<figure> <img alt="सीसीडी के मालिक वी जी सिद्धार्थ" src="https://c.files.bbci.co.uk/CA3B/production/_108117715_eceefede-89c4-4fa9-9971-5bc64156acd9.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>सीसीडी के मालिक वी जी सिद्धार्थ</figcaption> </figure><p>मेंगलुरु में नेत्रावती नदी के पास एक पुल से लापता हुए कैफ़े कॉफ़ी डे चेन के मालिक वीजी सिद्धार्थ को भारत में कॉफ़ी को लोकप्रिय बनाने का श्रेय जाता है. </p><p>ख़ूबसूरत तरीक़े से डिज़ाइन किये गए कैफ़े के ज़रिए उन्होंने चाय पसंद करने वाली भारतीय जनता के बीच, ख़ासकर युवाओं में कॉफ़ी पीने की आदत को बढ़ावा दिया.</p><p>दक्षिण भारतीय रेस्टोरेंट में आम तौर पर बिकने वाली कॉफ़ी के मुक़ाबले सिद्धार्थ ने कैफ़े कॉफ़ी डे, जिसे सीसीडी के नाम से भी जाना जाता है, को देश का सबसे बड़ा ब्रांड बना दिया.</p><p>उन्होंने स्टार बक्स जैसे अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ने के लिए देश भर में कई शहरों की प्रमुख जगहों पर सीसीडी के आउटलेट खोले. </p><p>लेकिन उनका सबसे बड़ा योगदान रहा, घरेलू काफ़ी खपत को बढ़ाना और कॉफ़ी उत्पादन करने वाले छोटे और हाशिए के उत्पादकों को बढ़ावा और विकल्प देना.</p><p>कॉफ़ी उत्पादक उतार चढ़ाव वाले अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में निर्यात पर पूरी तरह निर्भर थे.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49160740?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">CCD के मालिक वी जी सिद्धार्थ लापता </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-tra-45698757?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कॉफ़ी की पैदाइश कहाँ हुई? जानते हैं आप</a></li> </ul><figure> <img alt="कैफ़े कॉफ़ी डे" src="https://c.files.bbci.co.uk/1185B/production/_108117717_8161ffa6-e10d-4024-946e-0eb4f9267ba5.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>इंडियन कॉफ़ी बोर्ड के पूर्व वाइस चेयरमैन डॉ एसएम कावेरप्पा ने बीबीसी हिंदी को बताया, "अकेले दम पर उन्होंने भारत में घरेलू कॉफ़ी खपत को बढ़ाने का काम किया. इसमें कोई शक नहीं है. उन दिनों हम पूरी तरह निर्यात पर निर्भर थे और इसकी बिक्री पर भारी नियम क़ायदे हुआ करते थे."</p><p>डॉ कावरेप्पा कहते हैं, "कुछ सालों तक कॉफ़ी की घरेलू खपत दो फ़ीसद सालाना की दर से बढ़ी. और हम इसका पूरा श्रेय सिद्धार्थ को दे सकते हैं."</p><p>डॉ कावरेप्पा कोडागू में खुद कॉफ़ी उगाते हैं और 2007 से 2009 और 2014 से 2016 तक इंडियन कॉफ़ी बोर्ड के वाइस चेयरमैन रहे.</p><p> गोडागु में कॉफ़ी ग्रोवर्स कोआपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी के अध्यक्ष एमबी देवैयाह का कहना है, "कुछ साल पहले जब मैं वैष्णो देवी गया था, वहां पांच रुपये में कॉफ़ी पीने को मिली."</p><p>सिद्धार्थ चिकमंगलुरु में एक कॉफ़ी उगाने वाले परिवार से आते हैं. लेकिन मंगलुरु विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद, सिद्धार्थ बाकी लोगो की तरह ही कर्नाटक के मलनाड इलाक़े से मुंबई चले गए. </p><p>बेंगलुरु वापस आने से पहले उन्होंने एक निवेश कंपनी में काम किया और खुद की एक कंपनी सीवान सिक्युरिटीज़ की स्थापना की. </p><p>साल 1996 में सिद्धार्थ ने बेंगलुरु की सबसे व्यस्थ सड़क ब्रिगेड रोड पर कैफ़े कॉफ़ी डे का पहला आउटलेट खोला. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-44030188?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">नेस्ले ने 460 अरब में किया कॉफ़ी बेचने का सौदा</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-40473421?