।। दक्षा वैदकर ।।
बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम पर हाइ बजट फिल्म बन कर तैयार है. प्रियंका चोपड़ा ने बहुत मेहनत करके मैरी कॉम के संघर्ष को परदे पर उतारने की कोशिश की है. फिल्म का ट्रेलर, उसका गाना ‘दिल ये जिद्दी है.’
लोगों में उत्सुकता जगा रहा है कि वे फिल्म देखें. हर व्यक्ति यह जानता है कि फिल्म देखने के बाद उसे जोश, जुनून के साथ अपने सपने को पूरा करने की प्रेरणा मिलने वाली है. निश्चित तौर पर यह सच है. मैरी कॉम की पूरी जिंदगी ही प्रेरणा से भरी हुई है. उनकी कहानी घर-घर तक पहुंचना जरूरी है.
मैरी कॉम की जिंदगी से हम कई बातें सीख सकते हैं. वह हमें बताती हैं कि छोटे शहर के होने से हम छोटे नहीं हो जाते. दरअसल मैरी मणिपुर के एक छोटे-से गांव की हैं, जहां बेसिक सुविधाएं भी नहीं हैं. आज कई युवा यह कहते दिख जाते हैं कि काश मेरे पैरेंट्स के पास भी पैसा होता, तो आज मुझे ये दिन देखने नहीं पड़ते. ऐसे युवाओं को यह फिल्म देखनी चाहिए. फिल्म में बताया कि मैरी के पिता कितने गरीब थे.
वे लकड़ी काटते थे. मजदूरी करते थे. खेती करते थे. मैरी भी उनकी मदद किया करती थी. उसके दो छोटी बहनें और भाई भी था. वह उन्हें भी संभालती थी. इन सब के बावजूद उसने बॉक्सर बनने की अपने सपने को मरने नहीं दिया. लोगों ने हर कदम पर उसका मजाक उड़ाया, उसे हतोत्साहित किया, उसकी हिम्मत तोड़ने की कोशिश की.
उसे कहा कि लड़कियां बॉक्सर नहीं बन सकती. ये तुम्हारे बस की बात नहीं, लेकिन मैरी ने सभी को कड़ी मेहनत से जवाब दिया. उसने बॉक्सिंग में ऐसा ट्रेंड सैट किया कि आज कई लड़कियां बॉक्सिंग सीख रही हैं और मैरी को अपना रोल मॉडल मानती हैं.
जब मैरी की शादी हो गयी, तो लोगों ने एक बार फिर कहा कि अब तो तेरी शादी हो गयी, तेरा करियर खत्म हो गया. लेकिन मैरी ने जुड़वा बच्चे होने के बावजूद दिन-रात मेहनत की. दो वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीत कर इंडिया का नाम रोशन किया. मैरी हमें सीख देते हैं कि छोटी हाइट है तो क्या हुआ इरादे बड़े होने चाहिए. फॉलो योर पैशन.
बात पते की..
– जिस मैरी पर गांववाले एक वक्त हंसा करते थे, आज वे ही उसका नाम गर्व से लेते हैं. लोग उन्हें ही सलाम करते हैं, जो खुद पर भरोसा करते हैं.
– लोग आपको दबायेंगे, डरायेंगे, आपकी हिम्मत तोड़ने की कोशिश करेंगे, लेकिन आप उन्हें इग्नोर करो. अपने काम से उनको मुंहतोड़ जवाब दो.