बीजिंग : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इस महीने चीन यात्रा से पहले चीन के एक विशेषज्ञ ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह चीन को ब्रह्मपुत्र पर बांध बनाने और तिब्बत के जल संसाधन का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए उस पर दबाव बना रहा है. सरकार संचालित ग्लोबल टाइम्स अखबार में आज प्रकाशित एक लेख के अनुसार, ‘‘चीन सरकार जल संसाधन विवाद को स्वीकार करती है और पूर्वानुमान जताया है कि यह विवाद बढ़ सकता है जिससे हालांकि राजनीतिक या सैन्य हलचल उत्पन्न नहीं होगी.’’
मनमोहन की 22 अक्तूबर से निर्धारित चीन यात्रा के दौरान होने वाली बातचीत में नदी जल मुद्दे के प्रमुखता से शामिल रहने की उम्मीद है. इसके अलावा जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, उनमें चीन..भारत सीमा पर चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्रों में बार बार की जाने वाली घुसपैठ शामिल है. ‘नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्ट्रेटेजी’ के ली. चेफेई ने ‘इंडियन थ्रेटमांगरिंग ओवर वाटर रिसोर्स डिस्प्यूट्स डेंजरस फैनटैसी’ विषयक एक लेख में कहा है कि जल को लेकर विवाद दोनों देशों के बीच एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है जो कि 16 बड़ी नदियों को साझा करते हैं.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच विवाद मुख्य तौर पर सीमा पार नदियों के इस्तेमाल को लेकर शुरु हुआ है. लेख में कहा गया है, ‘‘जल संसाधन आवंटन को लेकर विवाद से भारत में यह दावा किया जाने लगा है कि चीन अन्य देशों की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करता है. इसके साथ ही भारत जल संसाधन को लेकर अपने तर्क को चीन के साथ अपने सीमा विवाद के साथ जोड़ता है.’’