<figure> <img alt="काबुल में पाकिस्तानी दूतावास" src="https://c.files.bbci.co.uk/B4CB/production/_109538264_657649d2-dbf1-4b05-a078-b837583df086.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>काबुल में पाकिस्तानी दूतावास</figcaption> </figure><p>पाकिस्तान ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में मौजूद अपने दूतावास के वीज़ा सेक्शन को अनिश्चित काल के लिए बंद करने का ऐलान किया है. </p><p>इस घोषणा के बाद से अफ़ग़ान नागरिकों को वीज़ा दिए जाने की प्रक्रिया भी रोक दी गई है. इसके पीछे पाकिस्तान ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है.</p><p>यह घोषणा उस समय की गई है जब काबुल में अफ़ग़ान अधिकारियों द्वारा पाकिस्तानी राजनयिकों के कथित उत्पीड़न की दो घटनाएं सामने आई थीं.</p><p>इसके अलावा, कुछ दिन पहले पाक-अफ़ग़ान सीमा पर दोनों देशों के सुरक्षाबलों की ओर से गोलीबारी भी हुई थी जिसमें पाकिस्तानी इलाक़े में पांच लोग ज़ख़्मी हो गए थे.</p><p>काबुल में पाकिस्तानी दूतावास की ओर से जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा गया है कि वीज़ा सेक्शन सुरक्षा कारणों से सोमवार से बंद रहेगा. इसके अलावा और कोई जानकारी नहीं दी गई.</p><figure> <img alt="अफ़ग़ान नागरिक" src="https://c.files.bbci.co.uk/102EB/production/_109538266_6e3ed7dc-beac-4690-86e1-0c774c3882fd.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><p>दो दिन पहले, अफ़ग़ानिस्तान में तैनात पाकिस्तानी राजनयिकों ने आरोप लगाया था कि अफ़ग़ान अधिकारी उन्हें काबुल में परेशान कर रहे हैं. उनका कहना था कि पाकिस्तानी राजनयिकों के वाहनों को कई बार रोका गया और वापस दूतावास भेज दिया गया.</p><p>पाकिस्तानी प्रशासन ने मीडिया को एक वीडियो भी जारी किया जिसमें अफ़ग़ान प्रशासन के लोग काबुल में उप राजदूत हसन वज़ीर और एक अन्य राजनयिक की गाड़ी को रोक रहे हैं.</p><p>पाकिस्तानी राजनयिकों का दावा है कि उन्हें अपनी मर्ज़ी से काबुल स्थिति दूतावास से बाहर भी नहीं निकलने दिया जा रहा, जिससे उन्हें कई समस्याएं हो रही हैं.</p><p>पाकिस्तान ने बाद में इस्लामाबाद में अफ़ग़ानिस्तान के कूटनीतिक प्रतिनिधि को विदेश मंत्रालय बुलाया और अपने राजनयिकों से हो रहे व्यवहार को लेकर चिंता जताई.</p><p>हालांकि, चार नवंबर को अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री की ओर से जारी बयान में दावा किया गया है कि पाकिस्तान में अफ़ग़ान राजनयिक को आईएसआई ने बुलाया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया.</p><p>पाकिस्तान ने अभी तक इस आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. न तो कोई पुष्टि की गई है और न ही इसका खंडन किया गया है.</p><p>यह ध्यान देने वाली बात है कि पेशावर में अफ़ग़ान वाणिज्य दूतावास भी पिछले तीन हफ्तों में बंद है जिसके कारण अफ़ग़ानिस्तान जाने की इच्छा रखने वाले पाकिस्तानियों को वीज़ा लेने में दिक्कत हो रही है.</p><p>अफ़ग़ान सरकार का कहना है कि पेशावर में अफ़ग़ान बाज़ार से अफ़ग़ानिस्तान का झंडा जबरन उतारे जाने के विरोध में उसने अपने इस दफ़्तर को बंद किया है. </p><p>अफ़ग़ान सरकार लंबे समय से इस बाज़ार पर अपने मालिकाना हक़ का दावा करती है जबकि एक पाकिस्तानी नागरिक ने दावा किया कि उसके पूर्वजों ने इस बाज़ार को लीज़ पर अफ़ग़ान सरकार को दिया था. मगर बाद में मामला कोर्ट में चला गया जहां फ़ैसला पाकिस्तानी नागरिक के पक्ष में आया.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49635066?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अफ़ग़ानिस्तान में युद्ध में क्यों फंसा है अमरीका </a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49660515?