11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

मनी लॉन्ड्रिंग की निगरानी, विश्व बैंक और आईएमएफ से पाक को पैसा लेना होगा मुश्किल

शुरुआत में एफएटीएफ के सदस्यों की संख्या 16 थी, जिसे 1991 और 1992 के दौरान बढ़ा कर 28 कर दी गयी. वर्ष 2000 में इसके सदस्यों की संख्या बढ़ कर 31 हो गयी, और अब यह बढ़ कर 39 पर पहुंच गयी है. इस संगठन का निर्णय लेनेवाला निकाय, यानी एफएटीएफ प्लेनरी, प्रतिवर्ष तीन बार […]

शुरुआत में एफएटीएफ के सदस्यों की संख्या 16 थी, जिसे 1991 और 1992 के दौरान बढ़ा कर 28 कर दी गयी. वर्ष 2000 में इसके सदस्यों की संख्या बढ़ कर 31 हो गयी, और अब यह बढ़ कर 39 पर पहुंच गयी है. इस संगठन का निर्णय लेनेवाला निकाय, यानी एफएटीएफ प्लेनरी, प्रतिवर्ष तीन बार बैठक करता है. इस संगठन के अंतरराष्ट्रीय मानकों के प्रसार के लिए नौ क्षेत्रीय निकाय स्थापित किये गये हैं, जिनका प्रमुख कार्य अपने-अपने क्षेत्रों में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के लिए तंत्र विकसित करना है. ये क्षेत्रीय निकाय हैं,
1. यूरेशियन ग्रुप (ईएजी), 2. एशिया/ पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (एपीजी), 3. कैरेबियन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (सीएफएटीएफ), 4. कमिटी आॅफ एक्सपर्ट्स ऑन द इवैल्यूएशन ऑफ एंटी मनी लॉन्ड्रिंग मेजर्स एंड द फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म ऑफ द काउंसिल ऑप यूरोप (एमओएनईवायवीएएल), 5. द ईस्टर्न एंड साउथ अफ्रीकन एंटी मनी लॉन्ड्रिंग ग्रुप (ईएसएएएमएलजी), 6. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ऑन लैटिन अमेरिका (जीएएफआइएलएटी), 7. इंटर गवर्नमेंटल एक्शन ग्रुप अगेंस्ट मनी लॉन्ड्रिंग इन वेस्ट अफ्रीका (जीआइएबीए), 8. मिडिल ईस्ट एंड नॉर्थ अफ्रीका फाइनेंशियल टास्क फोर्स (एमईएनएएफएटीएफ), 9. द टास्क फोर्स ऑन मनी लॉन्ड्रिंग इन सेंट्रल अफ्रीका (जीएबीएसी).
ब्लैक लिस्ट होने पर खस्ताहाल होगा पाक
पाकिस्तान को इससे पहले जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था. तब उसे 27 प्वाइंट एक्शन प्लान के कार्यान्वयन के लिए सितंबर 2019 तक का समय दिया गया था. इस अवधि में पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों को मिलनेवाले धन को राेकने का उपाय करना था. लश्कर-ए-तयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत दूसरे आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराने पर राेक लगाने में नाकाम रहने के कारण पाकिस्तान एफएटीएफ के निशाने पर है.
इसी वर्ष अगस्त में, मानकों पर खरा नहीं उतरने के कारण एफएटीएफ के एशिया-पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था. इतने पर भी अगर पाकिस्तान नहीं सुधरता है और उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जाता है, तो आर्थिक तंगी से गुजरते इस देश के लिए बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. उसके लिए विदेशी निवेश के रास्ते भी बंद हो जायेंगे. आयात-निर्यात प्रभावित होगा व विश्व बैंक और आईएमएफ से पैसा लेना मुश्किल हो जायेगा.
ऐसी स्थति में अन्य देशों से पैसे मिलने में भी उसे मुश्किल आयेगी. मूडीज, एस एंड पी व फिंच जैसे वैश्विक वित्तीय संस्थाएं पाक की रेटिंग कम कर सकती हैं. लेकिन इन सबके लिए चिंतित होने और आतंकियों पर कार्रवाई करने की जगह वह भारत पर आरोप लगा रहा है. हाल ही में इमरान खान ने कहा है कि उनकी सरकार का मानना है कि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालने के लिए भारत पूरी सक्रियता से कोशिश कर रहा था.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel