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तालिबानी फतवा:बाजार न जायें महिलाएं

बाडमेर: भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे पश्चिमी राजस्थान के अल्पसंख्यक बहुल गांवों में तालिबानी और कट्टरपंथी मुसलिम संगठनों की तर्ज पर मदरसा संचालकों ने महिलाओं को लेकर फतवा जारी किया है. खुफिया एजेंसियों के अनुसार बाडमेर जिले के सरहदी गांवों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और कट्टरपंथी मुसलिम संगठनों के प्रभाव से मदरसा संचालकों ने अहम […]

बाडमेर: भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे पश्चिमी राजस्थान के अल्पसंख्यक बहुल गांवों में तालिबानी और कट्टरपंथी मुसलिम संगठनों की तर्ज पर मदरसा संचालकों ने महिलाओं को लेकर फतवा जारी किया है. खुफिया एजेंसियों के अनुसार बाडमेर जिले के सरहदी गांवों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और कट्टरपंथी मुसलिम संगठनों के प्रभाव से मदरसा संचालकों ने अहम बैठक गागरिया गांव में रख जिले कि मुसलिम महिलाओं को लेकर फतवा जारी किया है. फतवा में लिखा है कि क्षेत्र की मुसलिम महिलाएं किसी भी सूरत में बाजार नहीं जायेंगी.

यदि बहुत ही ज्यादा जरूरी है तो अपने साथ अपने नजदीकी रिश्तेदार पिता या भाई के साथ जायेंगी. इसी तरह एक और फरमान जारी किया कि महिलाएं अपने पास मोबाइल नहीं रखेगी. महिलाओं के मोबाईल इस्तेमाल पर भी पाबंदी का फरमान जारी किया है. फतवा में लिखा है कि महिलाए घरों से बाहर आने कि स्थिति में बुर्का पहनेगी. खुफिया एजेंसी को मिले फतवें के मजमे में गागरिया मदरसा संचालक मौलाना हबीब के दस्तख्त है. खुफिया एजेंसियों का मानना है कि बाडमेर के गांवों में तालिबानी समर्थक मुसलिम धर्म के जरिये कट्टरता का संदेश दे रहे हैं जो सरहद की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है. उल्लेखनीय है कि बाडमेर जिले में वैध अवैध रूप से कोई छह सौ से अधिक मदरसों का संचालन हो रहा है जबकि पांच साल पहले मदरसों की संख्या कोई डेढ़ सौ के करीब थी.

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