रांची, हटिया, बोकारो, धनबाद, में क्रमश: मतदान के प्रति महिलाओं का उत्साह कम
पूर्वी जमशेदपुर की महिलाएं सबसे अधिक जागरूक पिछले दो चुनावों में सबसे अधिक वोट डाले
2009 और 2014 में रांची में महिलाओं की वोटिंग थी सबसे कम
अशोक कुमार
धनबाद : पुरुषों के साथ हमेशा कंधे से कंधा मिला कर चलनेवाली आधी आबादी लोकतंत्र के उत्सव में भूमिका निभाने में अमूमन पीछे रहती हैं. राजधानी रांची की महिलाएं वोटिंग को लेकर गंभीर नहीं रहती. इसका अंदाजा 2009 और 2014 के चुनाव के मतदान प्रतिशत से लगाया जा सकता है. शहरी क्षेत्र की महिलाएं मतदान में फिसड्डी रही थीं.
हालांकि अर्द्धशहरी क्षेत्र की महिलाओं ने वोट डालने में जोश जरूर दिखाया था. राज्य के सात प्रमुख शहरी विधानसभा सीट रांची, हटिया, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, धनबाद, झरिया और बोकारो में मतदान के प्रति महिलाओं का उत्साह बेहद कम रहा है. पिछले दो चुनावों (2009 और 2014) में रांची की आधी आबादी मतदान में सबसे पीछे रही. 2009 में यहां की केवल 28.23 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया था. 2014 में आंकड़ों में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई, लेकिन यह भी अन्य शहरों के मुकाबले सबसे कमतर रहा. 2014 के चुनाव में यहां की सिर्फ 45.25 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाले थे. वैसे इन दोनों चुनावों में यहां के पुरुष मतदाताओं की वोटिंग दर भी सबसे कम रही थी.
जमशेदपुर पूर्वी की आधी आबादी बेहद जागरूक
इस बार यह सीट राज्य की सबसे हॉट विधानसभा क्षेत्र बन गयी है. पूरे देश की नजरें यहां टिकी हैं. सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास यहीं से चुनाव लड़ रहे हैं. सरयू राय रघुवर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस प्रवक्ता प्रो गौरव वल्लभ भी नामांकन किये हैं. इस सीट की एक खासियत इसे राज्य की अन्य शहरी विधानसभा सीटों से इतर विशिष्ट पहचान प्रदान करती है. यहां उल्लेखित सातों प्रमुख शहरी-अर्द्ध शहरी विधानसभा क्षेत्रों में यहां के मतदाता सबसे अधिक जागरूक हैं. महिला मतदाता भी इसमें पीछे नहीं हैं. 2009 में 40.81 प्रतिशत और 2014 में 58.64 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने वोट डाले थे. 2009 में 48.79 और 2014 में 62.9 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया था.
धनबाद से आगे झरिया की महिलाएं
धनबाद जिले में धनबाद व झरिया दो शहरी विधानसभा क्षेत्र हैं. इन दोनों में महिला मतदान के मामले में झरिया की स्थिति धनबाद से बेहतर है. 2009 के चुनाव के दौरान झरिया में 38.28 प्रतिशत और धनबाद में 37.38 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने वाटे डाले थे. 2014 में झरिया में 57.62 और धनबाद में 56.68 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया था. 2009 में झरिया में पुरुषों का मतदान 48.02 और धनबाद में 46.83 प्रतिशत रहा. 2014 में धनबाद में पुरुष मतदाताओं ने अधिक मतदान किया था.