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अफ़ग़ानिस्तान : राष्ट्रपति चुनाव में क्या हैं प्रमुख मुद्दे

<figure> <img alt="अफ़ग़ानिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/E254/production/_109004975_6c7cac5a-0dba-4334-927c-8294910aa839.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा की लगातार बढ़ती घटनाओं के बीच शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे.</p><p>अमरीका ने साल 2001 में तालिबान को अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता से हटाया था, उसके बाद से यहां चौथी बार राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं.</p><p>चुनाव मैदान में कुल 16 उम्मीदवार हैं […]

<figure> <img alt="अफ़ग़ानिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/E254/production/_109004975_6c7cac5a-0dba-4334-927c-8294910aa839.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा की लगातार बढ़ती घटनाओं के बीच शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे.</p><p>अमरीका ने साल 2001 में तालिबान को अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता से हटाया था, उसके बाद से यहां चौथी बार राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं.</p><p>चुनाव मैदान में कुल 16 उम्मीदवार हैं लेकिन मुख्य मुक़ाबला मौजूदा राष्ट्रपति अशरफ ग़नी और 2014 में सीईओ बनाए गए अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह के बीच माना जा रहा है. </p><figure> <img alt="अफ़ग़ानिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/13074/production/_109004977_capture.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>तालिबान ने चेतावनी दी है कि चुनाव में बाधा डालने के लिए वो मतदान केंद्रों को निशाना बनाएंगे. ऐसे में आशंका है कि कई इलाक़ों में ख़तरे की वजह से मतदान संभव नहीं हो. </p><p>अफ़ग़ानिस्तान बीते क़रीब चार दशक से जंग जैसे हालात से जूझ रहा है. लगातार बनी संघर्ष की स्थितियों के बीच हर साल हज़ारों लोगों की मौत हो रही है. दुनिया भर की सेनाएं देश में मौजूद हैं. </p><h1>हिंसा से तबाह देश</h1><p>नए राष्ट्रपति के सामने एक ऐसे देश की अगुवाई की चुनौती होगी जिसे दशकों की हिंसा ने तबाह कर दिया है. </p><p>क़रीब दो दशक पहले अमरीका की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने यहां सैन्य दख़ल दिया था. अब अमरीका संघर्ष ख़त्म करने के लिए तालिबान के साथ बातचीत की कोशिश में है. अफ़गानिस्तान में फिलहाल अमरीका के क़रीब 14 हज़ार सैनिक हैं. ब्रिटेन, जर्मनी और इटली के सैनिक भी वहां हैं. ये नैटो मिशन के तहत अफ़ग़ानिस्तान के सुरक्षा बलों को ट्रेनिंग देने, सलाह देने और उनकी मदद के लिए तैनात किए गए हैं. </p><figure> <img alt="अशरफ़ गनी" src="https://c.files.bbci.co.uk/22EC/production/_109004980_2653b89c-c4d9-42bd-b86e-58edfff69cb2.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान की सरकार को अवैध बताते हुए उनके साथ सीधी बातचीत से इनकार कर दिया है. </p><p>तालिबान ने ये भी कहा है कि अमरीका से समझौता होने के बाद ही वो अफ़ग़ानिस्तान के प्रशासन से बातचीत शुरू करेंगे. </p><h1>क्या है वोटरों की प्राथमिकता?</h1><p>ऐसे में अफ़ग़ानिस्तान में नया राष्ट्रपति कौन होगा, ये अमरीका के लिए प्राथमिक चिंता का मामला नहीं है बल्कि इसे लेकर वो लोग चिंतित हैं जो सेना, तालिबान और दूसरे विद्रोहियों के बीच टकराव में घिरे हुए हैं. </p><figure> <img alt="अफ़ग़ानिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/710C/production/_109004982_a3e31bc5-2c1a-4b6a-8846-80cbc1c16fba.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>बीबीसी की एक रिसर्च के मुताबिक अफ़ग़ानिस्तान में अगस्त महीने के दौरान संघर्ष में हर दिन औसतन 74 महिला, पुरुषों और बच्चों की मौत हुई. मारे गए लोगों में पांचवा हिस्सा आम लोगों का था. </p><p>संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक साल के शुरुआती छह महीनों में विद्रोहियों की तुलना में अफ़ग़ानिस्तान और अमरीका की सेना की कार्रवाई में ज्यादा आम लोगों की जान गईं. </p><p>नया राष्ट्रपति चुनते समय लोगों के एजेंडा में सबसे ऊपर ऐसे नेता का चयन होगा जो शांति ला सके. </p><figure> <img alt="अफ़ग़ानिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/A762/production/_109005824_0788bf60-0686-4855-abc3-022a66f093f9.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>धांधली की आशंका</h1><p>पांच साल पहले हुए राष्ट्रपति चुनाव में धांधली के आरोप लगे थे. नतीजे का एलान महीनों के बाद हो सका था. अमरीका ने दो प्रमुख दावेदारों के बीच समझौता कराया था और ‘नेशनल यूनिटी गर्वनमेंट’ बनी थी. </p><p>इस बार हालात कुछ बेहतर होंगे, इसकी उम्मीद कम है. </p><p>अफ़ग़ानिस्तान की कुल आबादी क़रीब तीन करोड़ 70 लाख है. इनमें से करीब 96 लाख मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं. आशंका है कि मतदान का प्रतिशत इससे भी कम रहेगा. ट्रांसपेरेंट इलेक्शन फ़ाउंडेशन ऑफ अफ़ग़ानिस्तान ने एक पोल कराया, इसमें हिस्सा लेने वाले आधे से ज़्यादा लोगों ने कहा कि वो वोट नहीं देंगे. </p><p>इसकी बड़ी वजह तालिबान की ओर से मिली धमकी है. देश के कई हिस्सों में तालिबान का नियंत्रण है. वहां अफ़ग़ानिस्तान की सरकार का या तो दख़ल नहीं है या फिर बेहद सीमित दख़ल है. ऐसे इलाकों में मतदान होना नामुमकिन माना जा रहा है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49660515?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अफ़ग़ानिस्तान में आया तालिबान तो भारत का क्या होगा?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49454773?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अफ़ग़ानिस्तान में अपनी सेना क्यों नहीं भेजता भारत – नज़रिया</a></li> </ul><p>संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अफ़ग़ानिस्तान में बेरोज़गारी की दर 25 फ़ीसदी है. देश की कुल आबादी के क़रीब 55 फ़ीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं. 2014 में राष्ट्रपति पद के दो अहम दावेदार इस बार भी रेस में सबसे आगे हैं. दोनों पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगे.</p><p>चुनाव के लिए चार हज़ार 942 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. सुरक्षा बलों के 72 हज़ार जवानों की तैनाती की गई है और कुल 26 हज़ार पर्यवेक्षक मौजूद हैं.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां 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