35.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

भारतीय संविधान में हुए , कुछ महत्वपूर्ण संशाेधन

पहला संशोधन : भारतीय संविधान का पहला संशोधन संविधान लागू होने के एक साल बाद ही (1951 में) किया गया था. इसके तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर कुछ उचित प्रतिबंधों और 9वीं अनुसूची को जोड़ा गया. सातवां संशोधन : इसके जरिये भाषायी आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया और केंद्रशासित प्रदेश बनाये गये. […]

पहला संशोधन : भारतीय संविधान का पहला संशोधन संविधान लागू होने के एक साल बाद ही (1951 में) किया गया था. इसके तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर कुछ उचित प्रतिबंधों और 9वीं अनुसूची को जोड़ा गया.

सातवां संशोधन : इसके जरिये भाषायी आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया और केंद्रशासित प्रदेश बनाये गये.
24वां संशोधन : 1971 में आये इस महत्वपूर्ण संविधान संशोधन के जरिये संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन करने का अधिकार दिया गया.
31वां संशोधन : इसके जरिये लोकसभा के सदस्यों की संख्या 525 से बढ़ाकर 545 कर दी गयी. लोकसभा में केंद्र शासित प्रदेशों
के प्रतिनिधित्व को 25 से 20 कर दिया गया.
42वां संशोधन : यह संविधान संशोधन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय स्वर्ण सिंह आयोग की सिफारिश के आधार पर किया गया था. यह अभी तक का सबसे बड़ा संविधान संशोधन है. इस संविधान संशोधन को लघु संविधान की संज्ञा दी जाती है.

संशोधन के जरिये संविधान की प्रस्तावना में पंथ निरपेक्ष, समाजवादी और अखंडता शब्दों को जोड़ा गया. मौलिक कर्तव्यों को संविधान में शामिल किया गया. लोकसभा और विधानसभा के कार्यकाल को बढ़ाकर पांच से छह वर्ष कर दिया गया.

44वां संशोधन : इसके तहत संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बना दिया गया और लोकसभा व विधानसभा के कार्यकाल को दोबारा पांच साल का कर दिया गया.
52वां संशोधन : इसके द्वारा संविधान में 10वीं अनुसूची को जोड़कर दल-बदल रोकने के लिए कानून बनाया गया.
61वां संशोधन : इसके जरिये मतदान करने की उम्र घटाकर 21 से 18 वर्ष की गयी.
73वां संशोधन : इसके द्वारा संविधान में 11वीं अनुसूची जोड़ी गयी और देश में पंचायती राज्य की स्थापना का प्रावधान किया गया.
74वां संशोधन : इसके जरिये संविधान में 12वीं अनुसूची जोड़कर नगरपालिका को संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया गया.
86वां संशोधन : इसके जरिये 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा व्यवस्था का प्रावधान किया गया और इसे मौलिक अधिकार की श्रेणी में रखा गया. साथ ही निजी स्कूलों को निर्देश दिया गया कि वे कक्षा की क्षमता के अाधार पर 25 प्रतिशत सीट आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए रखें.
91वां संशोधन : इसके जरिये केंद्र और राज्यों के मंत्री परिषद् के आकार को सीमित करने का प्रावधान किया गया. इसके अनुसार, केंद्र और राज्य के मंत्री परिषदों में सदस्यों की संख्या लोकसभा या उस राज्य की विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के 15 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती है. साथ ही छोटे राज्यों में जहां सदस्यों की संख्या कम है, वहां मंत्रियों की अधिकतम संख्या 12 तय की गयी.
101वां संशोधन : इसके जरिये देश में बहुस्तरीय और अप्रत्यक्ष टैक्स सिस्टम को खत्म कर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)
लाया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें