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नोबेल शांति पुरस्कार से चूकीं मलाला

ओस्लो : सीरियाई संकट को लेकर हाल ही में चर्चा में रहे संयुक्त राष्ट्र समर्थित रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) को इन हथियारों से दुनिया को निजात दिलाने में योगदान देने को लेकर शुक्रवार को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गयी. नोबेल समिति के अध्यक्ष तोरबजोर्न जागलैंड ने सब को चौंका देने […]

ओस्लो : सीरियाई संकट को लेकर हाल ही में चर्चा में रहे संयुक्त राष्ट्र समर्थित रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) को इन हथियारों से दुनिया को निजात दिलाने में योगदान देने को लेकर शुक्रवार को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गयी.

नोबेल समिति के अध्यक्ष तोरबजोर्न जागलैंड ने सब को चौंका देने वाले इस नाम की घोषणा करते हुए कहा, ओपीसीडब्ल्यू को रासायनिक हथियार खत्म करने की व्यापक कोशिशों के चलते इस पुरस्कार के लिए चुना गया है.

पुरस्कारों के लिये चयन करने वाली जूरी ने अपने बयान में कहा है, रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल वाली सीरिया की हालिया घटनाओं ने इन हथियारों को हटाने की कोशिशें बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया.हालांकि पाकिस्तान की मलाला भी इस पुरस्कार की प्रबल दावेदारों में शामिल थीं.

लड़कियों की शिक्षा की पैरोकार पाकिस्तान की किशोर कार्यकर्ता मलाला युसुफजई को नोबेल शांति पुरस्कार का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. कल यूरोपीय संसद के प्रतिष्ठित सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार से उसे सम्मानित किया गया था. मलाला को तालिबान ने गोली मार दी थी.

अति चरमपंथी इस्लाम के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक बन चुकी 16 वर्षीय मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया है. तालिबान के खिलाफ आवाज उठाने और बच्चों के स्कूल जाने के अधिकार के प्रति आवाज उठाने के कारण पाकिस्तानी तालिबान ने पिछले वर्ष 9 अक्तूबर को उनके सिर में गोली मार दी थी.

लड़कियों की शिक्षा की पैरोकार पाकिस्तान की किशोर कार्यकर्ता मलाला युसुफजई को यूरोपीय संसद के प्रतिष्ठित सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया. मलाला को तालिबान ने गोली मार दी थी.कंजरवेटिव यूरोपीय पीपुल्स पार्टी (ईपीपी) के अध्यक्ष जोसेफ दौल ने कहा, ‘‘आज हमने दुनिया को यह बताने का निर्णय लिया है कि बेहतर भविष्य के लिए हमारी आशा मलाला युसुफजई जैसे युवाओं पर है.’’ अति चरमपंथी इस्लाम के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक बन चुकी 16 वर्षीय मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया है.

तालिबान के खिलाफ आवाज उठाने और बच्चों के स्कूल जाने के अधिकार के प्रति आवाज उठाने के कारण पाकिस्तानी तालिबान ने पिछले वर्ष 9 अक्तूबर को उनके सिर में गोली मार दी थी.जेल में बंद बेलारुस के तीन विरोध नागरिकों और अमेरिकी खुफिया सर्विलांस कार्यक्रम का भंडाफोड़ करने वाले एडवर्ड स्नोडेन को भी संसद के सखारोव पुरस्कार के लिए नामित किया गया था.

बेलारुस के तीन नागरिक हैं.. एलेस बेल्यात्स्की, एडुअर्ड लोबाउ और मीकोला स्तात्केविच. राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको के दोबारा चुने जाने के विरोध में दिसंबर 2010 में मिंस्क में प्रदर्शन करने के मामले में तीनों को गिरफ्तार किया गया था.

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