Tarique Rahman Return: बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर गरमाई हुई है. 17 साल बाद बीएनपी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान की देश वापसी हुई है. लेकिन उनकी वापसी को लेकर सवाल उठने लगे हैं. सत्तारूढ़ दल अवामी लीग के छात्र संगठन का कहना है कि यह सिर्फ घर वापसी नहीं, बल्कि चुनाव से पहले की एक बड़ी राजनीतिक चाल है. आरोप है कि इसके पीछे एकतरफा चुनाव कराने की साजिश छिपी है.
तारिक रहमान की वापसी के कुछ ही घंटों बाद बांग्लादेश छात्र लीग ने गंभीर आरोप लगाए. छात्र संगठन के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि तारिक रहमान की वापसी से देश में शांति नहीं आएगी, बल्कि राजनीतिक तनाव और बढ़ेगा. सद्दाम हुसैन के अनुसार, बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष की वापसी बांग्लादेश की समस्याओं को हल नहीं करेगी. इससे एकतरफा चुनाव को बढ़ावा मिलेगा और फासीवादी राजनीति मजबूत होगी.
यह एक बैकडोर डील है- सद्दाम हुसैन ने आरोप लगाया
सद्दाम हुसैन ने आरोप लगाया कि यह सब अवैध सरकार और बीएनपी-जमात गठबंधन के बीच हुई एक गुप्त डील का हिस्सा है. उनका कहना है कि इस डील का मकसद लोकतंत्र को कमजोर करना है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह साफ है कि यह एक बैकडोर समझौता है, जो लोकतंत्र को एक बार फिर सिलेबस से बाहर कर देगा. छात्र नेता ने तारिक रहमान के पुराने मामलों को भी याद दिलाया.
उनके अनुसार, तारिक रहमान 2004 के ग्रेनेड हमले समेत कई मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं और उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार किया था. सद्दाम हुसैन का कहना है कि ऐसे व्यक्ति की वापसी लोकतंत्र को मजबूत नहीं, बल्कि कमजोर करती है. सद्दाम हुसैन ने कहा कि जब तारिक रहमान पहले बांग्लादेश में थे, तब हालात और खराब हुए थे. उनके अनुसार उग्रवाद बढ़ा, कानून-व्यवस्था बिगड़ी, अल्पसंख्यकों पर हमले हुए, देश की छवि भ्रष्टाचार से जुड़ी. उन्होंने कहा कि आज फिर वही सवाल बांग्लादेश की जनता के सामने खड़े हैं.
Bangladesh Politics Tarique Rahman Return in Hindi: 17 साल बाद तारिक रहमान की वापसी
तारिक रहमान, जो पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे हैं, गुरुवार को 17 साल बाद बांग्लादेश लौटे. बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, उन्हें लेकर आई बांग्लादेश बिमान की फ्लाइट सुबह 9:56 बजे सिलहट के ओस्मानी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी. वहां बड़ी संख्या में बीएनपी नेता और समर्थक मौजूद थे. बीएनपी ने उनकी वापसी को पार्टी के लिए नया अध्याय बताया. तारिक रहमान की वापसी ऐसे समय पर हुई है जब बांग्लादेश पहले से ही अशांति में है. हाल ही में छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या हुई, जिसके बाद कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए. इससे देश में कानून-व्यवस्था, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, चुनावी माहौल को लेकर चिंता बढ़ गई है.
चुनाव से पहले अवामी लीग पर रोक
इस बीच यूनुस सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए शेख हसीना की अवामी लीग को आम चुनाव लड़ने से रोक दिया है. बांग्लादेश में आम चुनाव 17 फरवरी को होने हैं. अवामी लीग का कहना है कि इस फैसले से जनता की आवाज दबा दी गई है. सद्दाम हुसैन ने सरकार को अवैध बताते हुए कहा कि निष्पक्ष चुनाव के लिए सरकार का तटस्थ होना जरूरी है, जो फिलहाल नहीं है.
उन्होंने कहा कि जो हो रहा है, वह चुनाव नहीं बल्कि चयन है. सत्ता पहले से तय लोगों के बीच बांटी जा रही है. अवामी लीग छात्र संगठन का कहना है कि मौजूदा व्यवस्था न तो देश में स्थिरता लाएगी और न ही राजनीतिक संकट खत्म करेगी. अवामी लीग छात्र संगठन का कहना है कि मौजूदा व्यवस्था न तो देश में स्थिरता लाएगी और न ही राजनीतिक संकट खत्म करेगी. सद्दाम हुसैन के अनुसार, जब तक चुनाव सबको साथ लेकर, लोकतांत्रिक तरीके से नहीं होंगे, तब तक बांग्लादेश में कुछ भी नहीं बदलेगा.
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