इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को सेवा विस्तार दिये जाने पर कानून बनाने को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ बृहस्पतिवार को पुनर्विचार याचिका दायर की.
मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अगुवाई वाली तीन सदस्य पीठ ने 28 नवंबर को जनरल बाजवा को छह महीने का सेवा विस्तार दे दिया था, क्योंकि सरकार ने अदालत को आश्वस्त किया था कि संसद छह महीने के अंदर सेना प्रमुख को सेवा विस्तार/ पुन: नियुक्ति को लेकर एक कानून बनायेगी. यह फैसला ऐसे वक्त आया था जब 59 वर्षीय जनरल बाजवा 28 नवंबर की मध्य रात्रि को सेवानिवृत्त हो रहे थे. अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में सरकार ने शीर्ष अदालत से गुजारिश की है कि वह मामले को सुनने के लिए बड़ी पीठ बनाये और पहले के फैसले को रद्द करे. सरकार ने मामले की सुनवाई बंद कमरे में करने का भी आग्रह किया है.
सूचना एवं प्रसारण मामलों पर प्रधानमंत्री की विशेष सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने कहा कि हमारी कानूनी टीम ने शीर्ष अदालत के फैसले के सभी पहलुओं का अच्छी तरह से अध्ययन किया और पाया कि फैसले में कई कानूनी खामियां हैं. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि अदालत फैसले की कमियों में सुधार करे. इसलिए पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय किया गया. अवान ने कहा कि बड़े जनहित को देखते हुए पुनर्विचार याचिका दायर की जा रही है. उन्होंने कहा कि पुनर्विचार याचिका दायर करने के बाद भी संसद के जरिये कानून बनाने का रास्ता बरकरार रहेगा. प्रधानमंत्री इमरान खान ने अगस्त में एक अधिसूचना के जरिये जनरल बाजवा को सेवा विस्तार दे दिया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने सेवा विस्तार के तरीके में अनियमितता के चलते 26 नवंबर को इस पर रोक लगा दी थी.