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अमेरिका में बढ़ता गन कल्चर, अंधाधुंध फायरिंग में मर रहे आम लोग, जानिए कैसे कातिलों को मिल जाता है हथियार

अमेरिका का संविधान अपने सभी नागरिकों को बंदूक रखने का अधिकार देता है. यहीं से अमेरिका के गन कल्चर की शुरुआत होती है. इस के चलते अमेरिका के दुकानों में बंदूक उतनी ही आसानी से मिल जाती है, जितनी आसानी से भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान और मोबाइल फोन मिलते हैं.

Shooting In Texas: अमेरिका के टेक्सास में 18 साल के एक कालित युवक ने स्कूल में घुसकर 19 बच्चों समेत 23 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. कालित ने सबसे पहले अपनी दादी की गोली मारकर हत्या की. मास किलिंग की इस घटना से पूरा अमेरिका सन्न है, खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन घटना पर दुख जताते हुए कह रहे हैं कि, एक राष्ट्र के रूप में हमें पूछना होगा कि गॉड के नाम पर हम कब बंदूक की लॉबी के खिलाफ खड़े होंगे. बता दें, मसी महीने अमेरिका के न्यूयार्क के मेट्रो स्टेशन मे गोलीबारी हुई जिसमें 16 लोग घायल हुए. फिर बफेलो शहर के एक सुपरमार्केट में फायरिंग हुई, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई. कैलिफोर्निया के चर्च में गोलीबारी से एक शख्त की मौत हो गई थी.

अमेरिका में गोलीबारी से हत्या का इतिहास उतना ही पुराना है जितना खुद अमेरिका का इतिहास. दरअसल, अमेरिका का संविधान अपने सभी नागरिकों को बंदूक रखने का अधिकार देता है. यहीं से अमेरिका के गन कल्चर की शुरुआत होती है. इस के चलते अमेरिका के दुकानों में बंदूक उतनी ही आसानी से मिल जाती है, जितनी आसानी से भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान और मोबाइल फोन मिलते हैं. अपने गन कल्चर के कारण ही बीते 50 सालों में अमेरिका में लाखों लोग बंदूक से होने वाली हिंसा के शिकार हुए हैं.

उपनिवेश काल से ही अमेरिका में है गन कल्चर

अमेरिका में पहले पहल ब्रिटिश राज कायम था. ब्रिटिश शासन से लड़कर बंदूक के जोर पर अमेरिका ने आजादी पाई है. लेकिन, आजादी के बाद वहां की स्थिति को देखते हुए लोगों को हथियार रखने की इजाजत दी गई थी. समय के साथ गन कल्चर अमेरिकी रहन-सहन का हिस्सा बनता गया. और इसके खिलाफ कभी कोई ठोस कानून नहीं बन पाया.

संविधान जितना पुराना है अमेरिका का गन कल्चर

अमेरिका 1783 को ब्रिटेन से आजाद हुआ था. बंदूक की जोर पर अमेरिका को स्वतंत्रता मिली थी. इसके बाद अमेरिका में संविधान बना. फिर साल 1791 में संविधान में दूसरा संशोधन लागू हुआ और उसी के तहत अमेरिकी नागरिकों को हथियार रखने के अधिकार मिल गया. अमेरिकी लोग सब्जी भाजी की तरह गन बाजार से खरीद सकते थे. लेकिन इसकी कीमत में अमेरिका चुका रहा है. अब तक लाखों लोग गन कल्चर का शिकार हो चुके हैं. सबसे बड़ी बात की आजादी के करीब 239 साल के बाद भी आज भी अमेरिका इस कानून को बदल नहीं पाया है.

गन कल्चर की कीमत भी चुकाता है अमेरिका

अमेरिका में गन कल्चर भले ही वहां के युवाओं को प्रभावित करती हो, लेकिन इसकी कीमत भी समय-समय पर अमेरिकी लोगों को चुकानी पड़ती है. लाखों आम लोगों के साथ-साथ अमेरिका के चार पूर्व राष्ट्रपति की हत्या के पीछे भी कहीं न कहीं गन कल्चर का ही हाथ हैं. बता दें, राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन और राष्ट्रपति जेम्स ए गारफील्ड की हत्या भी बन्दूक से ही की गई थी.

आज भले ही गन कल्चर अमेरिकी लाइफ का एक हिस्सा बन गया है. लेकिन कई देश के अधिकांश लोग आज भी इस कल्चर के खुश नहीं हैं. इसी कड़ी में Mayor Eric Adams ने ट्वीट कर कहा है कि क्यू ट्रेन में एक यात्री की हत्या, बुफेलो में खरीदारी करते लोगों की हत्या, और अब टेक्सास में स्कूली बच्चे समेत लोगों की हत्या… एरिक एडम ने कहा कि, यह सब घटना अमेरिका की जहरीली बंदूक संस्कृति को रिफ्यूल करने का काम कर रही है. प्रतिक्रिया खतरे को पूरा नहीं कर रही है. कानून प्रवर्तन सड़कों से बंदूकें और हत्यारे निकाल रहा है. उन्हें दूर रखने के लिए उन्हें शक्ति की आवश्यकता होती है.


बंदूकों की लॉबी कब तक- बाइडेन

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने देश के नाम संबोधन में कहा कि, 1994 में असॉल्ट वेपंस पर बैन लगाया गया था, इसके बाद सामूहिक हत्याकांड की घटनाएं कम हो गई थी. लेकिन जब कानून 2004 में खत्म हुआ तो ऐसे हत्याकांड फिर बढ़ने लगे. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह भी कहा कि, आखिर कब तक हम लोग बंदूकों की लॉबी के खिलाफ खड़े होंगे, इसके लिए अब कदम उठाने की जरूरत है. ये इस दर्द को एक्शन में बदलने का समय है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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