़ में शटडाउन कर सकते हैं और सरकारी स्टाफ की छंटनी कर कर सकते हैं. 

किन-किन क्षेत्रों पर पड़ेगा असर

अगर समयसीमा बीत जाएगी तो एजेंसियां गैर जरूरी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजेगी, इससे वे कर्मचारी प्रभावित होंगे, जिनके पास लाइफ कवर या प्रॉपर्टी कवर की सुरक्षा नहीं है. इस बार यह शटडाउन लागू होगा, तो एफबीआई, सीआईए, सेना, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ हवाई सेवाएं प्रभावित होंगी. वहीं शिक्षा विभाग भी बुरी तरह प्रभावित हो सकता है, माना जा रहा है कि वह अपने 90 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी कर सकता है. 

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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