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ज़ोमैटो के मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय से खाना ना लेने वाले को पुलिस वॉर्निंग

<figure> <img alt="अमित शुक्ला" src="https://c.files.bbci.co.uk/311E/production/_108147521_amitshukla.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Amit Shukla/Twitter</footer> </figure><p>मध्यप्रदेश की ‘संस्कारधानी’ के तौर पर जाने जाने वाले जबलपुर शहर की पुलिस ने उस व्यक्ति को नोटिस देने का फैसला किया है जिसने ज़ोमैटो के डिलीवरी ब्वॉय के मुसलमान होने की वजह से ऑर्डर कैंसिल कर दिया था. </p><p>पं. अमित शुक्ला नाम के ग्राहक […]

<figure> <img alt="अमित शुक्ला" src="https://c.files.bbci.co.uk/311E/production/_108147521_amitshukla.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Amit Shukla/Twitter</footer> </figure><p>मध्यप्रदेश की ‘संस्कारधानी’ के तौर पर जाने जाने वाले जबलपुर शहर की पुलिस ने उस व्यक्ति को नोटिस देने का फैसला किया है जिसने ज़ोमैटो के डिलीवरी ब्वॉय के मुसलमान होने की वजह से ऑर्डर कैंसिल कर दिया था. </p><p>पं. अमित शुक्ला नाम के ग्राहक ने ज़ोमैटो के डिलीवरी ब्वॉय से खाना सिर्फ़ उसके मज़हब की वजह से लेने से मना कर दिया था. </p><p>जबलपुर पुलिस ने इस मामले में अपनी तरफ से ही नोटिस देने का फैसला किया है जबकि इनके ख़िलाफ उन्हें कोई शिकायत नही मिली है. </p><p>पुलिस ने ये नोटिस उस व्यक्ति द्वारा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की वजह से देने का फैसला किया है. </p><p>जबलपुर के एसपी अमित सिंह ने बीबीसी से कहा, &quot;हमने उन्हें नोटिस भेजा है. इसके तहत उन्हें बॉन्ड पर साइन करना होगा.&quot; </p><p>उन्होंने कहा, &quot;अगर संविधान के ख़िलाफ़ जाकर उन्होंने कुछ भी काम किया तो उनके ख़िलाफ कारवाई की जाएगी. अगले छह महीने के लिये उन पर नज़र रखी जाएगी.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/ZomatoIN/status/1156429449258250240">https://twitter.com/ZomatoIN/status/1156429449258250240</a></p><h1>ज़ोमैटो की कस्टमर सर्विस</h1><p>फैयाज़ खान नाम के डिलीवरी ब्वॉय अब इस मामलें को ज्यादा तूल देना नही चाहते हैं. </p><p>उन्होंने बताया कि किस वजह से उसका ऑर्डर कैंसल किया गया उन्हें पता ही नही था. फैयाज़ ने कहा, &quot;मुझे बाद में पता चला कि इसी वजह शायद मेरा मुसलमान होना है.&quot;</p><p>फैयाज़ खान ने बताया, &quot;इस तरह से पहले मेरे साथ कभी भी नही हुआ. ये पहली बार है कि इस तरह से मेरे साथ किसी ने किया है. वह भी मुझे सीधे नही बोला बल्कि मुझे दूसरों से पता चला है कि आर्डर इस वजह से किया गया.&quot;</p><p>फैयाज़ खान का कहना है कि उनके साथ हमेशा हर ग्राहक का व्यवहार अच्छा रहा है. उन्हें किसी भी तरह से ख़राब बर्ताव का सामना नही करना पड़ा है. </p><p>फैयाज़ खान अब मीडिया से बचने की कोशिश कर रहे है. </p><p>वही पं. अमित शुक्ला जिन्होंने इस ऑर्डर को सिर्फ इसलिए कैंसल किया था कि वह डिलीवरी गैर हिंदू से करवाई जा रही थी, ने कहा कि उन्होंने ट्वीट ज़ोमैटो की कस्टमर सर्विस को लेकर किया था, लेकिन उसे अलग ही रंग दे दिया गया.</p><p>उन्होंने कहा, &quot;क्योंकि ये सावन का समय है और दिन में हम खाना नही खाते है और रात में खाने का ऑर्डर वेज होटल से किया था. लेकिन जैसे ही देखा कि इसकी डिलीवरी गैर-हिंदू करेगा तो मैंने उसे बदलना चाहा. जब वो नही हुआ तो मैंने उसे कैंसल करने को कहा. तब उन्होंने कहा कैंसिल तो हो जाएगा लेकिन पैसा रिफंड नही होगा. उसके बाद मैंने उसे कैंसल कर दिया.&quot;</p><h1>बिज़नेस प्रैक्टिस</h1><p>अमित शुक्ला अपने आप को आरएसएस का करीबी बताते है और ट्विटर पर उन्हें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी फ़ॉलो करते है. हालांकि अब उनका ट्विटर एकाउंट दिखना बंद हो गया है. </p><p>अमित शुक्ला का मानना है कि इसे पूरे मामले को धार्मिक रंग उन्होंने नही दिया बल्कि समाज का एक तबक़ा है उसने दिया. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;मैंने तो सिर्फ बिज़नेस प्रैक्टिस पर सवाल उठाए थे. ये मेरे धार्मिक विश्वास का मामला है.&quot;</p><p>वहीं, इस मामलें पर दूसरे डिलीवरी ब्वॉयज़ से बात करने की कोशिश की गई तो ज्यादातर बचते नज़र आए. </p><p>एक डिलीवरी ब्वॉय ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आमतौर पर लोगों को व्यवहार अच्छा ही होता है लेकिन कुछ ऐसे लोग रहते है जो अच्छा व्यवहार नही करते है. लेकिन वो इस पर कुछ नही कर सकते क्यों कि उन्हें अपना घर चलाने के लिए सहना पड़ता है. </p><p>वही रूपाली रेस्तरां के मालिक संतोष पाल ने इस पूरे मामले पर दुख व्यक्त किया है. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;मुझे बहुत दुख हो रहा है. इक्कीसवीं सदी का भारत और उस भारत में रहने वाले हम पढ़े लिखे लोग. हम कहा पहुंचे चुके है. इंटरनेट का ज़माना है और हमारी मानसिकता हिंदू-मुसलमान पर अटकी हुई है. यह बड़े दुख का विषय है इसकी आवश्यकता इस देश में नही है. यह मानसिक विकृति है और इससे हमें दूर रहना चाहिये.&quot; </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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