टोरंटो: भारत-कनाडा असैन्य परमाणु सहयोग समझौते से कनाडा की यूरेनियम, परमाणु प्रौद्योगिकी एवं सेवा तथा उपकरणों को भारत को बेचने का मार्ग प्रसस्त होगा और इस क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढेगा. इस समझौते को विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की हालिया यात्र के दौरान अंततिम रुप दिया गया. कनाडा में भारत के महावाणिज्य दूत अखिलेश मिश्र ने इसे द्विपक्षीय सहयोग की दिशा में ‘एक बड़ा कदम’ बताया.
गांधी जयंती के मौके पर इंडो-कनाडा चेंबर आफ कामर्स (आईसीसीसी) द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मिश्र ने कहा ‘‘यह भारत-कनाडा के संबंध को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रमुख पहल है.’’ दोनों देशों ने जून 2010 में असैन्य परमाणु सहयोग का करार किया था. उसको अंतिम रुप देने में तीन वर्ष लगे है. इस अवसर पर आईसीसीसी के अध्यक्ष नवल बजाज ने कहा,‘हमें यकीन है कि भारत के साथ अर्थिक संबंधों की घनिष्टता से दोनों ही देशों के व्यवसायियों को फायदा होगा.