<figure> <img alt="शरद पवार और नरेंद्र मोदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/E27C/production/_109808975_mediaitem109808974.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>किसी को यक़ीन नहीं हो रहा है कि शरद पवार को राजनीति के खेल में मात दिया जा सकता है. कुल मिला कर वह एक ग्रैंडमास्टर हैं. हालांकि, यह दूसरी बात है कि शिकारी का भी कभी कभी खुद शिकार हो जाता है.</p><p>वरिष्ठ राजनेताओं में से एक शरद पवार को उनकी पीढ़ी के अन्य राजनेताओं की तरह चतुर (शातिर) राजनेता माना जाता है. चाहे वह अहमद पटेल हों या मुलायम सिंह यादव, ये लोग राजनीति के वे खिलाड़ी हैं जिन्होंने राजनीति में कई कारनामे किए हैं. </p><p>शनिवार सुबह में खबर आई कि देवेंद्र फडणवीस ने सुबह 8 बजे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया है. शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई. पहले सभी को लगा कि यह काम में शरद पवार का है. </p><p>हालांकि बाद में सब को समझ में आया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शरद पवार की मुलाकात तब हुई थी जब यह समझौता हो गया था. रिपोर्टर्स ने शरद पवार के बयानों के वीडियो को फिर से देखना शुरू किया और उनकी द्विअर्थी बयानों को देखा. बार-बार पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा के साथ जाना चाहेंगे, शरद पवार ने स्पष्ट रूप से इसे ख़ारिज किया था.</p><p>शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने इस ख़बर पर तत्काल कहा कि अजित पवार ने विद्रोह कर दिया है. उन्होंने अपने व्हाट्सएप पर एक स्टेटस अपडेट में कहा "पार्टी और परिवार का विभाजन." उन्होंने कहा, "आप जीवन में किस पर भरोसा करते हैं? जीवन में कभी धोखा महसूस नहीं किया. बचाव किया और उससे प्यार किया… देखो मुझे बदले में क्या मिला." </p><p>वह स्पष्ट रूप से अपने चचेरे भाई अजीत पवार का जिक्र कर रही थी, जिन्होंने खेमा बदला है. यह सर्वविदित है कि अजित पवार और सुप्रिया सुले का एक-दूसरे से कभी बनी नहीं. वे दोनों शरद पवार के बाद एनसीपी का नेतृत्व करना चाहते थे. </p><p>शुरूआत में, ट्विटर पर राजनीतिक विश्लेषकों को इस पर कोई भरोसा नहीं हुआ. वे 100 फ़ीसदी आश्वस्त थे कि हमेशा की तरह इस बार भी यह शरद पवार की चतुराई और चालाकी है. लोगों ने सोचा कि यह सब एक स्क्रिप्टेड ड्रामा है. </p><p>ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी कि शरद पवार को भारत का अगला राष्ट्रपति और सुप्रिया सुले को मोदी सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है. कांग्रेस पार्टी के अभिषेक मनु सिंघवी ने एक प्रसिद्ध गीत की पंक्तियाँ ट्वीट करते हुए कहा, "वो जो कहते थे कि हम न होंगे जुदा,बेवफ़ा हो गए देखते देखते."</p><p>हालांकि, शरद पवार ने घोषणा की कि वह जल्द ही शिवसेना और कांग्रेस नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. यह स्पष्ट हो गया कि ख़रीद—फ़रोख्त का समय अब शुरू हो गया है. एनसीपी के विधायकों के खेमा बदलने के बारे में अलग-अलग संख्या बताई जाने लगी. </p><p>इसकी संख्या 10 से लेकर 54 तक बताई गई. अब शरद पवार को राष्ट्रपति बनाने की कोई बात सामने नहीं आई. हां, उस्ताद खेल हार गया था. उनके अपने ही भतीजे ने उनका साथ छोड़ दिया. कहते हैं ना कि शिकारी भी शिकार हो जाता है. </p><figure> <img alt="मुख्यमंत्री" src="https://c.files.bbci.co.uk/16E4A/production/_109807739_850611d1-f7ef-4375-bae3-409789f2af0d.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>अमित शाह ने राजनीति के खेल में शरद पवार के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के नेता अहमद पटेल को भी शिकस्त दी है. पटेल के साथी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी ट्वीट किया कि उन्होंने कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना के समझौते को अंतिम रूप देने के प्रयास में बहुत लंबा समय लगा दिया. </p><p>महाराष्ट्र में दो सप्ताह पहले 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. उस समय तक, तीनों दल भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए पहले ही सरकार बनाने के लिए सहमत हो गए थे. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>:</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49829125?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">शरद पवार बाघ की तरह जाग तो गए, लेकिन क्या अब देर हो गई है?</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50174973?