न्यूयार्क: भारतीय मूल के दो शिक्षाविदों ने गणित के क्षेत्र में प्रतिष्ठित वैश्विक पुरस्कार हासिल किया है. उनमें से एक को फील्ड्स मेडल मिला है जिसे गणित के नोबेल पुरस्कार के रुप में भी जाना जाता है. सोल में आयोजित इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ मैथमेटिक्स 2014 में इंटरनेशनल मैथमेटिकल यूनियन (आईएमयू) ने मंजुल भार्गव को फील्ड्स मेडल प्रदान किया.
मंजुल भार्गव और सुभाष खोट को मिला पुरस्कार
मंजुल भार्गव के अलावे सुभाष खोट ने रोल्फ नेवानलिन्ना पुरस्कार हासिल किया. चार साल के अंतराल में दिए जाने वाले इस पुरस्कार के तहत प्रिंसटन विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर भार्गव समेत चार विजेताओं को फील्ड्स मेडल दिया गया. ईरानी मूल की गणितज्ञ और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मरयम मिरजाखनी ऐसी पहली महिला हैं जिन्हें इस साल फील्ड्स मेडल मिला है.
ज्यामिती संख्या में महत्वपूर्ण नई पद्धति विकसित करने के लिए भार्गव को पुरस्कृत किया गया. ‘यूनिक गेम्स’ दिक्कतों संबंधी और इसकी जटिलता को समझने के लिए प्रयासों और इसके अध्ययन की दिशा में योगदान के लिए खोट को नेवानलिन्ना पुरस्कार दिया गया.खोट न्यूयार्क विश्वविद्यालय के करेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज में कंप्यूटर विज्ञान विज्ञाग में प्रोफेसर हैं.
उन्होंने पिंरसटन से पीएचडी की है. कनाडा में 1974 में जन्मे भार्गव अमेरिका में पले बढे और भारत में भी काफी समय गुजारा. उन्होंने पिंरसटन विश्वविद्यालय से 2001 में पीएचडी हासिल की थी.