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वीगर मुसलमान: अमरीकी विधेयक पर चीन की कड़ी आपत्ति

<figure> <img alt="चीन" src="https://c.files.bbci.co.uk/13F24/production/_110000718_c8b239e8-4890-4df4-8009-124b7f5494f6.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>अमरीकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने चीन में वीगर मुसलमानों की कथित नज़रबंदी और उत्पीड़न को रोकने के लिए ‘वीगर ह्यूमन राइट्स पॉलिसी एक्ट ऑफ़ 2019’ नाम का विधेयक पारित किया है.</p><p>यह विधेयक चीनी सरकार के सदस्यों समेत चीन के शिनज़ियांग प्रांत में कम्युनिस्ट […]

<figure> <img alt="चीन" src="https://c.files.bbci.co.uk/13F24/production/_110000718_c8b239e8-4890-4df4-8009-124b7f5494f6.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>अमरीकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने चीन में वीगर मुसलमानों की कथित नज़रबंदी और उत्पीड़न को रोकने के लिए ‘वीगर ह्यूमन राइट्स पॉलिसी एक्ट ऑफ़ 2019’ नाम का विधेयक पारित किया है.</p><p>यह विधेयक चीनी सरकार के सदस्यों समेत चीन के शिनज़ियांग प्रांत में कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव चेन क्वांगो पर <a href="https://www.congress.gov/bill/116th-congress/senate-bill/178/text">योजनाबद्ध तरीके से कुछ प्रतिबंध</a> लगाने की बात करता है.</p><p>हालांकि इस विधेयक को अभी सीनेट और राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से अनुमोदन की आवश्यकता होगी.</p><p>वहीं चीन ने अमरीकी संसद के इस क़दम को उसके आंतरिक मामलों में ‘हस्तक्षेप’ बताया है.</p><p>मंगलवार शाम को ‘प्रतिनिधि सभा’ में इस विधेयक के लिए हुई <a href="http://clerk.house.gov/evs/2019/roll644.xml">वोटिंग में 407 सदस्यों</a> ने इस विधेयक के पक्ष में वोट डाला, जबकि एक सदस्य ने इसके ख़िलाफ़ वोट किया.</p><p>बीबीसी के चीन संवाददाता जॉन सडवर्थ के अनुसार अगर राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद ये क़ानून बनता है तो कथित तौर पर सरकारी नज़रबंदी में जीवन बिता रहे वीगर मुसलमानों के मामले में चीन पर दबाव बनाने वाला यह अब तक का सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय क़दम होगा.</p><figure> <img alt="BBC" src="https://c.files.bbci.co.uk/F104/production/_110000716_a753b380-8d13-461f-8d45-62734452e81f.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><h3>विधेयक में क्या है?</h3><p><a href="https://www.congress.gov/bill/116th-congress/senate-bill/178/text?format=txt">वीगर ह्यूमन राइट्स पॉलिसी एक्ट ऑफ़ 2019</a> का उद्देश्य ‘सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त मानवाधिकारों’ के उल्लंघनों को संबोधित करना है जिनकी वजह से चीन में रह रहे क़रीब 10 लाख वीगर मुसलमानों का जीवन प्रभावित है.</p><p>ये विधेयक चीन की सरकार पर ‘व्यवस्थित रूप से भेदभाव’ करने का भी आरोप लगाता है.</p><p>विधेयक के अनुसार चीन के पश्चिम में स्थित शिनज़ियांग प्रांत में वीगर मुसलमानों को कई महत्वपूर्ण नागरिक और राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं हैं, उन्हें बोलने की आज़ादी नहीं है, साथ ही अपने धर्म का पालन करने और न्यायालयों में निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार नहीं है.</p><p>इस विधेयक में कहा गया है कि जो चीनी अधिकारी शिनज़ियांग प्रांत में मानवाधिकारों के हनन के लिए ज़िम्मेदार रहे हैं, उनपर अमरीकी सरकार कुछ प्रतिबंध लगाए.</p><p>चीन के शिनज़ियांग प्रांत में कम्युनिस्ट पार्टी के सबसे बड़े नेता चेन क्वांगो का नाम इस विधेयक में साफ़तौर पर लिखा गया है जिन्हें शिनज़ियांग के हिरासत केंद्रों का निर्माता माना जाता है.</p><p>अमरीकी संसद के निचले सदन में इस विधेयक के माध्यम से ये भी कहा गया है कि चीन में चल रहे सभी हिरासत केंद्रों को तत्काल बंद किया जाए.</p><hr /> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49983107?