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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- विस्फोटक लगाकर मार क्यों नहीं देते?-प्रेस रिव्यू

<figure> <img alt="दिल्ली प्रदूषण" src="https://c.files.bbci.co.uk/9B81/production/_109890893_gettyimages-1184520460.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की <a href="https://epaper.timesgroup.com/Olive/ODN/TimesOfIndia/#">ख़बर </a>के मुताबिक़, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार की कड़ी आलोचना की है.</p><p>सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”दिल्ली रहने लायक नहीं रह गई है. हालात नरक से भी बदतर हो गए हैं. प्रदूषण […]

<figure> <img alt="दिल्ली प्रदूषण" src="https://c.files.bbci.co.uk/9B81/production/_109890893_gettyimages-1184520460.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की <a href="https://epaper.timesgroup.com/Olive/ODN/TimesOfIndia/#">ख़बर </a>के मुताबिक़, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार की कड़ी आलोचना की है.</p><p>सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”दिल्ली रहने लायक नहीं रह गई है. हालात नरक से भी बदतर हो गए हैं. प्रदूषण की वजह से लोगों की जान जा रही है.”</p><p>कोर्ट ने शिकायती लहज़े में कहा, ”क्या आप प्रदूषण की वजह से लोगों को मरने देंगे? लोग गैस चैंबर में रहने को क्यों मजबूर हैं. विस्फोटक लाकर एक बार में ही सबको मार क्यों नहीं देते?”</p><p>प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 10 दिन में फ़ैसला करने को कहा है.</p><p>कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी करके पूछा है कि क्यों न साफ पानी और हवा न मुहैया कराने पर लोगों को मुआवज़ा देने की ज़िम्मेदारी सरकारों पर डाल दी जाए?</p><figure> <img alt="अजित पवार" src="https://c.files.bbci.co.uk/181F9/production/_109890889_gettyimages-1172132301.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>अजित पवार और एंटी करप्शन ब्यूरो </strong><strong>का स्पष्टीकरण</strong></p><p>जनसत्ता अख़बार की<a href="http://epaper.jansatta.com/2435542/Jansatta/26-november-2019#page/1/2"> ख़बर</a> के मुताबिक़, महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने नौ सिंचाई परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं की जांच बंद कर दी है.</p><p>सोमवार को सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये कहा गया था कि अजित पवार के ख़िलाफ़ भी मामला बंद कर दिया गया है.</p><p>लेकिन एसीबी के महानिदेशक परमबीर सिंह ने इस बारे में अपना रुख स्पष्ट किया है. </p><p>सिंह ने कहा, ”ये मामले अजित पवार से जुड़े हुए नहीं हैं. 2013 में हुए सिंचाई घोटाले से जुड़े ऐसे किसी भी मामले को बंद नहीं किया गया है, जिनमें अजित पवार का नाम है.”</p><p>एसीबी प्रमुख ने ये साफ़ किया कि इन मामलों को सशर्त बंद किया गया है. अगर राज्य सरकार या अदालत चाहे तो इन मामलों को दोबारा खोला जा सकता है.</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50552375?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">महाराष्ट्र: फडणवीस और अजित पवार के पास क्या हैं विकल्प</a></p><figure> <img alt="बिपिन रावत" src="https://c.files.bbci.co.uk/133D9/production/_109890887_gettyimages-1176011093.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>जनरल बिपिन रावत होंगे पहले CDS?</h1><p>द इकोनॉमिक टाइम्स की <a href="https://epaper.timesgroup.com/Olive/ODN/TheEconomicTimes/#">ख़बर</a> के मुताबिक़, जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हो सकते हैं.</p><p>अख़बार लिखता है कि रावत को बतौर देश के पहले सीडीएस दो साल का कार्यकाल मिल सकता है. रावत इसी साल दिसंबर में रिटायर हो रहे हैं. </p><p>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से सीडीएस पद बनाए जाने का ऐलान किया था. सीडीसी की मांग लंबे वक्त से होती रही है.</p><p>अख़बार के मुताबिक़, सीडीएस की नियुक्ति को लेकर बनाई गई कमेटी का प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को बनाया गया है.</p><p>सीडीएस यानी थल सेना, नौ सेना और वायु सेना, तीनों सेना के प्रमुखों का बॉस. यह सैन्य मामलों में सरकार के इकलौते सलाहकार हो सकते हैं. </p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49358693?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">CDS चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टॉफ़ की नियुक्ति के बाद आगे क्या?</a></p><figure> <img alt="ममता बनर्जी" src="https://c.files.bbci.co.uk/E5B9/production/_109890885_gettyimages-1096275436.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>ममता बनर्जी की सौगात</h1><p>हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में ये कहा था कि पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी को लागू किया जाएगा.</p><p>अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनआरसी का ‘काउंटर’ खोज निकाला है.</p><p>द इंडियन एक्सप्रेस की <a href="https://epaper.hindustantimes.com/Home/ArticleView">ख़बर</a> के मुताबिक़, ममता बनर्जी ने कहा, ”हमने ये फ़ैसला किया है कि सभी शरणार्थी शिविरों को नियमित किया जाएगा. क्योंकि काफ़ी वक़्त हो गया है.”</p><p>ममता ने कहा, ”1971 से ये लोग बिना ज़मीन और घर के भटक रहे हैं. मेरा मानना है कि शरणार्थियों के भी अधिकार हैं.”</p><p>इस साल जनवरी में टीएमसी सरकार ने 94 शरणार्थी कॉलोनी के लोगों को ज़मीन पर अधिकार दिया था. </p><p>तब राज्य सरकार ने निजी और केंद्र सरकार की ज़मीन पर मौजूद अन्य 237 कॉलोनियों पर अधिकार देने का वादा किया था.</p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/4D61/production/_109890891_gettyimages-1183934640.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><h1>कश्मीर में रिहाई की शर्त</h1><p>द हिंदू अखबार की ख़बर है कि जम्मू कश्मीर के नेताओं ने रिलीज़ बॉन्ड साइन करने से मना कर दिया है. </p><p>बीते कुछ दिनों से अधिकारी इन नेताओं से रिहाई के लिए मिल रहे हैं. </p><p>हिंदुस्तान की <a href="https://epaper.livehindustan.com/imageview_402710_87893150_4_1_26-11-2019_0_i_1_sf.html">ख़बर </a>है कि केंद्र सरकार और उद्योग जगत के बीच मूल वेतन में भत्ते को शामिल करने पर सहमति बन गई है. </p><p>इससे 15 हज़ार से कम बेसिक वाले कर्मचारियों का मूल वेतन बढ़ जाएगा.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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