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">देवेंद्र फडणवीस का राजनीतिक सफ़र और चुनौतियाँ</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50528118?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">शरद पवार बोले- विधायक हमारे साथ, बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे फडणवीस</a></li> </ul><p>12 और 23 नवंबर के बीच, तीनों दलों ने तीनों दलों के गठबंधन अंतिम रूप देने के लिए कई बैठकें कीं. गठबंधन का नाम, न्यूनतम साझा कार्यक्रम… ऐसा लगता है जैसे उन्हें विश्वास था कि भाजपा ने सरकार बनाने का विचार छोड़ दिया है. लेकिन भाजपा ने बार-बार कहा कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे.</p><p>तीनों दलों के बीच पकने वाली खिचड़ी में सब कुछ ठीक नहीं था. यह देखते हुए भाजपा ने अजित पवार पर दाना डाला. वह पहले भी एक बार राज्य के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं. </p><p>मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली प्रस्तावित राकांपा-कांग्रेस-शिवसेना सरकार में उनके फिर से उप मुख्यमंत्री बनने की संभावना थी. ऐसे में अपने ही चाचा के ख़िलाफ़ बग़ावत करके अजित पवार को क्या हासिल हुआ? </p><figure> <img alt="मुख्यमंत्री" src="https://c.files.bbci.co.uk/60C2/production/_109807742_bc8ced8d-3d4f-4fa1-ab48-d764e39b34bf.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>60 साल के भतीजे अजित पवार के पास प्रस्ताव स्वीकार करने के कई कारण थे. पहला और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे वह जेल जाने से बच जाएंगे. उनके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं. ऐसे में उन्हें भाजपा की साफ़ गंगा में नहाने की ज़रूरत है. यदि आपको मिठाई और भुखमरी के बीच चुनना पड़े, तो आप भूखा रहना क्यों चुनेंगे?</p><p>महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक से जुड़ा एक कथित घोटाला 25,000 करोड़ रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है. प्रवर्तन निदेशालय ने चुनाव से ठीक पहले इस साल अगस्त में इस कथित घोटाले के सिलसिले में अजित पवार के ख़िलाफ़ जांच शुरू की थी.</p><p> दूसरा, पुराना आरोप सिंचाई घोटाले को लेकर है. यह उस समय हुआ था जब अजित पवार पहली बार उप-मुख्यमंत्री बने थे.</p><p>जेल जाने से बचने के अलावा, एक और कारण है जिसके कारण अजित पवार ने भाजपा का प्रस्ताव स्वीकर किया. यदि वह एनसीपी को तोड़ने में सफल हो जाते हैं, तो उनका प्रयास शरद पवार का उत्तराधिकारी बनने का होगा. वह महाराष्ट्र में सुप्रिया सुले के विरोधी के रूप में मुख्य मराठा नेता बनने की कोशिश करेंगे. </p><p>अजित पवार की छवि अब एक भ्रष्ट बाहुबली की है. वह महाराष्ट्र में उसी तरह हैं जिस तरह उत्तर प्रदेश में शिवपाल यादव हैं. वह अब अपनी छवि बदलने की कोशिश कर सकते हैं. </p><figure> <img alt="महाराष्ट्र" src="https://c.files.bbci.co.uk/B2CA/production/_109807754_6872ca24-69fb-4a06-80c3-298a8646da19.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>हालांकि, किस्सा अभी खत्म नहीं हुआ है. कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना 30 नवंबर को विश्वास मत में भाजपा को हराने की पूरी कोशिश करेगी. और इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा सकता है.</p><p>हालांकि ऐसा नहीं लगता कि फडणवीस जल्द ही इस्तीफ़ा देंगे. लेकिन महाराष्ट्र में जिस तरह से चीज़ें सामने आई हैं, उसमें कुछ भी संभव है.</p><p>दलबदल विरोधी कानून से बचने के लिए, भाजपा को एनसीपी के दो तिहाई या 30 नवंबर को सदन में मौजूद एनसीपी के कम से कम दो तिहाई विधायकों की ज़रूरत होगी. </p><p>एनसीपी के पास 54 विधायक हैं और भाजपा को कम से कम 35 विधायकों की ज़रूरत है. शरद पवार का कहना है कि भाजपा के पास केवल 10-12 विधायक हैं. खेल अभी जारी है.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>:</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49987608?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">महाराष्ट्र चुनाव में कितना ज़ोर है वंशवादी राजनीति का</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49565548?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कहीं एनसीपी में अकेले तो नहीं रह जाएंगे शरद पवार?</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50174973?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">देवेंद्र फडणवीस का राजनीतिक सफ़र और चुनौतियाँ</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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