संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने कहा है कि वह एशिया-प्रशांत क्षेत्र के गतिशीलता एवं प्रभाव के केंद्र के रुप में उभरने के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र के ‘‘निकट सहयोगियों’’ चीन और भारत की ‘‘बढती वैश्विक महत्ता एवं भागीदारी’’ का स्वागत करते हैं. बान ने कहा, ‘‘ एशिया प्रशांत क्षेत्र के गतिशीलता एवं प्रभाव के केंद्र के रुप में उभरने से विकास एवं आर्थिक शक्ति के इंजन लगातार बदल रहे हैं.’’
उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में कहा, ‘‘ मैं संयुक्त राष्ट्र के प्राथमिकता वाले कई क्षेत्रों में संगठन के निकट सहयोगियों एवं अहम सदस्य देशों चीन एवं भारत की बढती वैश्विक महत्ता और भागीदारी का स्वागत करता हूं.’’ बान संयुक्त राष्ट्र चार्टर को स्वीकार किए जाने के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह के लिए कल सैन फ्रांसिस्को में थे.
महासचिव ने कहा कि आसियान समुदाय को स्थापित करने के प्रयासों के लिए वर्ष 2015 ‘‘ महत्वपूर्ण वर्ष’’ है. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं पूंजी के मुक्त प्रवाह और सामानों, सेवाओं, निवेश एवं दक्ष श्रमिकों की मुक्त आवाजाही समेत क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण देखना चाहता हूं.’’ बान ने कहा कि एशिया उन चुनौतियों का भी सामना कर रहा है जो सभी के लिए समृद्धि, स्थिरता और सम्मान के वैश्विक लक्ष्यों को खतरा पैदा कर सकती हैं.