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अफ़ग़ानिस्तान में आया तालिबान तो भारत का क्या होगा?</a></li> </ul><figure> <img alt="पाकिस्तान के विदेश मंत्री" src="https://c.files.bbci.co.uk/1510B/production/_109538268_fe9f34ea-713d-4054-8092-d757fd629841.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>पाकिस्तान के विदेश मंत्री तालिबान के प्रतिनिधि के साथ</figcaption> </figure><h3>दबाव में है रिश्ता?</h3><p>पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के रिश्ते अधिकतर समय तनाव भरे रहे हैं. अगर ऐतिहासिक तौर पर देखें तो दोनों पड़ोसियों के बीच कई मामले अनसुलझे हैं.</p><p>अक्सर देखा गया है कि इन अनसुलझी समस्याओं के कारण ही कई बार गंभीर समस्याएं खड़ी हो जाती हैं.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49454773?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अफ़ग़ानिस्तान में अपनी सेना क्यों नहीं भेजता भारत – नज़रिया</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50203498?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’हम एक गुप्तचर संस्था के कर्मचारी हैं'</a></li> </ul><figure> <img alt="पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान सीमा" src="https://c.files.bbci.co.uk/1C73/production/_109538270_4127d2b6-cd85-4835-9849-577551cc2b07.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच सीमा को लेकर पुराना विवाद है</figcaption> </figure><h1>सीमा पर तनाव</h1><p>पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच मुख्य मुद्दा है सीमा का, जिसे डूरंड रेखा कहते हैं. इसे लेकर दोनों देशों के बीच विवाद रहता है.</p><p>अफ़ग़ानिस्तान शुरू से ही इस रेखा को मानने से इनकार करता है जबकि पाकिस्तान मानता है कि यह अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सीमा है.</p><p>दोनों देशों के बीच लंबी सीमा है और आरोप लगते हैं कि डूरंड रेखा के दोनों ओर मौजूद चरमपंथी इधर-उधर आते-जाते रहते हैं और एक-दूसरे के इलाक़ों में हमले करते हैं. </p><p>हालांकि, दिसंबर 2014 में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान ने सीमा पर कई इंतज़ाम किए थे. इनमें बाड़ लगाने और अफ़ग़ान नागरिकों को क़ानूनी ढंग से ही पाकिस्तान आने की इजाज़त देना प्रमुख हैं.</p><p>फिर भी, सीमा पर तनाव कम होने के कोई संकेत नहीं मिले. हाल के समय में दोनों देशों के बीच सीमा में फ़ायरिंग हुई है और पाकिस्तान के क्षेत्र में लोग भी जख़्मी हुए हैं.</p><figure> <img alt="सैनिक" src="https://c.files.bbci.co.uk/3BC8/production/_109540351_e74031c9-4974-4dfb-a458-4b9f1b185a68.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><h3>अफ़ग़ान युद्ध</h3><p>अफ़ग़ानिस्तान पर शोध करने वाले अधिकतर पत्रकारों और विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्ते अफ़ग़ानिस्तान में युद्ध शुरू होने के बाद से कभी स्थिर नहीं रहे.</p><p>हालांकि, अमरीका में 9/11 हमलों के बाद जब अफ़ग़ानिस्तान से तालिबान की सत्ता हटी तो स्थिति और ख़राब हो गई.</p><p>अफ़ग़ान मामलों पर नज़र रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार ताहिर ख़ान कहते हैं कि युद्ध ने दोनों ओर भरोसे की कमी पैदा कर दी है और फिर कई समस्याओं से घिरे इस मामले को सुलझाने के लिए कभी गंभीर प्रयास किए ही नहीं गए.</p><p>उन्होंने कहा, "दूसरी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि अफ़गानिस्तान में होने वाली हर बुरी घटना का दोष पाकिस्तान पर मढ़ दिया जाता है जबकि ऐसा है नहीं. इसी कारण यहां भी ऐसी ही भावना पैदा हो जाती है."