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सरकार की घोषणा से कितने हाउसिंग प्रोजेक्ट को मिलेगा फ़ायदा?

<figure> <img alt="फ्लैट" src="https://c.files.bbci.co.uk/D049/production/_108812335_2a2244e7-c5f7-46e5-bbe7-995863c2bb5a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>भारत की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को कम और उसमें तेज़ी लाने के मक़सद से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कई क़दम उठाने की घोषणा की है.</p><p>शनिवार को वित्त मंत्री पत्रकारों से मुख़ातिब हुईं और उन्होंने लगभग डूब चुके रियल इस्टेट सेक्टर को उभारने के बारे में […]

<figure> <img alt="फ्लैट" src="https://c.files.bbci.co.uk/D049/production/_108812335_2a2244e7-c5f7-46e5-bbe7-995863c2bb5a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>भारत की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को कम और उसमें तेज़ी लाने के मक़सद से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कई क़दम उठाने की घोषणा की है.</p><p>शनिवार को वित्त मंत्री पत्रकारों से मुख़ातिब हुईं और उन्होंने लगभग डूब चुके रियल इस्टेट सेक्टर को उभारने के बारे में भी बाते कीं. </p><p>एक बड़े ऐलान के तहत वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अब मध्यम आय‌ वर्ग के लोगों के और सस्ते घरों के लिए 10,000 करोड़ रुपये की मदद करेगी. यह आधे-अधूरे बन चुके घरों के लिए होगा. वहीं इतनी ही राशि निजी क्षेत्र से भी जुटाई जाएगी. </p><p>निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रोफ़ेशनल्स के ज़रिए फ़ंड मैनेज किया जाएगा. यह फ़ंड उन्हीं हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को मिलेगा जो NPA नहीं हैं और न ही NCLT में हैं. </p><p>आखिर वित्त मंत्री की इस घोषणा से किन्हें लाभ होगा और क्या सालों से अपने घर का सपना संजोए बैठे लोगों को घर मिल सकेगा. </p><p>इसी संबंध में<strong> बीबीसी संवाददाता गुरप्रीत सैनी </strong>ने बात की <strong>रियल इस्टेट सर्विस कंपनी एनारोक के रिसर्च हेड प्रशांत ठाकुर </strong>से. पढ़िए उनका नज़रिए.</p><figure> <img alt="हाउसिंग प्रोजेक्ट" src="https://c.files.bbci.co.uk/17C9B/production/_108853479_a83f8da7-ea8a-4a10-a842-e9648d693fe4.jpg" height="351" width="624" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>सरकार की घोषणा यह बताती है कि वह रियल इस्टेट को उसके बुरे दौर से निकालने की कोशिश करना चाहती है. </p><p>लेकिन सरकार ने साथ ही यह भी साफ़ कर दिया है कि वह उन्हीं प्रोजेक्ट में मदद पहुंचाएगी जो एनपीए के अंदर नहीं आए हैं. इतना ही नहीं सरकार ने यह भी कहा है कि वह सिर्फ़ किफ़ायती दरों के भीतर आने वाले प्रोजेक्टों में ही अपनी मदद देगी.</p><p>यानी सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह उन्हीं प्रोजक्ट की तरफ़ देख रही है जिनकी फ़ंडिंग अपने अंतिम दौर पर पहुंच चुकी थी या जो प्रोजेक्ट ख़त्म ही होने वाले थे.</p><p>वैसे चाहे जो भी हो, इस क़दम का स्वागत होना चाहिए क्योंकि रियल इस्टेट सेक्टर जिस दौर से गुज़र रहा है वहां थोड़ी बहुत मदद भी बहुत ज़रूरी है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49220146?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">आम्रपाली पर फ़ैसला संकटग्रस्त हाउसिंग सेक्टर में जान डालेगा?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49106478?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">आम्रपाली से जुड़ी कंपनी में धोनी की पत्नी निदेशक</a></li> </ul><p><a href="https://twitter.com/ANI/status/1172814297992331266">https://twitter.com/ANI/status/1172814297992331266</a></p><p><strong>घर </strong><strong>ख़रीददारों </strong><strong>को क्या फ़ायदा?