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">वीगर मुसलमानों पर अमरीका की चीन पर वीज़ा पाबंदी</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50010927?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">वीगर मुस्लिम प्रोफ़ेसर को चीन ने कहां ग़ायब किया</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-47732977?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">चीन के मुसलमानों के दुख से इमरान ख़ान अनजान </a></li> </ul><h3>चीन में प्रतिक्रिया</h3><p><a href="https://www.fmprc.gov.cn/mfa_eng/xwfw_665399/s2510_665401/2535_665405/t1721334.shtml">चीनी विदेश मंत्रालय</a> ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि ये विधेयक जानबूझकर शिनज़ियांग प्रांत में मानवाधिकारों की स्थिति को और ख़राब कर रहा है. </p><p>चीन ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ और कट्टरता रोकने के जो प्रयास किए हैं, ये विधेयक उनका अपमान करता है. साथ ही चीन सरकार की शिनज़ियांग नीति पर ये विधेयक एक हमला है.</p><p>चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन सरकार की शिनज़ियांग नीति के कारण बीते तीन वर्षों में इस क्षेत्र में एक भी चरमपंथी हमला नहीं हुआ है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस नीति के बारे में सम्मान से बात करता है.</p><p>चीनी मीडिया के एक तबके में यह ख़बर भी चल रही है कि चीन सरकार सभी अमरीकी अधिकारियों और सांसदों के शिनज़ियांग प्रांत के वीज़ा पर प्रतिबंध लगा सकती है.</p><p>हालांकि इस तरह की रिपोर्टों पर चीन सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.</p><h3>पर शिनज़ियांग में चल क्या रहा है?</h3><p>मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि <a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50541785?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">चीन के शिनज़ियांग प्रांत में लाखों मुसलमानों</a> को हाई-सिक्योरिटी वाले हिरासत केंद्रों में नज़रबंद किया गया है.</p><p>जबकि चीन सरकार लगातार यह कहती रही है कि शिनज़ियांग प्रांत में स्थित इन ‘शिविरों’ में शिक्षा और प्रशिक्षण मुहैया कराया जाता है और यह स्वैच्छिक है.</p><p>लेकिन आधिकारिक दस्तावेज़ दिखाते हैं कि किस तरह उन्हें जेलों में बंद रखा जाता है, सज़ा दी जाती है और ज़बरदस्ती ख़ास तरह के विचार सिखाए जाते हैं. बीबीसी पनोरमा ने ये दस्तावेज़ देखे हैं.</p><p>शिनज़ियांग में बीते तीन साल में ये हिरासत केंद्र बनाए गए हैं. माना जाता है कि इनमें क़रीब दस लाख लोगों को अवैध हिरासत में रखा गया है जिनमें अधिकांश मुस्लिम वीगर हैं.</p><p>चीन का दावा है कि यहाँ इन्हें स्वेच्छा से शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन जाँच में मिले नए सबूत चीन के दावों के उलट इशारा करते हैं.</p><p>इन लीक हुए दस्तावेज़ों को आईसीआईजे ने ‘द चाइना केबल्स’ कहा है.</p><p>इनमें शिनज़ियांग में कम्युनिस्ट पार्टी के तत्कालीन उप-सचिव झू हैलून का नौ पन्नों का मेमो भी शामिल है जो उन्होंने 2017 में क्षेत्र के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी को लिखा था.</p><p>इन निर्देशों में साफ़ था कि इन शिविरों को सख़्ती से, सज़ाओं वाले हाई सिक्योरिटी जेल की तरह चलाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई क़ैदी भाग ना सके.</p><p>लीक हुए दस्तावेज़ों में ये भी सामने आया कि हिरासत में लिए गए हर व्यक्ति के जीवन पर न सिर्फ़ निगरानी रखी जा रही है, बल्कि उसे नियंत्रित भी किया जा रहा है.</p><p>इसमें लिखा है, &quot;छात्रों के बिस्तर की जगह, कतार में खड़े होने की जगह, क्लासरूम की सीट और कौशल प्रशिक्षण की जगह तय होनी चाहिए. इसमें बदलाव सख़्त मना है.&quot;</p><p>&quot;बर्ताव संबंधी नियमों को अनुशासन के साथ लागू करें. सोकर उठना, कपड़े धोना, टॉयलेट जाना, चीज़ें ठीक करना, साफ़-सफ़ाई, भोजन, पढ़ाई, सोना, दरवाज़ा बंद करना आदि.&quot;</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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