वाशिंगटन : अमेरिका में बजट को लेकर राजनीतिक गतिरोध के चलते आज करीब 18 साल बाद पहली बार सरकारी विभागों का कामकाज ठप हो गया. यह संकट मुख्यरुप से राष्ट्रपति बराक ओबामा के महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम पर खर्च को लेकर विपक्षी रिपब्लिकन एवं सत्तारुढ डैमोक्रेट सांसदों के बीच घरेलू मतभेद के चलते खड़ा हुआ है.
दोनों ओर से किसी पक्ष के अपने रुख से न झुकने के कारण राष्ट्रपति भवन को आदेश जारी करना पड़ा कि संघीय सरकार की एजेंसियों का कामकाज बंद किया जाता है. इस आदेश से हजारों सरकारी कर्मचारियों को फिलहाल अवकाश पर जाना पड़ा है और कई सेवाओं में कटौती कर दी गई है. इससे पहले, इस तरह की स्थिति 1995.96 में पैदा हुई थी.
आज के संकट को टालने के आखिरी क्षण तक कोशिश की गई पर दोनों पक्ष अपने रख पर कायम रहे. ओबामा ने सैन्य बलों के नाम एक एक वीडियो संदेश जारी कर कहा, संसद ने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की है. यह बजट पारित करने में नाकाम रही है इसका नतीजा है कि हमारी सरकार को तब तक कामकाज बंद करना पड़ रहा है जब तक कि संसद धन की मंजूरी नहीं देती. यह संदेश सरकारी कामकाज बंद करने के फैसले के लागू होने के कुछ ही देर बाद जारी किया गया.
ओबामा ने कहा, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा टला नहीं है और आपको किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद रहना है. अफगानिस्तान अभियान जैसे इस समय चल रहे सैन्य अभियानों को जारी रखा जाएगा. यदि आप देश से दूर जोखिम में रहकर सेवा कर रहे हैं तो हम भी यह सुनिश्चित करेंगे कि आपको वह सब कुछ सुलभ हो जो आपके मिशन को कामयाब बनाने के लिए जरुरी है. राष्ट्रपति ने सैनिकों को भरोसा दिया है कि इस गतिरोध के कारण उनके वेतन और उनके परिवार के कल्याण पर कोई असर नहीं पड़ने दिया जाएगा.
बजट विभाग की निदेशक सिल्विया मैथ्यूज बरवेल ने एक नोट मे कहा कि एजेंसियों को धन खर्च करने की मंजूरी न होने के कारण संघीय सरकार के कामकाज को सुव्यवस्थित ढंग से बंद करने का निर्देश दिया गया है.
कामकाज बंद रहने का मतलब है कि राष्ट्रीय पार्क नहीं खुलेंगे, खाद्य पदार्थों के निरीक्षण का काम बंद रहेगा. सरकारी कार्यालयों में कागजी कार्रवाई धीमी पड़ जाएगी और संघीय सरकार के लाखों कर्मचारियों को घर बैठा दिया जाएगा और उन्हें इस दौरान वेतन नहीं मिलेगा. केवल आपात सेवाएं हीं जारी रखी जाएंगी.
इससे पहले, ओबामा ने कहा, कामकाज बंद रहने का अर्थव्यवस्था और लोगों पर तत्काल बड़ा गंभीर असर पड़ेगा. इससे अर्थव्यवस्था के पहिये डगमगा जाएंगे, जबकि अभी ये पहिये अभी रफ्तार में आने शुरु हुए थे.