</p><p>ताहिर ख़ान के अनुसार, पाकिस्तान और अफग़ानिस्तान ने पिछले साल इस अविश्वास को दूर करने के लिए कई प्रतिबद्धताएं जताई थीं और कहा था कि हम द्विपक्षीय मसलों को चर्चा से सुलझाएंगे. मगर दुर्भाग्य की बात है कि ऐसा हो नहीं पाया.</p><figure> <img alt="तालिबान" src="https://c.files.bbci.co.uk/E225/production/_109539875_eea1626c-0644-42a5-97af-dd2a85f1da7d.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>अंतरराष्ट्रीय मीडिया पर नज़र रखने वाले पत्रकार सामी यूसुफ़ज़ई कहते हैं कि दोनों देशों के बीच हाल के दिनों में ऐसी मसले उभरे हैं जिन्होंने तनाव धीरे-धीरे बढ़ा दिया है.</p><p>उन्होंने कहा कि पेशावर में अफ़ग़ान दूतावास को बंद कर दिया गया और उसके जवाब में पाकिस्तान ने काबुल में अपने दूतावास में वीज़ा देना बंद कर दिया.</p><p>सामी कहते हैं कि काबुल में पाकिस्तानी दूतावास हर रोज़ 1800 अफ़ग़ान नागरिकों को वीज़ा देता है और अगर इसे कुछ दिनों तक और बंद रखा जाता है तो अफ़ग़ान नागरिकों के लिए कई समस्याएं पैदा हो जाएंगी.</p><p>सामी यूसुफज़ई कहते हैं, "अफ़ग़ानिस्तान के सरकारी संस्थान बेशक नहीं चाहते कि दोनों देशों के रिश्ते ख़राब हों, मगर सरकार में कुछ तत्व ऐसे हैं जो पाकिस्तान विरोधी लॉबी से जुड़े हैं और नहीं चाहते कि रिश्ते बेहतर हों."</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48969599?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">ट्रंप की अफ़ग़ानिस्तान में हड़बड़ी से भारत को कितना नुकसान होगा</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50199564?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पाकिस्तान का क़रीबी सऊदी क्यों आ रहा भारत के साथ?</a></li> </ul><figure> <img alt="तालिबान नेता" src="https://c.files.bbci.co.uk/BB15/production/_109539874_55f4ef26-56ad-4cd8-9106-6882820ce011.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><h1>अमरीका-तालिबान शांति वार्ता</h1><p>क़तर की राजधानी दोहा में अफ़ग़ान तालिबान और अमरीकी प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की शांति वार्ता हुई मगर इसका कोई ख़ास नतीजा नहीं निकला.</p><p>अफ़ग़ान सरकार शुरू से ही इस संवाद में शामिल नहीं हुई. अमरीका के निर्देश पर पाकिस्तान के प्रयासों से हाल ही में वार्ता शुरू हुई थी मगर इसे लेकर राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी, अफ़ग़ान सरकार और अन्य अफ़ग़ान नेता समय-समय पर नाराज़गी और चिंताएं प्रकट करते रहे.</p><p>अफ़ग़ान सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इस साल फ़रवरी में चिट्ठी लिखकर शांति वार्ता में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर चिंता ज़ाहिर की थी. उन्होंने इसे अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तान का दख़ल माना था.</p><p>अफ़ग़ानिस्तान ने तालिबान के वार्ताकारों के पाकिस्तान दौरे का भी विरोध किया था. बाद में तालिबान टीम ने पाकिस्तान दौरे को टालने का ऐलान किया था.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान भिड़ते क्यों रहते हैं
<figure> <img alt="काबुल में पाकिस्तानी दूतावास" src="https://c.files.bbci.co.uk/B4CB/production/_109538264_657649d2-dbf1-4b05-a078-b837583df086.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>काबुल में पाकिस्तानी दूतावास</figcaption> </figure><p>पाकिस्तान ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में मौजूद अपने दूतावास के वीज़ा सेक्शन को अनिश्चित काल के लिए बंद करने का ऐलान किया है. </p><p>इस घोषणा के बाद से अफ़ग़ान नागरिकों को वीज़ा दिए जाने की प्रक्रिया भी रोक दी […]
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