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मुशर्रफ ने लाल मस्जिद मामले में जमानत बांड जमा कराये

इस्लामाबाद : अपनी आजादी की ओर बढ़ते पाकिस्तान के पूर्व सैनिक शासक परवेज मुशर्रफ ने आज लाल मस्जिद के एक मौलवी की हत्या के मामले में एक अदालत से जमानत मिलने के दो दिन बाद एक-एक लाख रुपये के दो जमानत बांड जमा कराए. मुशर्रफ की ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग पार्टी की प्रवक्ता आसिया इसहाक […]

इस्लामाबाद : अपनी आजादी की ओर बढ़ते पाकिस्तान के पूर्व सैनिक शासक परवेज मुशर्रफ ने आज लाल मस्जिद के एक मौलवी की हत्या के मामले में एक अदालत से जमानत मिलने के दो दिन बाद एक-एक लाख रुपये के दो जमानत बांड जमा कराए. मुशर्रफ की ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग पार्टी की प्रवक्ता आसिया इसहाक ने पीटीआई को बताया, ‘‘बांड आज सुबह जमा कराए गए. निर्धारित प्रक्रिया के बाद लिखित आदेश जारी होने में कुछ घंटे का समय लगेगा. हमें उम्मीद है वह 5 बजे के आसपास मुक्त हो जाएंगे.’’

उन्होंने बताया कि आदेश आने के बाद आदियाला जेल के कर्मचारी मुशर्रफ के इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में स्थित विशाल फार्महाउस से चले जाएंगे. सुरक्षा कारणों से इस फार्म हाउस को उप जेल में तब्दील कर दिया गया था. इस्लामाबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने 4 नवंबर को 70 वर्षीय मुशर्रफ से एक-एक लाख रुपये के दो जमानत बांड जमा करने को कहा था.

मुशर्रफ को अब सभी मामलों में जमानत मिल गई है. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या, बलूच नेता अकबर बुगती की हत्या और 2007 में आपातकाल की घोषणा मामले शामिल हैं. मार्च में स्वनिर्वासन से लौटने के बाद मुशर्रफ के खिलाफ इन तमाम अपराधों के सिलसिले में मामले दर्ज किए गए थे. मुशर्रफ अभी ‘‘एग्जिट कंट्रोल लिस्ट’’ में हैं, जिसका यह मतलब है कि वह देश छोड़कर नहीं जा सकते. उनकी पार्टी ने दावा किया है कि पूर्व राष्ट्रपति सक्रिय राजनीति में लौटेंगे.

इसहाक ने पहले कहा था, ‘‘उनका नाम चाहे लिस्ट में हो या नहीं, वह देश छोड़कर नहीं जा रहे. वह जल्द ही मैदान में उतरेंगे और अपना राजनीतिक अभियान शुरु करेंगे. वह जब वापस लौटे थे तो जानते थे कि उनके साथ यह सब होगा इसलिए उनके देश से बाहर जाने का कोई सवाल नहीं है.’’ पुलिस उन्हें लाल मस्जिद के मौलवी अब्दुल राशिद गाजी की हत्या के मामले में पहले ही ‘‘निर्दोष’’ करार दे चुकी है. मुशर्रफ मई के आम चुनाव में भाग लेने के लिए पाकिस्तान लौटे थे और वह पिछले छह महीने से अपने फार्म हाउस मे नजरबंद हैं. करीब 300 सुरक्षाकर्मी उनके फार्महाउस को घेरे हुए हैं.

उन्हें गाजी और उनकी मां साहिबा खातून की हत्या के मामले में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था. मुशर्रफ ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख के पद पर रहते हुए वर्ष 2007 में लाल मस्जिद में छिपे उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाने का आदेश दिया था. इस दौरान करीब 100 लोग मारे गए थे, जिनमें गाजी शामिल थे.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर मुशर्रफ के खिलाफ 2 सितंबर को मामला दर्ज किया गया, जिसमें उन पर राशिद और उसकी मां की हत्या का आरोप था. मामले पर सुनवाई 11 नवंबर को मुशर्रफ के फार्महाउस पर होगी, जिसे सुरक्षा कारणों से उपजेल में तब्दील कर दिया गया है.

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