मुख्य बातें
Bihar News: मोतिहारी. ठंड बढ़ने के साथ शहर से लेकर गांव तक वायरल फ्लू का प्रकोप भी तेजी से बढ़ने लगा है. सदर अस्पताल, अनुमंडल रेफरल अस्पताल व निजी क्लिनिकों में के ओपीडी में इन दिनों सर्दी, तेज बुखार और लगातार खांसी से पीड़ित मरीज 20 से 25 प्रतिशत बढ़ गये हैं. इस बार फ्लू में सामान्यतः बुखार उतरने के बाद भी पांच से सात दिन तक खांसी बनी रह जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि यह पता करना जरूरी है कि कहीं यह इन्फ्लुएंजा ए का उप प्रकार एचएन 2 संक्रमण तो नहीं है.
वायरल फ्लू के लक्षण
- तेज या हल्का बुखार जो तीन दिनों तक रह सकता है
- लगातार खांसी, जो सूखी या बलगम वाली हो सकती है
- सिरदर्द, शरीर में दर्द और अत्यधिक कमजोरी
- गले में दर्द या खराश,सर में भी दर्द हो सकता है.
- कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों में सांस फूलने की शिकायत भी है
सावधानी बरतने की सलाह
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचे और बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें
- खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को कोहनी या टिश्यू से ढंके
- पानी और अन्य तरल पदार्थ (जैसे सूप) का सेवन बढ़ाएं और पूरा आराम करें
- दिन में ज्यादा तेज बुखार रहने पर या सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- एंटीबायोटिक या कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह के बिना स्वयं से न ले
शहरी क्षेत्र में अधिक केस, बच्चों में भी संक्रमण
शहर के धनी आबादी वाले और मुख्य मार्गों से सटे इलाकों के निजी क्लीनिकों में ओपीडी लोड काफी अधिक देखा जा रहा है. क्लीनिक में सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या ज्यादा है. इसी तरह बच्चों में भी यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कई स्कूलों ने अभिभावकों को एक विशेष सलाह दी है कि बुखार या लगातार खांसी होने की स्थिति में बच्चों को घर पर आराम कराएं. ठंड में बाहर न निकलने दें ठीक होने तक.
सूर्योदय के बाद ही घर से निकलें
कन्सलटेंट फिजिसियन डॉ पुष्कर कुमार सिंह इस संबंध में कहते हैं कि मौसम में बदलाव के कारण बुखार, जुखाम, पेट दर्द जैसी बीमारियां सामने आ रही है. इनमें अधिकतर मरीज वायरल फ्लू के हैं. ठंड के मौसम में जरूरी न हो तो सूर्योदय के बाद हीं निकले. हार्ट,सुगर व बीपी वाले मरीजों को ठंढ में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. बीपी है तो इस मौसम में नियमित दवा लें.
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