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">गाली देने वालों को कॉफ़ी पिलाती मुस्लिम नेता</a></li> </ul><figure> <img alt="कॉफ़ी" src="https://c.files.bbci.co.uk/1667B/production/_108117719_ca5dc963-a195-46bb-b9e8-5bd4e8b8d40a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>ये वही समय था जब बेंगलुरु में इनफ़ार्मेशन टेक्नोलॉजी की क्रांति शुरू ही हो रही थी. आज की तरह इंटरनेट सबके लिए मुफ़्त नहीं था.</p><p>इंटरनेट पर काम करते हुए एक कप कैपुचिनो, बहुतों के लिए एक शानदार अनुभव हुआ करता था. उस समय एक कप कॉफ़ी के साथ एक घंटे इंटरनेट के इस्तेमाल की क़ीमत 60 रुपये हुआ करती थी. </p><p>साल 2001 में सिद्धार्थ के पूराने कारोबारी सहयोगी नरेश मल्होत्रा कॉफ़ी बिज़नेस में साथ आए, लेकिन तबतक सीसीडी ब्रिगेड रोड के अलावा शहर के अन्य हिस्सों में भी पहुंच गया था. </p><p>दोनों के साथ आने के बाद सीसीडी के आउटलेड पूरे देश में खुले. </p><p>एक सिद्धार्थ ने इस रिपोर्टर से कहा था, "मल्होत्रा चाहते थे कि अमृतसर के लोग नाश्ते में चाय की बजाय कॉफ़ी पियें."</p><p>आज सीसीडी समाज के सभी तबके का एक मीटिंग प्वाइंट बन चुका है- युवा प्रोफ़ेशनलों से लेकर शादी विवाह के लिए पहली दफ़े मिलने वाले परिवारों तक. पूरे देश में सीसीडी के क़रीब 1700 आउटलेट हैं. </p><p>नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर एक रीयल इस्टेट ब्रोकर ने कहा, "आज भी किसी इमारत में सीसीडी की वजह से अन्य कारोबार भी आकर्षित होते हैं."</p><p><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2014/01/140113_caffine_effect_ra?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या याददाश्त भी बढ़ाएगी कॉफ़ी-</a></p><figure> <img alt="कॉफ़ी उत्पादक" src="https://c.files.bbci.co.uk/3BB1/production/_108118251_b42119e1-d486-4958-a84f-4337c03ef23d.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>एक कॉफ़ी इस्टेट रखने वाले परिवार से आने वाले एक पत्रकार बताते हैं, "वो उन लोगों से बिल्कुल अलग थे जो कार्पोरेट जगत में बैठकी करते हैं. उन्होंने हमेशा अपने रिश्तेदारों और अपने गांव के लोगों से लगातार संपर्क बनाए रखा. उस गांव में उनके परिवार का कॉफ़ी इस्टेट क़रीब एक सदी पुराना है."</p><p>डॉ कावेरप्पा कहते हैं, "लोगों में उनकी छवि एक अच्छे व्यक्ति के रूप में थी लेकिन सीसीडी को खोलने में उन्होंने थोड़ी जल्दबाज़ी की, बिना नफ़े नुकसान का आकलन किए हुए. उदाहरण के लिए कॉफ़ी उगाने वाले एक दोस्त ने बताया था कि मदिकेरी और मेंगलुरु के बीच हाईवे पर ग्रामीण इलाक़े में कुछ आउटलेट खोले."</p><p>मार्च 2019 में सीसीडी का कारोबार 1814 करोड़ रुपये था. पिछले साल माइंडट्री कंसल्टिंग में अपनी हिस्सेदारी को एलएंडटी को बेचने के बाद 2,858 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया गया था. </p><p>साल 2017 में सिद्धार्थ के कार्यालय पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापा डाला था. </p><p>वी जी सिद्धार्थ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा के दामाद भी हैं. </p><p>देवैयाह ने कहा, "कॉफ़ी उगाने वालों के लिए इतना कुछ करने वाले व्यक्ति क्यों निराश हो."</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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CCD की वजह से बढ़ी भारत में कॉफ़ी की ख़पत
<figure> <img alt="सीसीडी के मालिक वी जी सिद्धार्थ" src="https://c.files.bbci.co.uk/CA3B/production/_108117715_eceefede-89c4-4fa9-9971-5bc64156acd9.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>सीसीडी के मालिक वी जी सिद्धार्थ</figcaption> </figure><p>मेंगलुरु में नेत्रावती नदी के पास एक पुल से लापता हुए कैफ़े कॉफ़ी डे चेन के मालिक वीजी सिद्धार्थ को भारत में कॉफ़ी को लोकप्रिय बनाने का श्रेय जाता है. </p><p>ख़ूबसूरत तरीक़े से डिज़ाइन किये […]
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