बीजिंग: भारत ने वर्ल्ड उइगुर कांग्रेस (डब्ल्यूयूसी) नेता डोल्कुन ईसा को देश में आने की इजाजत दे दी है. भारत के इस कदम पर चिंता जाहिर करते हुए चीन ने कहा है कि डोल्कुन एक आतंकी है औरउसके खिलाफ इंटरपोटका रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी है. इस कारण सभी देशों की यह जिम्मेदारी बनती है कि उसे कानून के हवाले किया जाए.
गौर हो कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर पर बैन के रास्ते में चीन के वीटो के कारण झटका लगा था. ऐसा माना जा रहा है कि इसके कुछ दिन बाद भारत ने पड़ोसी देश को उसी की भाषा में जवाब दिया है. आपको बता दें कि मसूद मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है.
चीन का मानना है कि उसके मुस्लिम बहुल शिनजियांग क्षेत्र में आतंक के पीछे ईसा और उसके साथियों का हाथ है. ईसा 28 अप्रैल से 1 मई तक धर्मशाला में कॉन्फ्रेंस में शिरकत करेगा. धर्मशाला से ही तिब्बत की विस्थापित सरकार अपना कामकाज चलाती है. हालांकि चीन इस सरकार को मान्यता नहीं देता है.
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने लिखित जवाब में कहा, ‘मैं हालात से अवगत नहीं हूं.’ उनसे उन खबरों क बारे में पूछा गया था कि डोलकुन सहित डब्ल्यूयूसी नेताओं को इस महीने के आखिर में दलाई लामा से मुलाकात करने के लिए इजाजत दी गयी है. उन्होंने कहा, ‘मैं यह कहना चाहती हूं कि इंटरपोल और चीनी पुलिस की रेड नोटिस में डोलकुन एक आतंकवादी है. उसे न्याय के जद में लाना सभी संबंधित देशाें की प्रतिबद्धता है.’
मालूम हो कि चीन का शिनजियांग क्षेत्र बीते कई सालों से अशांत रहा है. इस क्षेत्र में एक करोड़ से ज्यादा तुरकिक मूल के मुस्लिमों की उइगुर आबादी है. चीन दावा करता है कि इस्लामिक आतंकी संगठन, ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (इटीआइएम) शिनजियांग और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले को अंजाम दे रहा है.