</strong></p><p>मौजूदा वक़्त में बहुत से प्रोजेक्ट अपने तय वक़्त से पीछे खिसक गए हैं. लोगों को जिस समय तक घर की चाबी मिलने की बात कही गई थी, वो तारीख़ें कब की निकल चुकी हैं.</p><p>इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि जिस प्रोजेक्ट में घर ख़रीददारों ने बुकिंग करवाई है वो प्रोजेक्ट ही पूरे नहीं हुए हैं. उनके अधूरे रहने की वजह यह है कि डेवेलपर्स के पास उन्हें पूरा करने का पैसा ही नहीं है.</p><p>ऐसे हालात में अब जब सरकार की तरफ़ से इन्हें पूरा करने में मदद दी जाएगी तो अपने अंतिम चरण तक पहुंचकर रुक जाने वाले प्रोजेक्ट पूरे हो सकेंगे, और इसका सीधा लाभ वहां बुकिंग करवाने वाले घर ख़रीददारों को ही मिलेगा.</p><p>इसके साथ-साथ रियल इस्टेट बाज़ार के माहौल में भी फ़र्क़ देखने को मिलेगा. अभी यहां बहुत ज़्यादा नकारात्मकता का भाव फैला हुआ है.</p><p>सरकार की इस पहल से इस नकारात्मक माहौल में कुछ कमी ज़रूर आएगी, इससे ग्राहकों को भी लगेगा कि यहां फ्लैट ख़रीदने में ख़तरा कम है.</p><figure> <img alt="फ्लैट" src="https://c.files.bbci.co.uk/11E69/production/_108812337_88b52b7f-79a1-44ee-9cf7-4e513c5cfe6d.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>कितने प्रोजेक्टों को मिल सकता है फ़ायदा?</h1><p>अगर मोटे तौर पर देखा जाए तो अभी 1 लाख 74 हज़ार यूनिट भारत के सात शहरों में अटके पड़े हैं. </p><p>इसमें यह देखना होगा कि सरकार की इस स्कीम में कितने प्रोजेक्ट शामिल हो पाते हैं.</p><p>सरकार ने बताया है कि वह बजट सेगमेंट जिसे किफ़ायती दरों का नाम भी दिया जाता है, उन्हें ही मदद करेगी.</p><p>वैसे तो बजट सेगमेंट की कोई निर्धारित व्याख्या नहीं है, यह अलग-अलग शहरों में अलग-अलग हो जाती है. लेकिन फिर भी माना जाता है कि 45 लाख से नीचे वाले घर बजट सेगमेंट में आते हैं.</p><p>लेकिन इसके अलावा किसी शहर में 80 लाख तक का घर भी बजट सेगमेंट में माना जाता है वहीं किसी शहर में 40-45 लाख के घर को इस सेगमेंट में शामिल करते हैं. </p><p>इसलिए ज़रूरी है कि सरकार इस दिशा में भी स्पष्टता लेकर आए, बजट सेगमेंट में कितनी क़ीमत तक के घर आएंगे इसकी परिभाषा तय होनी आवश्यक है. </p><p><strong>क्या इतनी </strong><strong>रक़म </strong><strong>काफ़ी होगी?</strong></p><p>रियल इस्टेट सेक्टर जिस दौर से गुज़र रहा है, उसके लिए 10 हज़ार करोड़ रुपयों की मदद को काफ़ी तो नहीं कहा जा सकता. क्योंकि इस सेक्टर को बहुत मदद की ज़रूरत है.</p><p>लेकिन इतना ज़रूर माना जा सकता है कि इससे रियल इस्टेट सेक्टर में यह संदेश पहुंचा है कि सरकार उनकी मदद करना चाहती है, उस सेक्टर को मुश्किल से बाहर निकालना चाहती है.</p><p>सरकार इसके अलावा भी कई दूसरे क़दम उठा सकती थी, जैसे वह बजट सेगमेंट के दायरे को 45 लाख से बढ़ाकर थोड़ा और आगे खिसका सकती थी.</p><p>लेकिन सरकार का यह पहला क़दम अच्छा कदम है और यह माना जाना चाहिए कि वह आगे भी इस सेक्टर के बारे में सोचेगी.</p><p><strong>ये भी पढ़ेंः</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-41902184?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">नोटबंदी: पहले से सुस्त रियल इस्टेट की कमर टूटी</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49220146?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">आम्रपाली पर फ़ैसला संकटग्रस्त हाउसिंग सेक्टर में जान डालेगा?</a></li> </ul> <ul> <li><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2016/04/160416_harbhajan_singh_dhoni_du?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">भज्जी ने आम्रपाली बिल्डर्स पर निकाला ग़ुस्सा</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a 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