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स्मार्ट फैसला : देश के 100 शहरों में शामिल हो सकते हैं ये पांच शहर भी-मुजफ्फरपुर, पटना, भागलपुर गया, बिहारशरीफ

पटना : केंद्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बिहार की शहरी आबादी के बड़े हिस्से को आधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी. स्मार्ट सिटी बननेवाले देश के 100 शहरों की जो सूची सामने आयी है, उसके मुताबिक इसमें बिहार के पांच शहरों- पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर और बिहारशरीफ को शामिल किया गया […]

पटना : केंद्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बिहार की शहरी आबादी के बड़े हिस्से को आधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी. स्मार्ट सिटी बननेवाले देश के 100 शहरों की जो सूची सामने आयी है, उसके मुताबिक इसमें बिहार के पांच शहरों- पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर और बिहारशरीफ को शामिल किया गया है.

हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है. केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 100 स्मार्ट सिटी की परियोजना पर मुहर लगायी थी और अटल मिशन फॉर रिजुविनेशन एंड अरबन ट्रांसफार्मेशन (अमरत) योजना के तहत 600 शहरों को विकसित करने का निर्णय लिया था. केंद्र सरकार इन 100 शहरों को 2022 तक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करेगी. इसके लिए पांचों शहरों को प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये अगले पांच वर्षो तक जारी किये जायेंगे. इस राशि से शहरों को पूरी तरह हरा-भरा और नागरिक सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी.

राज्य के जिन पांच शहरों को स्मार्ट बनाया जायेगा, उनमें पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गया पुराने शहर हैं, जबकि बिहारशरीफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा का मुख्यालय है. ऐसे शहर का मुख्य आधार सूचना और संचार तंत्र होगा. स्मार्ट सिटी परियोजना के अलावा अमरत योजना के तहत राज्य के कई शहरों में जरूरी सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी.

स्लम क्षेत्रों का भी होगा कायाकल्प

स्मार्ट बनने से इन शहरों के स्लम क्षेत्रों की स्थिति में भी सुधरेगी. स्लम क्षेत्रों में भी 24 घंटे बिजली, स्वच्छ पेयजल, सफाई व कचरा प्रबंधन की व्यवस्था होगी. पटना में 28 मलिन बस्तियां हैं. भागलपुर में 144, मुजफ्फरपुर में 79, गया में पांच और बिहारशरीफ में तीन मलिन बस्तियां है. इन सभी का कायाकल्प हो जायेगा.

स्मार्ट शहरों को मिलेगा दो लाख करोड़ से अधिक का निवेश : नायडू

नयी दिल्ली. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि अगले पांच साल में देश के शहरी क्षेत्रंे के विकास के लिए दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आयेगा. इसमें करीब 50 से 66 } तक राशि राज्य व स्थानीय निकाय जुटायेंगे. ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित नेशनल लीडरशिप सम्मेलन में उन्होंने कहा, शहरीकरण एक वास्तविकता है और आप इससे इनकार नहीं कर सकते. लोग ग्रामीण इलाकों से शहरों की ओर पांच जरूरतों-शिक्षा, मनोरंजन, रोजगार, आर्थिक अवसर व स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से रुख कर रहे हैं. ऐसे में हमें शहरों में जीवन को आरामदायक बनाना है. उन्होंने कहा कि कई देशों ने स्मार्ट शहरों के विकास में रुचि दिखायी है, लेकिन कोई भी योजना बिना लोगों की भागीदारी व सहमति के नहीं बनायी जायेगी.

ये शहर भी हो सकते हैं सूची में

झारखंड : 3 शहर-रांची, जमशेदपुर व धनबाद

प बंगाल : 5 शहर -कोलकाता, दुर्गापुर, हल्दिया, हावड़ा व जंगीपुर

यूपी : 6 शहर – कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, झांसी व फैजाबाद

इसके अलावा महाराष्ट्र व तमिलनाडु के 6-6, गुजरात, राजस्थान, केरल व कर्नाटक के 7-7, मध्यप्रदेश, असम, ओड़िशा व तेलंगाना के 5-5, आंध्र प्रदेश, पंजाब व हरियाणा के 4-4, उत्तराखंड व सिक्किम के 3-3, मणिपुर के 2 व हिमाचल प्रदेश के एक शहर शामिल हैं.

स्त्रोत : इंडिया टीवी की वेबसाइट

Prabhat Khabar Digital Desk
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