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2040 तक चांद पर इंसान भेजने की तैयारी तेज, शुभांशु शुक्ला ने बताया भारत का अगला बड़ा कदम

Man on Moon : इंडियन सेंटर फॉर स्पेस फिजिक्स में स्कूली बच्चों से बातचीत के दौरान शुभांशु शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष रहने के लिए एक शानदार जगह जैसा लगता है. वहां की गहरी शांति और अद्भुत नजारा समय के साथ और भी आकर्षक हो जाता है.

Man on Moon : इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आइएसएस) जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री, एयर फोर्स में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि अंतरिक्ष की दुनिया में नयी पहचान के लिए भारत अब काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है और “बड़े और साहसिक सपने” देख रहा है.

बुधवार को इंडियन सेंटर फॉर स्पेस फिजिक्स द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में शुभांशु शुक्ला ने कहा कि 2040 तक चांद पर मनुष्य भेजने की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि एक देश के तौर पर भारत ने स्पेस साइंस में कुछ बड़े और बोल्ड लक्ष्य तय किये हैं. इनमें गगनयान मिशन, इंडियन स्पेस स्टेशन बनाना और चांद पर मनुष्य को भेजना शामिल है.

मिशन की समयसीमा के बारे में शुभांशु शुक्ला ने क्या कहा

मिशन की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर शुभांशु शुक्ला ने कहा कि स्पेस मिशन बहुत मुश्किल होते हैं. अभी कोई पक्की तारीख बताना मुश्किल है. हालांकि, 2040 को लक्ष्य मानकर काम आगे बढ़ रहा है. अभी जो टेस्ट मिशन चल रहे हैं, उनकी प्रोग्रेस के आधार पर आखिरी तारीख तय की जायेगी. लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि हम लक्ष्य तक पहुंच जायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अगले 10 से 20 सालों में स्पेस एक्सप्लोरेशन के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव होने वाला है, जिसे अपनी आंखों से देखना बहुत ही रोमांचक अनुभव होगा. गौरतलब है कि शुभांशु शुक्ला एक्जिओम-4 मिशन के हिस्से के तौर पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने वाले पहले भारतीय थे. वह 18 दिन के मिशन के बाद 17 अगस्त, 2025 को अमेरिका से भारत लौटे.

स्पेस रहने के लिए एक शानदार जगह : शुभांशु शुक्ला

इंडियन सेंटर फॉर स्पेस फिजिक्स में आयोजित कार्यक्रम में स्कूली बच्चों से बात करते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा कि स्पेस “रहने के लिए एक शानदार जगह” है, जहां गहरी शांति और “अद्भुत नजारा” है जो समय के साथ और भी मनमोहक होता जाता है. शुक्ला ने कहा, “आप जितने ज्यादा समय तक रुकेंगे, आपको उतना ही ज्यादा मजा आयेगा,” और हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि वह “असल में वापस नहीं आना चाहते थे.” शुक्ला ने कहा कि स्पेस में रहने का प्रैक्टिकल अनुभव ट्रेनिंग के दौरान सीखे गये अनुभवों से बहुत अलग था. उन्होंने कहा कि जो अनुभव मिला है, वह एक नेशनल ऐसेट है.

भारत के युवा काफी प्रतिभाशाली: शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला ने कहा कि जैसे-जैसे भारत अपनी ह्यूमन स्पेसफ्लाइट क्षमताओं को बढ़ायेगा, यह सेक्टर “रोजगार के बहुत सारे मौके” पैदा करेगा. शुक्ला ने यह भी कहा कि यह कामयाबी अकेले उनकी नहीं, बल्कि पूरे देश की है. उन्होंने कहा कि भारत के युवा काफी प्रतिभाशाली हैं, उन्हें अपने लक्ष्य के प्रति ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिज्ञासु बने रहना चाहिए और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 2047 तक एक विकसित भारत बनने में देश के युवाओं के कंधों पर ही पूरी जिम्मेदारी है.

यह भी पढ़ें : 2030 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की तैयारी में चीन, क्या है इसकी अहमियत और मिशन के पीछे की वजह?

उन्होंने कहा कि गगनयान और भविष्य के मिशन के साथ, भारत में बच्चे न केवल एस्ट्रोनॉट बनने का सपना देख पायेंगे, बल्कि देश के अंदर इसे हासिल भी कर पायेंगे. शुक्ला ने कहा कि स्पेस मिशन एक गांव के बच्चे में भी यह विश्वास पैदा करता है कि वह भी एक दिन स्पेस में जा सकता है. जब आप एक व्यक्ति को स्पेस में भेजते हैं, तो आप लाखों उम्मीदें जगाते हैं. इसलिए ऐसे प्रोग्राम जारी रहने चाहिए.

Amitabh Kumar
Amitabh Kumar
डिजिटल जर्नलिज्म में 14 वर्षों से अधिक का अनुभव है. जर्नलिज्म की शुरूआत प्रभातखबर.कॉम से की. राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़. राजनीति,सामाजिक संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. ट्रेंडिंग खबरों पर फोकस.

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